Operation Shield mock drill begin: हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में सायरन बजते ही 30 सेकेंड में पहुंची एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड, रात में ब्लैकआउट की तैयारी

हवाई हमलों से बचाव और युद्ध जैसी स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आज 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। यह अभ्यास शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा, जिसमें रात 8 बजे से 8:15 बजे तक 15 मिनट का ब्लैकआउट भी शामिल है। शाम 5 बजते ही पूरे क्षेत्र में एयर रेड सायरन बजने शुरू हो गए, जिसके बाद विभिन्न स्थानों पर, खासकर लघु सचिवालयों में, मॉक ड्रिल की गतिविधियां तेजी से शुरू हो गईं। शुरुआती प्रतिक्रिया बेहद प्रभावशाली रही, कई जगहों पर सायरन बजने के मात्र 30 सेकेंड के भीतर ही एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच गईं।
शाम 5 बजते ही सायरन की गूंज सुनाई दी
जैसे ही शाम 5 बजे सायरन की गूंज सुनाई दी, पूरे हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के चिन्हित क्षेत्रों में हलचल तेज हो गई। लघु सचिवालय और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक इमारतों में, जहां मॉक ड्रिल का मुख्य केंद्र था, लोगों को तुरंत और व्यवस्थित तरीके से बिल्डिंग से बाहर निकालना शुरू किया गया। इन 'घायलों' को तुरंत एम्बुलेंस में डालकर नजदीकी अस्पतालों में भेजने का अभ्यास किया गया, ताकि आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जा सके।
लाइव अपडेट्स के कुछ प्रमुख बिंदु
•उचाना : पावर ग्रिड में मॉक ड्रिल शुरू हो चुकी है।
•फरीदाबाद : लघु सचिवालय में एम्बुलेंस तेजी से पहुंची और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौजूद रहीं।
•महेंद्रगढ़ : लघु सचिवालय से लोगों को सफलतापूर्वक निकाला गया।
•चरखी दादरी : हालांकि, चरखी दादरी के BDPO ऑफिस में फायर ब्रिगेड को अंदर घुसने में कुछ दिक्कतें आईं, जो कि ऐसे अभ्यासों में सामने आने वाली कमियों को दर्शाता है, ताकि भविष्य में सुधार किया जा सके।
•रोहतक: डीसी ऑफिस में भी मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक आयोजित की गई।
•करनाल: SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए लोगों को बाहर निकाला और एम्बुलेंस में भेजा। सायरन बजते ही फायर ब्रिगेड भी 31 सेकंड में पहुंच गई।
•जींद: सायरन बजते ही फायर ब्रिगेड तेजी से घटनास्थल पर पहुंची।
•फतेहाबाद: लघु सचिवालय में मॉक ड्रिल की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं और ब्लैकआउट को लेकर भी अनाउंसमेंट किया गया।
ये सभी अपडेट्स इस बात का संकेत देते हैं कि प्रशासन और संबंधित विभाग इस मॉक ड्रिल को गंभीरता से ले रहे हैं और अपनी तैयारियों को पुख्ता करने का प्रयास कर रहे हैं।
रात 8 बजे से 8:15 बजे तक का ब्लैकआउट
मॉक ड्रिल के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में, आज रात 8:00 बजे से 8:15 बजे तक 15 मिनट का ब्लैकआउट होगा। इस दौरान, सभी घरों, दुकानों, कार्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अपनी बाहरी और आंतरिक लाइटें बंद करनी होंगी। यह अभ्यास युद्धकालीन जैसी आपात स्थिति के प्रति नागरिकों को सजग करने और उन्हें प्रकाश नियंत्रण के महत्व को समझाने के लिए किया जा रहा है, ताकि दुश्मन के हवाई हमलों से बचा जा सके। हालांकि, अस्पताल, फायर स्टेशन और पुलिस स्टेशन जैसी आवश्यक आपातकालीन सेवाओं को इस ब्लैकआउट से छूट दी गई है।
'ऑपरेशन शील्ड' से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां और इसका उद्देश्य
1.सायरन पहला संकेत: ऑपरेशन शील्ड की शुरुआत पूरे प्रदेश में एक साथ सायरन बजाकर की गई। यह हवाई हमले या ड्रोन अटैक की सूरत में आम जनता के लिए एक स्पष्ट संकेत होगा। सरकार ने हाल ही में शहरों और गांवों, दोनों में सायरन लगवाए हैं। इस दौरान एयरफोर्स के साथ बने कंट्रोल रूम की हॉटलाइन का भी परीक्षण किया जा रहा है।
2.मॉक ड्रिल का समय: गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि सभी 22 जिलों में शाम 5 बजे से मॉक ड्रिल शुरू हुई है, जो रात 9 बजे तक चलेगी। इसमें जख्मियों की मदद के लिए एम्बुलेंस और आग लगने की सूरत में फायर ब्रिगेड का रिस्पांस टाइम देखा जा रहा है।
3.ब्लैकआउट के निर्देश: अतिरिक्त गृह सचिव के मुताबिक, ब्लैकआउट 15 मिनट का होगा। रात 8 बजे से 8:15 बजे तक। आवश्यक सेवाओं को छूट मिलेगी।
