गुरुग्राम में मानवता शर्मसार: 15 साल की रेप पीड़िता ने दिया बच्चे को जन्म, शादीशुदा आरोपी सलाखों के पीछे

Minor Rape Case
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हरियाणा क्राइम न्यूज। 

आरोपी के डर से बच्ची ने किसी को कुछ नहीं बताया और वह लगातार स्कूल जाती रही। पुलिस ने मंगलवार को अस्पताल से सूचना मिलने के बाद मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

साइबर सिटी गुरुग्राम से एक झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा ने अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया है। यह नाबालिग बच्ची एक शादीशुदा व्यक्ति की दरिंदगी का शिकार हुई थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि प्रसव पीड़ा होने तक न तो उस मासूम को और न ही उसके परिवार को उसकी गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) के बारे में कोई जानकारी थी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

डरा-धमकाकर कई बार किया शोषण

पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी राजेश शादीशुदा है। वह पीड़ित बच्ची के पड़ोस में किराए के मकान में रहता था। वह एक निजी कंपनी में कार्यरत था। आरोपी ने दिसंबर 2024 से लेकर मार्च 2025 के बीच मासूम बच्ची को डरा-धमकाकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। उसने बच्ची को जान से मारने और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी, जिसके खौफ के कारण उसने यह बात अपने माता-पिता से छिपाए रखी।

घटना के बाद अनजान बनी रही बच्ची, स्कूल भी जाती रही

यह मामला चिकित्सा विज्ञान और सामाजिक जागरूकता के लिहाज से भी चौंकाने वाला है। पीड़िता अपनी शारीरिक स्थिति से पूरी तरह बेखबर थी और सामान्य दिनों की तरह नियमित रूप से स्कूल जाती रही। मंगलवार को जब उसे अचानक पेट में तेज दर्द हुआ, तो परिजन उसे आनन-फानन में सेक्टर-10 स्थित जिला नागरिक अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि वह गर्भवती है और उसने एक नवजात बेटे को जन्म दिया। फिलहाल मां और बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं।

आरोपी गिरफ्तार

अस्पताल प्रशासन की सूचना पर सेक्टर-10 थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामला दर्ज किया। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी राजेश फरवरी में ही मकान खाली कर वहां से फरार हो गया था। पुलिस ने छापेमारी कर गुरुवार को आरोपी को दबोच लिया। शुक्रवार को उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू

गुरुग्राम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी संदीप ने बताया कि मामला अत्यंत गंभीर है। बच्ची को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद बाल कल्याण समिति (CWC) के माध्यम से उसकी और उसके माता-पिता की काउंसलिंग कराई जाएगी। इसके अलावा, मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान दर्ज किए जाएंगे। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने के लिए नवजात बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। सरकार की नीति के अनुसार पीड़िता को आर्थिक सहायता और कानूनी मदद भी प्रदान की जाएगी।

यह घटना हमारे समाज और बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। बच्चों को 'गुड टच' और 'बैड टच' के साथ-साथ किसी भी खतरे के बारे में बोलने की हिम्मत देना अनिवार्य है। गुरुग्राम पुलिस का कहना है कि वे इस केस में फास्ट ट्रैक सुनवाई सुनिश्चित करेंगे ताकि पीड़िता को जल्द न्याय मिल सके।

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