Artificial Rain: गुरुग्राम में दिल्ली की तर्ज पर होगी कृत्रिम बारिश, प्रदूषण रोकने के लिए निगम ने बनाई योजना

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गुरुग्राम में होगी कृत्रिम बारिश। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Artificial Rain: गुरुग्राम में प्रदूषण को रोकने के लिए निगम ने कृत्रिम बारिश कराने का फैसला लिया है। इसे लेकर निगम की ओर से तैयारियां की जा रही हैं।

Artificial Rain: गुरुग्राम में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली की तर्ज पर कृत्रिम बारिश कराने की योजना बनाई जा रही है। नगर निगम कमिश्नर प्रदीप दहिया ने इसे लेकर शहरी स्थानीय निकाय (ULB) के सीनियर अधिकारियों के साथ चर्चा की। बता दें कि दिवाली के बाद से ही गुरुग्राम में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खराब स्थिति पर बना हुआ है। इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर से अस्थमा के मरीजों के लिए तो प्रदूषण बड़ा खतरा है।

गुरुग्राम के कुछ इलाकों में रात के समय AQI 400 के खतरनाक स्तर तक पहुंच रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी गंभीर स्थिति है। गुरुग्राम में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) फेज-दो के नियम लागू हैं। इस नियम के तहत निर्माण कार्यों पर आंशिक प्रतिबंध, डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक और सड़कों पर पानी का छिड़काव करने जैसे फैसलों को शामिल किया गया है।

शहर में मुख्य सड़कों की सफाई को पूरी तरह मैकेनाइज्ड करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। इससे सड़कों पर जमा धूल को फैलने से रोका जा सकेगा। AQI स्तर को देखते हुए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जाएंगे। पिछले साल भी गुरुग्राम में कुछ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने अपने स्तर पर कृत्रिम बारिश करवाई थी, जिसके बाद प्रदूषण के स्तर में कमी देखी गई थी।

PMO डॉक्टर लोकवीर सिंह ने की अपील

कृत्रिम बारिश की सहायता से हवा में मौजूद प्रदूषक कणों को कम करने में मदद मिलेगी, ताकि लोगों को प्योर हवा मिल सके। PMO डॉक्टर लोकवीर सिंह ने बताया कि प्रदूषण के कारण सांस से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों में खांसी जुकाम, गला खराब और बुखार हो रहा है।

डॉ. लोकवीर सिंह ने प्रदूषण से बचाव के उपाय इस्तेमाल करने की अपील की है। नगर निगम कमिश्नर प्रदीप दहिया का कहना है कि प्रदूषण रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से दी गई राशि से 10 इंटीग्रेटेड एंटी-स्मॉग गन मशीनें खरीदने का फैसला किया गया है। ये मशीनें पानी की बारीक बूंदों की सहायता से हवा में मौजूद प्रदूषक कणों को रोकने में मदद करेंगी।

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