सियासी तकरार के केंद्र में बांग्लादेशी: गुरुग्राम की कार्रवाई को ममता ने बताया 'भाषाई अत्याचार', BJP ने किया पलटवार

Illegal migrants
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गुरुग्राम डीसी अजय कुमार। 

भाजपा ने ममता बनर्जी के आरोपों को 'झूठा' और 'शर्मनाक' करार दिया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने दावा किया कि ये लोग अवैध बांग्लादेशी हैं जो TMC के 'वोट बैंक' हैं और ममता सरकार ने उन्हें फर्जी दस्तावेज दिलवाए हैं।

हरियाणा के गुरुग्राम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ने देश की राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा शासित हरियाणा सरकार पर 'बंगाली भाषी लोगों पर अत्याचार' का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा इसे अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक आवश्यक कार्रवाई बताकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर पलटवार कर रही है। यह पूरा मुद्दा अब राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम मानवाधिकारों और भाषाई पहचान की बहस में उलझ गया है।

ममता बनर्जी का 'भाषाई आतंक' का आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इस कार्रवाई पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि हरियाणा के गुरुग्राम में पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से आए बंगाली भाषी लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है और उन पर अत्याचार किए जा रहे हैं। ममता बनर्जी के अनुसार, पश्चिम बंगाल पुलिस को हरियाणा पुलिस से पहचान पत्र जांच के अनुरोध के नाम पर ऐसी खबरें मिल रही हैं।

उन्होंने यह भी दावा किया कि राजस्थान जैसे अन्य राज्यों से भी लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं, जहां पश्चिम बंगाल के नागरिकों को जिनके पास सभी वैध दस्तावेज हैं, उन्हें भी अवैध रूप से बांग्लादेश धकेला जा रहा है। ममता बनर्जी ने इसे भारत में बंगालियों पर दोहरी इंजन वाली सरकारों के भयानक अत्याचार करार दिया और कहा कि वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने इस कार्रवाई को 'भाषाई आतंक' बताते हुए इसे तुरंत रोकने की मांग की है। उनके अनुसार, असहाय गरीब बंगाली कामगारों को निशाना बनाया जा रहा है, जो अमानवीय है।

भाजपा ने कहा- अवैध बांग्लादेशी TMC के वोटर

ममता बनर्जी के इन आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखा पलटवार किया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी के बयान को अपमानजनक और झूठा बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन लोगों से पूछताछ की जा रही है, वे अवैध बांग्लादेशी हैं, जो भले ही बांग्ला बोलते हों, लेकिन वे भारतीय नागरिक नहीं हैं।

मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों के बराबर बताना शर्मनाक है और इसका एकमात्र कारण यह है कि वे सभी TMC के मतदाता हैं। उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी के प्रशासन ने इन अवैध प्रवासियों को भारत के अन्य हिस्सों में घुसपैठ करने से पहले आधार और अन्य सरकारी दस्तावेज हासिल करने में सक्षम बनाया है, और वह भी इस शर्त पर कि वे हर चुनाव में TMC को वोट देने के लिए वापस आएं। अमित मालवीय ने चेतावनी दी कि किसी भी अवैध प्रवासी को बख्शा नहीं जाएगा और ममता बनर्जी को अपनी नापाक राजनीति को बढ़ावा देने के लिए इस तथ्य का उपयोग बंद करना चाहिए कि ये लोग बांग्ला बोलते हैं।

TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने उठाए सवाल

TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी गुरुग्राम पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा है कि बंगाल से आए प्रवासी मजदूरों को अवैध रूप से उठाया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या गुरुग्राम पुलिस का सेक्टर 10A सामुदायिक केंद्र एक अवैध हिरासत शिविर है? उन्होंने दावा किया कि नौकरानियां, रसोइये और छोटे-मोटे कामगार पूरी तरह से दहशत में जी रहे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट के साथ तीन मिनट से अधिक का एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें स्थिति की गंभीरता को दर्शाया गया है।

