Old Gurugram Metro: ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो निर्माण में 6 साल हुई देरी, दोगुनी हुई लागत, जानें अब कितना आएगा खर्च ?

ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो निर्माण में 6 साल हुई देरी, दोगुनी हुई लागत, जानें अब कितना आएगा खर्च ?
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प्रतीकात्मक तस्वीर।

Old Gurugram Metro: ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के निर्माण में देरी के चलते इसके निर्माण पर लागत बढ़कर दोगुनी हो गई है। नई DPR के तहत मेट्रो के निर्माण पर ज्यादा पैसे खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा स्टेशन की संख्या भी बढ़ा दी गई है।

Old Gurugram Metro: ओल्ड ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के निर्माण में देर होने की वजह से इसकी लागत बढ़कर दोगुना हो गई है। हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HMRTC)के आग्रह पर राइट्स ने साल 2019 में ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के लिए मिलेनियम सिटी सेंटर से लेकर डीएलएफ साइबर सिटी तक DPR तैयार की थी। 2023 में केंद्र सरकार की ओर से इसे मंजूरी दे दी गई थी। पुरानी DPR के मुताबिक इसके निर्माण पर र 5452 करोड़ रुपये होने थे। लेकिन अब नई DPR के तहत इसके निर्माण पर 10266 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


जीएसटी में हुई बढ़ोतरी
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के निर्माण में देरी की वजह से इसकी निर्माण लागत 4814 करोड़ रुपये बढ़ गई है। साल 2022 तक जीएसटी 12 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया है। जीएसटी 317 करोड़ रुपये देना होगा। पहली DPR में रैपिड मेट्रो को इस परियोजना में शामिल किया गया था। लेकिन अब इसे नई परियोजना से इसे बाहर कर दिया गया है। जिसकी वजह से ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो बनाने के लिए अलग से डिपो तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही मेट्रो के 36 अतिरिक्त कोच खरीदने होंगे। साल 2019 में मेट्रो के 60 कोच के लिए 480 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे।

स्टेशन पर किया जाएगा काम
नई DPR के मुताबिक यूनिटैक साइबर पार्क, बसई, हीरो होंडा चौक, सेक्टर-सात, सेक्टर-चार, अशोक विहार, पालम विहार एक्सटेंशन, पालम विहार और सेक्टर-23ए स्टेशन को दूसरे स्टेशन से बेहतर बनाया जाएगा। इन स्टेशन के आसपास जोहड़, व्यावसायिक गतिविधियां, स्कूल, बरसाती नाले, हरित क्षेत्र हैं। ऐसे में इन्हें विकसित करने में करीब 25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मिलेनियम सिटी सेंटर में मौजूदा स्टेशन और प्रस्तावित स्टेशन को जोड़ने के लिए एफओबी बनाया जाएगा। इस पर करीब 25 करोड़ रुपये खर्च करने की संभावना जताई गई है।

बिजली पर भी ज्यादा पैसे खर्च होंगे
मेट्रो निर्माण के पहले चरण का टेंडर शुरू कर दिया गया है। मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन से लेकर सेक्टर-9 तक करीब 1286 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया है। इसमें 8 कंपनियों ने आवेदन किया है। वित्तीय बिड को खोलने के बाद टेंडर आवंटन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा। मेट्रो निर्माण में बिजली का खर्च भी बढ़ गया है। पहली DPR के तहत बिजली के लिए 383 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया गया है।

इस पर अब 596 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान लगाया गया है। पहली डीपीआर के तहत ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना में गुरुग्राम रेलवे स्टेशन को फुटओवर ब्रिज (एफओबी) से जोड़ने की योजना बनाई गई थी। लेकिन नई DPR के तहत रेलवे स्टेशन पर एक नया मेट्रो स्टेशन बनाया जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 429 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सेक्टर-पांच मेट्रो स्टेशन से लेकर रेलवे स्टेशन तक मेट्रो ट्रैक की लंबाई करीब 1.4 किमी है।

मेट्रो डिपो पर 284 करोड़ खर्च होंगे

पहली डीपीआर में सेक्टर-101 में साढ़े पांच हेक्टेयर में मेट्रो डिपो तैयार किया जाना था। नई DPR के तहत सेक्टर-33 में 22.86 हेक्टेयर में मेट्रो डिपो तैयार करने की योजना बनाई गई गई है जिसकी लागत 80 करोड़ से बढ़कर 284 करोड़ रुपये हो गई है। ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के तहत 27 की बजाय अब 28 स्टेशन बनाए जाएंगे। पुरानी डीपीआर में मेट्रो स्टेशन की इमारत बनाने के लिए 756 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे। अब यह लागत बढ़कर 1390 करोड़ रुपये हो गई है।

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