गुरुग्राम में बच्ची की बलि का शक: पोस्टमॉर्टम में 60 घंटे पहले मर्डर का खुलासा, धड़ गायब, 50 तांत्रिकों से पूछताछ

हरियाणा क्राइम न्यूज।
हरियाणा के गुरुग्राम-केएमपी एक्सप्रेसवे के किनारे बच्ची के शव के टुकड़े मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। यह घटना न सिर्फ झकझोरने वाली है, बल्कि इसके पीछे तंत्र-मंत्र और नर बलि का भयावह संदेह भी जताया जा रहा है। पुलिस ने शव के मिले हिस्सों का पोस्टमॉर्टम कराया है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इन खुलासों के आधार पर अब पुलिस की जांच की सुई काले जादू और तांत्रिक अनुष्ठानों की ओर घूम गई है, जिसके चलते 50 से अधिक तांत्रिकों और ओझाओं से पूछताछ की जा रही है।
48 से 60 घंटे पहले हुई हत्या
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस जघन्य अपराध की टाइमलाइन को स्पष्ट कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार बच्ची की हत्या शव मिलने से 48 से 60 घंटे पहले यानी 16 या 17 नवंबर को की गई थी।
• उम्र और स्वास्थ्य : बच्ची की अनुमानित आयु लगभग साढ़े 6 से 8 साल के बीच है और वह मौत के समय पूरी तरह स्वस्थ थी।
• हैरान करने वाले निशान : सिर पर किसी बाहरी चोट का निशान नहीं मिला है, लेकिन गले की हड्डियां गायब हैं। इसके अलावा, शव का धड़ अभी तक बरामद नहीं हुआ है।
• नेल पॉलिश : पैरों की उंगलियों पर नेल पॉलिश के हल्के निशान थे, जो पुलिस को यह मानने पर मजबूर कर रहे हैं कि यह एक सामान्य हत्या नहीं है।
घटनास्थल से लगभग 100 कदम की दूरी पर बच्ची के सिर के कटे हुए बाल का गुच्छा और एक फ्रॉक भी बरामद हुआ है, जो इस मामले को और भी रहस्यमय बना देता है। फ्रॉक पर कोई टैग नहीं था, लेकिन उस पर कढ़ाई की गई थी। यह एकमात्र ऐसा सबूत है जो बच्ची की पहचान स्थापित करने में मदद कर सकता है।
हत्या का तरीका सामान्य आपराधिक वारदातों से अलग
पुलिस इस मामले को तंत्र-मंत्र या बलि से जोड़कर इसलिए देख रही है, क्योंकि हत्या का तरीका सामान्य आपराधिक वारदातों से काफी अलग है। जांच अधिकारियों ने तीन प्रमुख कारण बताए हैं।
1. बाल काटकर अलग फेंकना : बच्ची का सिर जिस स्थान पर मिला, उससे 100 कदम दूर झाड़ियों में कैंची से काटा गया बालों का एक साफ-सुथरा गुच्छा मिला है। पुलिस का मानना है कि तंत्र-मंत्र की कई विधियों में बलि के बाद सिर के बाल काटकर अलग रखे जाते हैं या पूजा में इस्तेमाल होते हैं। एक सामान्य हत्यारा आमतौर पर ऐसा नहीं करता।
2. शव के टुकड़े और धड़ का गायब होना : पुलिस को बच्ची का सिर्फ सिर और एक पैर मिला है, जबकि धड़ गायब है। तांत्रिक अनुष्ठानों में यह प्रथा रही है कि धड़ को अलग ले जाया जाता है या जला दिया जाता है, क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा शक्ति मानी जाती है। सिर और पैरों को अलग फेंकना भी तंत्र प्रथा में आम है, ताकि शव की शिनाख्त मुश्किल हो और अनुष्ठान पूरा माना जाए।
3. इलाके में पहले भी ऐसी वारदातें : यह इलाका (नूंह, तावड़ू, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका और राजस्थान के अलवर-भरतपुर बॉर्डर) पहले भी बच्चों की बलि और तंत्र-मंत्र से जुड़े मामलों का गवाह रहा है। उदाहरण के लिए 5 जनवरी, 2020 को मानेसर में एक 9 साल के लड़के की हत्या हुई थी, जहां लाश के पास मरा हुआ कबूतर और बच्चे के कटे हुए बाल मिले थे। यह पैटर्न इस आशंका को और भी पुख्ता करता है।
तांत्रिकों से पूछताछ
जांच अधिकारी रमेश गुलिया ने बताया कि यह हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की गई है। पुलिस सभी कोणों से जांच कर रही है, लेकिन तंत्र-मंत्र का शक इसलिए ज्यादा है क्योंकि हत्या का तरीका तांत्रिकों की पुरानी पद्धति से मेल खाता है।
• हत्या का मकसद : हत्यारा नहीं चाहता था कि पूरा शव एक जगह मिले, इसलिए धड़ अभी तक नहीं मिला है। यह इस बात का संकेत है कि हत्यारा अनुष्ठान पूरा करने के बाद साक्ष्य को पूरी तरह नष्ट करना चाहता था।
• संदिग्धों की सूची : पुलिस ने गुरुग्राम के साथ-साथ नूंह जिले के तावड़ू, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका और राजस्थान के अलवर, भरतपुर तक के 50 से ज्यादा तांत्रिकों-ओझाओं की सूची तैयार की है। इनमें से कइयों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
• डीएनए और पहचान : पुलिस ने बॉडी पार्ट्स से डीएनए सैंपल लिया है और आसपास के थानों में लापता बच्चों की डिटेल खंगाल रही है, ताकि बच्ची की शिनाख्त हो सके और उसके कातिल तक पहुंचा जा सके।
पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर किसी को बच्ची या घटना से संबंधित कोई भी जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत पुलिस के साथ साझा करें। इस मासूम के कातिल का पता लगाना और इस तरह के जघन्य काले जादू के अपराधों पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है।
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