हरियाणा में अगले 4 दिन भारी बारिश का अलर्ट: द्वारका एक्सप्रेसवे पर जलभराव, जानें पूर्व मंत्री ने सवाल उठाकर क्या कहा

Rain in Haryana
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गुरुग्राम के द्वारका एक्सप्रेसवे पर भरा बारिश का पानी। 

रविवार से ही कई जिलों में बारिश शुरू हो गई है, जिससे गुरुग्राम जैसे शहरों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। इस मानसून में हरियाणा में अब तक सामान्य से 25% अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है।

हरियाणा में मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक लगातार बारिश का अलर्ट जारी किया है। रविवार (3 अगस्त) से 6 अगस्त तक प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस बीच प्रदेश के पूर्व कांग्रेसी मंत्री कैप्टन अजय यादव ने गुरुग्राम के जलभराव पर सरकार को घेरा है।

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जलभराव पर सफाई देते हुए कहा कि जब भारी बारिश होती है, तो जलभराव होना स्वाभाविक है और प्राकृतिक आपदा को रोक नहीं सकते। दूसरी ओर हथिनीकुंड बैराज पर ज्यादा पानी जमा हो गया जिसे यमुना में छोड़े जाने के कारण दिल्ली में भी यमुना का जलस्तर बढ़ सकता है।

कई इलाकों में बारिश शुरू

आज, रविवार (3 अगस्त) से ही हरियाणा के कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, यमुनानगर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल जैसे 7 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। यह सिलसिला अगले चार दिनों यानी 6 अगस्त तक जारी रहेगा।

प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 25% अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो कि मौसम विभाग के मुताबिक एक अच्छी स्थिति है। सबसे ज्यादा बारिश महेंद्रगढ़ (543.3 मिमी) और यमुनानगर (524.4 मिमी) में हुई है, जबकि सबसे कम कैथल (139.7 मिमी) और जींद (140.6 मिमी) में दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री ने दी सफाई

गुरुग्राम में जलभराव एक बार फिर राजनीतिक मुद्दा बन गया है। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने द्वारका एक्सप्रेसवे की जलभराव वाली तस्वीरें साझा करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 9,000 करोड़ खर्च करने के बाद भी जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई। हालांकि, उनकी इस पोस्ट पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ही ट्रोल करना शुरू कर दिया। रेवाड़ी के यूजर्स ने उनसे पूछा कि जब वे और उनके बेटे 40 साल में से 35 साल तक विधायक रहे, तो उन्होंने रेवाड़ी को 'दुबई' क्यों नहीं बनाया?

इस विवाद पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकूला में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि गुरुग्राम एक विकासशील शहर है और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों पर लाने का प्रयास जारी है। उन्होंने स्वीकार किया कि भारी बारिश होने पर जलभराव हो जाता है और प्राकृतिक आपदा पर किसी का बस नहीं चलता। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी बाढ़ में घर बह जाते हैं।

आने वाले 3 दिनों के लिए मौसम का पूर्वानुमान

4 अगस्त : मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 4 अगस्त को भी हरियाणा में बारिश जारी रहेगी। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार में हल्की बारिश (0-25%) की संभावना है, जबकि जींद, भिवानी, पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, रोहतक, चरखी दादरी और झज्जर में मध्यम बारिश (25-50%) का अनुमान है।

यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल में 75 से 100 प्रतिशत बारिश की संभावना है, जिसके लिए अलर्ट जारी किया गया है।

5 अगस्त : 5 अगस्त को भी प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बारिश की संभावना है। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार में 0-25% बारिश हो सकती है, जबकि जींद और भिवानी में 25-50% संभावना है। यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां 75-100% बारिश की उम्मीद है।

6 अगस्त : 6 अगस्त को भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। यमुनानगर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल जैसे पांच जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, सिरसा, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, हिसार, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, पानीपत, सोनीपत में 25 से 50 प्रतिशत बारिश का अनुमान है।

हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी, दिल्ली में बढ़ेगा खतरा

हरियाणा में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। रविवार सुबह 10 बजे बैराज से 31,867 क्यूसेक पानी दिल्ली की तरफ यमुना में छोड़ा गया। इससे पहले शुक्रवार रात को भी लगभग 35,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो आज दिल्ली पहुंच चुका है। हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी से दिल्ली में यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ सकता है।

प्रदेश में अब तक सामान्य से 25 प्रतिशत ज्यादा बारिश

यह मानसून सीजन हरियाणा के लिए काफी अच्छा रहा है। प्रदेश में अब तक सामान्य से 25 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, जिससे किसानों को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है। हालांकि, शहरी इलाकों में जलभराव की समस्या अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, खासकर गुरुग्राम जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों में।

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