4.बाहरी लाइटें बंद: सूर्यास्त के बाद सभी घरों, दुकानों, कार्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अपनी बाहर की लाइटें पूरी तरह बंद करनी होंगी। पेट्रोल पंप और शराब के ठेकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
5.घरों के भीतर पर्दे: ब्लैकआउट के दौरान लोग घरों के अंदर बिजली का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन उन्हें खिड़की और दरवाजों पर मोटे पर्दे लगाना अनिवार्य होगा, ताकि भीतर की रोशनी बाहर न आ सके।
6.सहभागी संगठन: इस मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस वार्डन, पंजीकृत स्वयंसेवक, और राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स जैसे युवा संगठन शामिल होंगे। ये सभी युद्ध या हवाई हमले की सूरत में आपातकालीन तैयारियों में मदद करेंगे।
'ऑपरेशन शील्ड' का मुख्य मकसद राज्य में आपातकालीन तैयारियों को देखना और युद्ध या हवाई हमले की सूरत में प्रभावी ढंग से जवाब देने की क्षमता को बढ़ाना है। यह अभ्यास संकट के वक्त जल्दी और सही मदद सुनिश्चित करने के लिए आम लोगों, सुरक्षा बलों और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने पर केंद्रित है। साथ ही, हवाई या ड्रोन हमले के वक्त पैदा हुई स्थिति के हिसाब से कमियों को परखकर उन्हें भविष्य के लिए दूर किया जाएगा।
तैयारियों का आकलन और कमियों को दूर करना
उपायुक्त (DC) अजय कुमार ने बताया कि इस मॉक ड्रिल से सभी विभागों की आपातकालीन तैयारियों का आकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली डिफेंस मॉक ड्रिल में जो कमियां रह गई थीं, उन्हें इस बार पूरा किया गया है। यह अभ्यास सभी संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने और उनके बीच समन्वय स्थापित करने में मदद करेगा, ताकि किसी भी वास्तविक आपात स्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दी जा सके। इसका सीधा लाभ आम नागरिकों को मिलेगा, जिनकी सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पूरे जिले में बजेगा एयर रेड सायरन
डीसी अजय कुमार ने जानकारी दी कि आज 31 मई को शाम 5 बजे एक चिह्नित सैन्य क्षेत्र में 'एयर रेड' की सूचना के साथ पूरे जिले में सायरन बजाया जाएगा। यह सायरन एक चेतावनी के रूप में काम करेगा, जिसका उद्देश्य नागरिकों को संभावित खतरे के प्रति सचेत करना है। सभी संबंधित विभागों को इस संबंध में पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए हैं, ताकि वे अभ्यास के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
रात 8 से 8:15 बजे तक ब्लैकआउट
डीसी अजय कुमार ने बताया कि 31 मई की रात 8:00 बजे से 8:15 बजे तक गुरुग्राम जिले में ब्लैकआउट रखा जाएगा, 15 मिनट की अवधि में सभी लाइटें बंद रहेंगी। इसका उद्देश्य नागरिकों को युद्धकालीन जैसी आपात स्थिति के प्रति सजग करना है, ताकि वे प्रकाश नियंत्रण के महत्व को समझ सकें।
डीसी ने नागरिकों से विशेष अपील की है कि यह अभ्यास उनकी सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। उन्होंने अनुरोध किया है कि रात्रि 8:00 से 8:15 बजे तक सभी नागरिक अपनी बाहरी और आंतरिक लाइटें बंद रखें। साथ ही, मोबाइल फ्लैश लाइट या किसी अन्य प्रकार के प्रकाश का उपयोग न करें और पूरी तरह से सतर्क रहते हुए प्रशासन का सहयोग करें। यह सहयोग ही इस अभ्यास को सफल बनाने में मदद करेगा।
आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करें और अफवाहों से बचें
डीसी ने यह भी अपील की है कि एयर रेड सायरन सुनाई देने पर वे आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह केवल अभ्यास है। उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने और केवल सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी पर ही भरोसा करने का आग्रह किया।
प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी हेल्पलाइन नंबरों और निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। डीसी ने जोर दिया कि ऐसे अभ्यासों में सक्रिय भागीदारी से न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली बेहतर होती है, बल्कि आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायता मिलती है। गुरुग्राम में आपात स्थिति के लिए बड़ी संख्या में तेज आवाज वाले सायरन लगाए गए हैं, जिनकी समय-समय पर टेस्टिंग भी की जाती है ताकि वे आपातकाल में प्रभावी ढंग से काम कर सकें। यह 'ऑपरेशन शील्ड' मॉक ड्रिल गुरुग्राम को आपदाओं से निपटने के लिए और अधिक तैयार करेगी।