गैंगस्टरों पर 'डिजिटल स्ट्राइक': हरियाणा पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई समेत बड़े अपराधियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर लगाया ‘ताला’

हरियाणा का गैंगस्टर काला राणा का भाई सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट डालता है।
हरियाणा में बढ़ते अपराध और गैंगस्टरों द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर दहशत फैलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा पुलिस ने एक बड़ा अभियान शुरू किया है। अब दिल्ली पुलिस की तर्ज पर, हरियाणा पुलिस भी ऐसे गैंगस्टरों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को निशाना बना रही है, जो वारदात करने के बाद अपनी ताकत का प्रदर्शन कर लोगों को डराते-धमकाते थे। यह एक तरह की 'डिजिटल स्ट्राइक' है, जिसका उद्देश्य इन अपराधियों की ऑनलाइन गतिविधियों पर लगाम लगाना है।
पुलिस उन सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कड़ी कार्रवाई कर रही है, जिन पर आपत्तिजनक सामग्री जैसे हथियारों का प्रदर्शन, धमकी भरे संदेश, या किसी अपराध की जिम्मेदारी लेने वाली पोस्ट और वीडियो अपलोड किए जाते थे। इन अकाउंट्स के जरिए गैंगस्टर समाज में भय का माहौल बनाते थे और अपनी आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देते थे।
लॉरेंस बिश्नोई सहित कई बड़े गैंगस्टरों के अकाउंट ब्लॉक
हरियाणा पुलिस के इस अभियान के तहत अभी तक एक दर्जन से अधिक बड़े और कुख्यात गैंगस्टरों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार, कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से जुड़े एक दर्जन से ज़्यादा फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट्स को बंद करवाया गया है। इसके अलावा, काला राणा, काला जठेड़ी, राजू बसौदी, हिमांशु भाऊ और अंकित सेरसा जैसे अन्य बड़े अपराधियों के नाम पर चल रहे अकाउंट्स भी ब्लॉक कर दिए गए हैं।
हालांकि, पुलिस ने यह भी बताया कि इन गैंगों से जुड़े कुछ शूटरों के सोशल मीडिया अकाउंट अभी भी चल रहे हैं, जिन पर पुलिस की नजर है। इनमें सबसे प्रमुख काला राणा के भाई भूपी राणा का इंस्टाग्राम अकाउंट है, जो अभी भी सक्रिय है। पुलिस अब इन शूटरों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाल रही है और जल्द ही उन पर भी कार्रवाई की उम्मीद है।
दहशत फैलाना और टारगेट तक पहुंचना
ये गैंगस्टर सोशल मीडिया अकाउंट्स का उपयोग कई आपराधिक उद्देश्यों के लिए करते थे। वे हथियारों के साथ अपनी फोटो, वीडियो और रील बनाकर अपलोड करते थे। इन पोस्ट्स के लिंक्स को वे अपने टारगेट तक पहुंचाते थे, ताकि उनके अंदर खौफ पैदा हो सके। इस दहशत के चलते टारगेट प्रोटेक्शन मनी (रंगदारी) आसानी से भिजवा दें या उनकी बात मान लें। इसके अतिरिक्त, इन सोशल मीडिया अकाउंट्स के ज़रिए ही गैंगस्टर और उनके शूटर आपस में तालमेल बिठाते थे। यह तरीका उन्हें पुलिस की पकड़ से बचने में मदद करता था, क्योंकि वे सीधे फोन कॉल या व्यक्तिगत मुलाकातों से बचते थे। यह उनके लिए एक सुरक्षित संचार माध्यम बन गया था।
सोशल मीडिया से ही हो रही थी गैंग में भर्ती
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गैंगस्टर न केवल अपने गिरोह को विदेश बैठकर ऑपरेट करते थे, बल्कि युवाओं को अपने गिरोह में शामिल करने के लिए भी सोशल मीडिया का ही इस्तेमाल करते थे। वे विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से युवाओं से संपर्क साधते थे, उन्हें लालच देते थे और उन्हें आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाते थे। गैंग में शामिल कराने से लेकर उनसे टारगेट किलिंग और अन्य बड़ी वारदातों को अंजाम देने के लिए भी सोशल मीडिया के ज़रिए ही तालमेल बिठाया जाता था। पुलिस ने ऐसे कई युवाओं को सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए ही ट्रेस कर काबू किया है, जो गैंगस्टरों के बहकावे में आकर अपराध की दुनिया में कदम रख रहे थे।
NCR में फिर 'नो नेम नो फेम' ऑपरेशन शुरू
हाल ही में दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर हुए गैंगस्टर रोमिल एनकाउंटर के बाद, दिल्ली पुलिस ने फिर से 'नो नेम नो फेम' ऑपरेशन शुरू किया है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य उन अपराधियों पर लगाम कसना है जो सोशल मीडिया पर अपनी आपराधिक गतिविधियों का प्रचार करते हैं और नाम कमाना चाहते हैं। पिछले साल भी दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय करीब 50 से ज़्यादा अपराधियों के सोशल मीडिया अकाउंट बंद करवाए गए थे। अब इससे भी ज़्यादा अपराधी पुलिस के निशाने पर हैं, और यह अभियान और तेज़ी से चलाया जाएगा। रोमिल एनकाउंटर के बाद गैंग के सदस्यों द्वारा सोशल मीडिया पर पुलिस को भी धमकी दी जा रही थी, जिस पर पुलिस गंभीर है।
अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल
पुलिस के मुताबिक, अपराधियों ने अपनी धमक और प्रभाव फैलाने के लिए फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया था। वे अपराध करने के बाद धमकी भरे वीडियो और तस्वीरें पोस्ट कर समाज में डर पैदा करते थे। इस डर के ज़रिए वे वसूली, रंगदारी और अन्य गंभीर अपराधों को अंजाम देते थे।
क्राइम और साइबर सेल की इस संयुक्त कार्रवाई से अब अपराधियों के इस नए तरीके को रोका जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर पुलिस ऐसे अकाउंट्स की पहचान कर उन्हें बंद करवा रही है, जिससे गैंगस्टरों की ऑनलाइन मौजूदगी और उनके द्वारा फैलाई जा रही दहशत पर लगाम लग सकेगी। यह कदम हरियाणा में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और अपराधों पर नियंत्रण पाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
