गुरुग्राम में विदेशी नवयुवकों ने उठाई झाड़ू: यूरोपीय नागरिकों ने की शहर की सफाई, प्रशासन पर उठे सवाल

Cleanliness campaign
X

गुरुग्राम में स्वच्छता अभियान चलाते यूरोपीय युवक। 

शहर में एक यूरोपीय युवक ने स्वच्छता के प्रति अपने जज़्बे से सभी को हैरान कर दिया है। लजाक नाम का यह युवक पिछले तीन दिनों से सेक्टर 55 में अकेले ही सड़कों और गलियों से कचरा उठा रहा है।

हरियाणा के गुरुग्राम में स्वच्छता को लेकर एक अनोखी और प्रेरणादायक घटना सामने आई है, जिसने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गुरुग्राम के सेक्टर 55 में एक यूरोपीय युवक ने साथियों के साथ सफाई अभियान चलाकर न केवल सड़कों से कूड़ा-कचरा हटाया, बल्कि स्थानीय लोगों को भी जगाने का काम किया। यह घटना एक ऐसे समय में हुई है, जब गुरुग्राम जैसे हाई-टेक शहर को अक्सर स्वच्छता और नागरिक सुविधाओं के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है।

क्षेत्र में सफाई की हालत बेहद खराब थी

लजाक नाम का यह युवक यूरोप से है और पिछले कुछ समय से गुरुग्राम में रह रहा है। पिछले तीन दिनों से उसने अपने साथियों के साथ गुरुग्राम के सेक्टर-55 और आसपास के इलाकों में सड़कों, गलियों और सार्वजनिक जगहों पर बिखरे कूड़े को साफ करने का बीड़ा उठाया हुआ है। इस क्षेत्र में लंबे समय से सफाई की हालत बेहद खराब थी, जिसकी वजह से हर जगह कूड़े के ढेर लगे रहते थे। यह कूड़ा न सिर्फ बदबू का कारण बन रहा था, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर रहा था।

हमें खुद ही कुछ करना होगा

लजाक ने अपनी इस पहल से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनका कहना था कि अगर कोई कुछ नहीं कर रहा तो कोई नहीं, हमें ही खुद कुछ करना होगा। उनकी इस प्रेरणादायक बात ने कई स्थानीय निवासियों को भी प्रेरित किया। रमेश शर्मा जो सेक्टर-55 के निवासी हैं, उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह बहुत शर्म की बात है कि एक विदेशी युवक को हमारे शहर की गंदगी साफ करनी पड़ रही है। उनका जज्बा देखकर हमें भी प्रेरणा मिली है। कुछ निवासियों ने तो उनके साथ मिलकर सफाई में मदद भी की।

स्थानीय प्रशासन ने की अनदेखी

दुर्भाग्य से लजाक के इस नेक काम को स्थानीय प्रशासन या नगर निगम से कोई समर्थन नहीं मिला। लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर निगम से सफाई के लिए शिकायत की लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। निवासियों का आरोप है कि वे टैक्स देते हैं लेकिन बदले में उन्हें साफ-सुथरा माहौल नहीं मिलता। प्रीति मेहता नाम की एक निवासी ने कहा इस युवक ने हमें दिखाया है कि अगर हम चाहें तो खुद बदलाव ला सकते हैं। यह घटना स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है और दिखाती है कि कैसे बुनियादी नागरिक सुविधाओं को भी नजरअंदाज किया जा रहा है।

फ्रांसीसी महिला ने गुरुग्राम के कूड़े की तुलना "सुअरों के घर" से की थी

गुरुग्राम में सफाई को लेकर यह पहली बार चर्चा नहीं हो रही है। हाल ही में एक फ्रांसीसी महिला ने गुरुग्राम के कूड़े की तुलना "सुअरों के घर" से की थी। इसके अलावा, जेट एयरलाइन के पूर्व सीईओ राजीव कपूर और प्रसिद्ध व्यवसायी सुहेल सेठ जैसे कई प्रभावशाली लोग भी गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठा चुके हैं।

यह घटना यह साबित करती है कि भारत जैसे देश में, जहां स्वच्छ भारत अभियान जैसी पहल चलाई जा रही है, वहां भी जमीनी स्तर पर बहुत कुछ किया जाना बाकी है। विदेशी नागरिकों का इस तरह से आगे आना न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि हमारे लिए एक सबक भी है कि अगर हमें अपने शहरों को साफ-सुथरा बनाना है, तो केवल सरकार पर निर्भर रहने के बजाय खुद भी पहल करनी होगी।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story