Prince Murder Case: 8 साल के छात्र प्रिंस की हत्या मामले में रिटायर्ड ACP समेत 4 पुलिसकर्मियों पर चलेगा केस, जानिए इसकी वजह

साकेत कोर्ट में लगाए जाएंगे 200 से ज्यादा कैमरे।
Gurugram Prince Murder Case: गुरुग्राम के पॉपुलर स्कूल के 8 साल के छात्र मासूम प्रिंस की हत्या के मामले में पंचकूला की CBI कोर्ट की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रिंस हत्याकांड में कोर्ट ने तत्कालीन ACP बीरम सिंह (रिटायर्ड), भोंडसी थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह खटाना, सब इंस्पेक्टर शमशेर सिंह और सुभाष चंद के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस चलाने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई तय की है। कोर्ट ने सभी पुलिसकर्मियों को नोटिस भेजकर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।
इन धाराओं में लिया जाएगा एक्शन
पंचकूला सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अनिल कुमार यादव ने कहा कि पुलिस ने निर्दोष कंडक्टर अशोक को फंसाया था। इसके अलावा कंडक्टर को टॉर्चर भी किया था। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 194,120 बी, 330, 166ए, 167 और 506 की धाराओं में पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस चलाने के लिए कहा है।
2017 में हुई थी प्रिंस की हत्या
बता दें कि साल 2017 में 8 सितंबर को स्कूल में 8 साल के प्रिंस की स्कूल के बाथरूम में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के बाद पुलिस ने स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या का आरोपी मानते हुए अरेस्ट कर लिया था। जिसके बाद अशोक के परिजनों और प्रिंस के परिवार ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए और निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
1000 पेज की चार्जशीट दाखिल हुई थी
तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हस्तक्षेप के बाद, मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई थी। जांच के बाद सीबीआई की ओर से इस मामले में 1000 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई। चार्जशीट में कोर्ट ने 16 साल के आरोपी छात्र भोलू (बदला हुआ नाम) को मुख्य आरोपी माना था। बता दें कि पीड़ित परिवार के लिए एडवोकेट सुशील टेकरीवाल पैरवी कर रहे हैं।
माता-पिता को था शक
2021 में इस मामले को लेकर अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी। सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार ने केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था। सीबीआई ने अपनी जांच में कंडक्टर अशोक को निर्दोष पाया। जिस पर गुरुग्राम जिला अदालत ने 2018 में अशोक को बरी कर दिया था। इस मामले में प्रिंस के माता-पिता को भी संदेह था कि बस कंडक्टर को फंसाया जा रहा है।
आरोपी छात्र न्यायिक हिरासत में
पैरेंट्स की मांग पर ही प्रदेश सरकार ने सीबीआई को जांच सौंप दी थी। अब इस मामले में कोर्ट की ओर से कंडक्टर अशोक फंसाने के मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस चलाने के लिए कहा गया है। बता दें कि इस मामले में शामिल कंडक्टर अशोक के बयान के बाद आरोपी छात्र भोलू (बदला हुआ नाम) न्यायिक हिरासत में है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक स्वजन पहुंच चुके हैं, लेकिन कहीं से भी जमानत नहीं मिली है।
