हरियाणा BJP में राव परिवार का बड़ा सियासी दावा: हमने बनाई सरकार, बेटी आरती राव ने दोहराई बात

कोसली क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करतीं स्वास्थ्य मंत्री आरती राव।
गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी और हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के एक बयान ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। 18 जुलाई को कोसली के एक गांव में जनसभा को संबोधित कर आरती राव ने कहा कि हरियाणा में किसी ने नहीं सोचा था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनेगी, लेकिन हमने सोचा और हवा बनाई, जिससे प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई। यह बयान सीधे तौर पर राव परिवार के प्रभाव और योगदान को रेखांकित करता है, जो पार्टी के भीतर नई चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में उनकी सरकार है और किसी को भी कोई काम हो तो उनका दफ्तर रामपुरा में चलता है। आरती राव ने यह भी बताया कि अब उनका एक ऑफिस चंडीगढ़ और दिल्ली में भी है, साथ ही रेवाड़ी और डहीना में भी कार्यालय चल रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे जनता के किसी भी काम के लिए हमेशा तैयार बैठे हैं।
पिता-पुत्री का सरकार बनाने का दावा
आरती राव का यह बयान उनके पिता, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पहले दिए गए बयानों की ही कड़ी में है। राव इंद्रजीत भी कई मौकों पर यह दावा ठोक चुके हैं कि हरियाणा में भाजपा सरकार उनके और उनके समर्थकों के सहयोग से बनी है। एक रैली में उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी से दोटूक कहा था कि हमने सरकार बनाई है तो हमारे काम होने चाहिए। हालांकि, मुख्यमंत्री ने तब सभी के समान विकास का आश्वासन दिया था। इसके बाद, राव इंद्रजीत ने चंडीगढ़ में आरती राव के आवास पर दक्षिण हरियाणा के 12 विधायकों के साथ डिनर डिप्लोमेसी कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी थी। पिता-पुत्री का यह दावा दक्षिण हरियाणा, विशेषकर अहीरवाल बेल्ट, में उनके मजबूत प्रभाव पर आधारित है। आंकड़ों पर गौर करें तो:-
• 2014 विधानसभा चुनाव : भाजपा ने दक्षिण हरियाणा की 17 में से 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अहीरवाल बेल्ट की सभी 11 सीटों पर भाजपा को विजय मिली। इसी के दम पर भाजपा 90 में से 47 सीटें जीतकर हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही। राव परिवार का मानना है कि उनकी वजह से ही भाजपा बहुमत तक पहुंची।
• 2019 विधानसभा चुनाव : इस चुनाव में भाजपा को दक्षिण हरियाणा की 17 में से केवल 11 सीटें मिलीं। अहीरवाल बेल्ट की 11 में से 3 सीटें कांग्रेस और निर्दलीय के खाते में चली गईं। इसके परिणामस्वरूप, भाजपा बहुमत से चूक गई और 90 में से सिर्फ 40 सीटें ही जीत पाई। उसे सरकार बनाने के लिए दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन करना पड़ा। यह दर्शाता है कि दक्षिण हरियाणा की सीटों पर कमजोर प्रदर्शन का सीधा असर भाजपा के बहुमत पर पड़ा।
• 2024 विधानसभा चुनाव : हाल ही में हुए चुनाव में भाजपा ने दक्षिण हरियाणा की 17 में से 15 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को केवल 2 सीटें मिलीं। अहीरवाल बेल्ट की 11 में से 10 सीटों पर भाजपा ने फिर कब्जा जमाया। इसी मजबूत प्रदर्शन के चलते हरियाणा में भाजपा ने 90 में से 47 सीटें हासिल कर एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। इन परिणामों के आधार पर ही राव इंद्रजीत और आरती राव का मानना है कि उनके क्षेत्र के मतदाताओं का समर्थन भाजपा को बहुमत दिलाने में निर्णायक साबित हुआ है।
CM सैनी का जवाब और डिनर डिप्लोमेसी
राव इंद्रजीत सिंह ने 15 जून को रेवाड़ी के राव तुलाराम स्टेडियम में मुख्यमंत्री नायब सैनी के समक्ष मंच से भी यही बात कही थी कि मुख्यमंत्री जी, हमने आपकी सरकार बनाई है, हमारा हक बनता है, हमारा काम किया जाए। इसके जवाब में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया था कि हम किसी जाति की नहीं, पौने 3 करोड़ लोगों की सरकार हैं। इन सभी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने इस रिश्ते को राजनीतिक नहीं बल्कि दिल का रिश्ता बताया।
15 जून की रैली में हुई इस तल्खी के बाद, 18 जून को स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के घर हुआ डिनर काफी चर्चित रहा था। प्रदेश सरकार में मंत्री राव नरबीर को छोड़कर दक्षिणी हरियाणा के जिलों गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और चरखी दादरी से तमाम भाजपा विधायक इस डिनर पार्टी में शामिल हुए थे। इससे सियासी गलियारों में अटकलें तेज हो गईं कि राव परिवार पार्टी के भीतर अपना दबदबा दिखाने की कोशिश कर रहा है। कुछ विधायकों को तो डिनर की खबर बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री आवास पर सफाई देने भी जाना पड़ा था। इस सियासी गर्मी को ठंडा करने की कोशिश 13 जुलाई की रात एक और डिनर पार्टी के जरिए की गई। इस बार भी जगह आरती राव का चंडीगढ़ स्थित घर ही था, लेकिन माहौल मेल-मिलाप का रहा। इस डिनर में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपनी पत्नी सुमन सैनी के साथ शामिल हुए। उनके साथ कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा भी अपनी पत्नी रीटा शर्मा के साथ पहुंचे थे। अरविंद शर्मा का शामिल होना खास इसलिए रहा क्योंकि 15 जून को रेवाड़ी की रैली में मंच पर वो भी राव इंद्रजीत के साथ मौजूद थे।
दिग्विजय चौटाला की सलाह और आरती राव का पलटवार
जननायक जनता पार्टी (JJP) के युवा प्रदेशाध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने एक दिन पहले ही राव इंद्रजीत सिंह को सलाह देते हुए कहा था कि उन्हें दक्षिणी हरियाणा के हितों को देखना चाहिए और अपनी ताकत को पहचानना चाहिए। दिग्विजय ने कहा कि राव साहब को बड़ा फैसला लेना होगा और लोकल दलों का साथ देना होगा, क्योंकि रीजनल ही ओरिजिनल है। उन्होंने राव इंद्रजीत के मुख्यमंत्री बनने के सपने को क्षेत्रीय पार्टी में आने से ही पूरा होने की बात कही, और उन्हें अब राष्ट्रीय पार्टी छोड़कर क्षेत्रीय पार्टी का साथ देने की सलाह दी थी।
दिग्विजय चौटाला के इस बयान पर स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय चौटाला के बयान पर मैं टिप्पणी नहीं देना चाहूंगी। जो उनकी उम्र भी नहीं है, उससे डबल राव साहब का तजुरबा है। अगर हम उनसे एडवाइस लेने लगे तो हमारा हाल उनके जैसा ना हो जाए। यह बयान दर्शाता है कि राव परिवार अपने सियासी कद और अनुभव को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है और किसी भी बाहरी सलाह को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