छिपे हुए हैं बांग्लादेशी नागरिक

गुरुग्राम में पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इन लोगों ने बताया है कि वे बांग्लादेश से सटे उत्तर-पूर्वी राज्यों के जंगली और पहाड़ी रास्तों का उपयोग करके भारत में प्रवेश करते हैं। इसके बाद वे पश्चिम बंगाल और बिहार होते हुए हरियाणा के नूंह इलाके में ठहरते हैं, और फिर वहां से गुरुग्राम सहित दिल्ली-एनसीआर के शहरों में फैल जाते हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में पता चला है कि अधिकांश बांग्लादेशी नागरिक 8 से 10 साल पहले भारत आए थे। शुरुआत में वे कूड़ा बीनने जैसे छोटे-मोटे काम करते थे, लेकिन धीरे-धीरे वे अपने दस्तावेज बनवाना शुरू कर देते हैं और फिर फैक्ट्री में श्रमिक, स्क्रैप डीलिंग और अन्य कार्यों में लग जाते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा और पहचान का संकट

गुरुग्राम में अवैध रूप से मिले किसी भी व्यक्ति के पास हरियाणा सरकार द्वारा जारी कोई वैध पहचान दस्तावेज नहीं पाया गया है। हालांकि, कुछ लोगों के पास उत्तर-पूर्वी राज्यों के दस्तावेज जरूर मिले हैं, जिनकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। एक सप्ताह से चल रहे इस अभियान के तहत 250 से अधिक संदिग्ध लोगों को होल्डिंग सेंटरों में भेजा गया है, जहां उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है। गुरुग्राम में ऐसे चार होल्डिंग सेंटर बनाए गए हैं।

संचार के प्रतिबंधित साधनों का कर रहे प्रयोग

गुरुग्राम में रह रहे अवैध बांग्लादेशी नागरिक IMO, स्नैपचैट जैसे एप्लिकेशन का उपयोग करके अपने परिवार वालों से बात करते हैं। विशेष रूप से, IMO ऐप भारत में प्रतिबंधित है, लेकिन ये अवैध बांग्लादेशी नागरिक इन्हें मोबाइल में इंस्टॉल करके रखते हैं या लिंक से प्राप्त करते हैं। पुलिस जब भी अभियान चलाती है तो उन जगहों पर छापेमारी करती है जहां अवैध बांग्लादेशियों के छिपे होने की जानकारी मिलती है।

पुलिस द्वारा पकड़े गए किसी भी व्यक्ति के दस्तावेजों की गहन जांच की जाती है। कई मामलों में दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं, और कई लोगों के पास से बांग्लादेश का पहचान पत्र भी बरामद हुआ है। एक बार जब यह पुष्टि हो जाती है कि कोई व्यक्ति अवैध रूप से देश में घुसपैठ कर चुका है, तो पुलिस उन्हें विदेशी पंजीकरण कार्यालय (FRRO) की मदद से बांग्लादेश निर्वासित (डिपोर्ट) करती है।

'डंकी रूट' और सिंडिकेट का जाल

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह घुसपैठ एक सुनियोजित सिंडिकेट द्वारा संचालित होती है। इस सिंडिकेट का एक हिस्सा बांग्लादेश में काम करता है, जो उन लोगों से संपर्क करता है जो अवैध रूप से भारत आना चाहते हैं। उनसे कमीशन लेकर, बांग्लादेशी मॉड्यूल उन्हें सीमा पार करवाता है। भारत में प्रवेश करने के बाद, यह मॉड्यूल अवैध घुसपैठियों को पास के रेलवे स्टेशन या बस स्टेशन तक पहुंचाता है, जहां से उन्हें दिल्ली-एनसीआर की ओर भेज दिया जाता है।

इसके बाद, ये लोग गुरुग्राम आकर झुग्गी-झोपड़ी में या पहले से मौजूद किसी परिचित की मदद से किराए पर रहने लगते हैं। शुरुआत में ज्यादातर अवैध घुसपैठी कूड़ा बीनने और कबाड़ इकट्ठा करने जैसे काम करते हैं।

पुलिस अवैध प्रवासियों को लेकर अभियान चला रही

जिला उपायुक्त अजय कुमार ने इस बारे में बताया कि पुलिस अवैध प्रवासियों को लेकर अभियान चला रही है और कितने लोगों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने स्पष्ट किया कि 8 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान हुई है। इसके अलावा, जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन्हें होल्डिंग सेंटरों में सुरक्षित रखा गया है और उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है, इसलिए इससे ज्यादा जानकारी साझा नहीं की जा सकती। यह अभियान देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

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