लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्टेशन को रफ्तार: गुरुग्राम में मुख्यमंत्री और रेल मंत्री ने कारों से भरी विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

गुरुग्राम में मुख्यमंत्री और रेल मंत्री ने कारों से भरी विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
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गुरुग्राम पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव।  

मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे न केवल मानेसर बल्कि देश के 380 शहरों तक कारों का पहुंचना आसान होगा, साथ ही निर्यात के लिए वाहन सीधे मुंद्रा पोर्ट तक जा सकेंगे। यह हरियाणा को वैश्विक सप्लाई चेन से जोड़ेगा। रेल मंत्री ने कहा कि मारुति अब 25 लाख वाहन रेल से भेज पाएगी, जिससे लॉजिस्टिक लागत घटेगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा।

हरियाणा के औद्योगिक और आर्थिक विकास को नई गति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज (17 मई) गुरुग्राम में एक महत्वपूर्ण परियोजना का शुभारंभ किया। दोनों नेताओं ने वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) के अंतर्गत आने वाले मारुति-पातली ट्रैक का उद्घाटन किया और इसके साथ ही यंग गतिशक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर मारुति प्लांट में आयोजित भव्य कार्यक्रम में कारों से भरी विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जिसने देश के लॉजिस्टिक सेक्टर में एक नए अध्याय की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री का विजन वैश्विक सप्लाई चेन से सीधा जुड़ाव

इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस परियोजना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह नया कार्गो टर्मिनल न केवल मानेसर से बल्कि देश के 380 शहरों तक कारों की सुलभ पहुंच सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा निर्यात किए जाने वाले वाहनों को सीधे मुंद्रा पोर्ट तक पहुंचाया जा सकेगा, जिससे विदेशी व्यापार को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह पहल हरियाणा को सीधे तौर पर वैश्विक सप्लाई चेन से जोड़ने का काम करेगी, जिससे राज्य की औद्योगिक क्षमता और बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) का बेहतरीन उदाहरण बताया। इसमें हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की 55 प्रतिशत, एचएसआईआईडीसी की 19 प्रतिशत और जीएमडीए की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो मारुति जैसी निजी कंपनी के साथ मिलकर काम कर रही है। यह मॉडल भविष्य की औद्योगिक परियोजनाओं के लिए एक प्रेरणा बनेगा।

हरियाणा बनेगा लॉजिस्टिक हब, मारुति का बड़ा योगदान

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस नए ट्रैक के शुरू होने से न केवल मानेसर बल्कि पूरे हरियाणा को लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने हरियाणा को औद्योगिक क्षेत्र में खड़ा करने में मारुति के बड़े योगदान की सराहना की, खासकर गुरुग्राम, सोनीपत और आसपास के क्षेत्रों के विकास में मारुति का अहम हाथ रहा है। मंत्री ने बताया कि मारुति ने पिछले कुछ वर्षों में 5 लाख 18 हजार वाहनों को रेल मार्ग से भेजा है और इस नई सुविधा के साथ यह संख्या बढ़कर 25 लाख वाहनों तक पहुंच जाएगी। यह पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि इससे सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।

7 किलोमीटर लंबा है नया ट्रैक

यह नया ट्रैक लगभग 7 किलोमीटर लंबा है और यह मानेसर स्थित मारुति कारखाने को पातली रेलवे स्टेशन से जोड़ेगा। इस कनेक्टिविटी का लाभ सिर्फ मानेसर को ही नहीं मिलेगा, बल्कि हरियाणा के अन्य प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों जैसे फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़ और सोनीपत को भी सीधा फायदा होगा। अब फरीदाबाद की मशीनें, गुरुग्राम की कारें, बहादुरगढ़ के जूते-चप्पल और सोनीपत की भारी इंडस्ट्रियों का सामान आसानी से और तेजी से देश के दूसरे स्थानों तक पहुंच सकेगा। यह ट्रैक हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआरआईडीसी) द्वारा पलवल से सोनीपत तक बनाए जा रहे ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर से भी जुड़ेगा, जिससे पूरे राज्य में रेल कनेक्टिविटी का एक मजबूत जाल बिछेगा।

वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट रेल कॉरिडोर बना गेम चेंजर

यह परियोजना वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट रेल कॉरिडोर (WDFC) का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 1506 किलोमीटर है। यह कॉरिडोर जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (मुंबई) से दादरी (उत्तर प्रदेश) तक फैला है और महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश जैसे पांच प्रमुख राज्यों से होकर गुजरता है। यह कॉरिडोर डबल इलेक्ट्रिसिटी लाइन वाला है, जिसका मुख्य उद्देश्य माल ढुलाई को आसान, तेज और किफायती बनाना है। इस परियोजना को जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के ऋण से वित्त पोषित किया गया है, जो इसकी वैश्विक महत्ता को दर्शाता है। यह कॉरिडोर माल ढुलाई में तेजी लाने के साथ-साथ पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

मारुति प्लांट में विशेष यार्ड तैयार

इस रेल कॉरिडोर परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को सीधा और मजबूत रेल नेटवर्क प्रदान करना है। इस नई रेल लाइन के शुरू होने से हरियाणा में स्थित औद्योगिक इकाइयों को विशेष रूप से लाभ होगा। भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति कंपनी के सभी प्लांट भी अब आपस में जुड़ जाएंगे। मारुति इस रेल लाइन का उपयोग करके अपनी कारों को मालगाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में तेजी से और कम लागत में पहुंचा सकेगी, जिससे उनका वितरण नेटवर्क और भी मजबूत होगा। इस रेल खंड के शुरू होने से पहले, कंपनियों को सड़क मार्ग से सामान भेजने में कई घंटे लगते थे, जिससे समय और परिवहन लागत दोनों में काफी बढ़ोतरी होती थी। अब यह समस्या दूर हो जाएगी।

इस परियोजना के तहत मारुति सुजुकी के मानेसर प्लांट में एक विशेष यार्ड भी तैयार किया गया है, जहां से मालगाड़ियों में कारों को लोड करने का कार्य शुरू हो चुका है। इस आधुनिक यार्ड में एक साथ चार मालगाड़ियों में सामान लोड करने की क्षमता है। यह सुविधा न केवल मारुति सुजुकी के लिए, बल्कि मानेसर और आसपास के क्षेत्र में स्थित अन्य औद्योगिक इकाइयों के लिए भी बेहद लाभकारी होगी। इस पहल से पूरे क्षेत्र में व्यापार और वाणिज्य को नई ऊर्जा मिलेगी।

पर्यावरण और सड़क यातायात को भी फायदा

इस नए रेल खंड के शुरू होने से सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे सड़क यातायात में भी सुधार होगा और जाम की समस्या से कुछ हद तक निजात मिलेगी। साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि रेल परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में काफी कम कार्बन उत्सर्जन करता है। यह एक ग्रीनर लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन प्रदान करता है, जो देश के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है। यह परियोजना हरियाणा के औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स परिदृश्य में एक मील का पत्थर साबित होगी।

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