इस्लामिक झलसा: नो स्मोकिंग होगा तीन दिवसीय जलसा, हिंदू मुस्लिम एकता की बनेगा मिसाल

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नूंह के तिरावड़ा गांव में इस्लामिक झलसे के लिए लगाया जा रहा टेंट। 

गांव तिरावड़ा में मुस्लिम समाज के पांच लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान, हिंदुओं को जस्ले में स्टॉल लगाने की अनुमति दी गई है। प्रशासन व हिंदू समाज पूरा पूरा सहयोग मिल रहा है।

हरियाणा में नूंह के तिरावड़ा गांव में 25 से 27 अक्टूबर तक होने वाला तीन दिवसीय इस्लामिक झलसा पूरी तरह से नो स्मोकिंग होगा। सैकेंडों एकड़ में होने वाले झलसे के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिसमें पार्किंग, शौचालय, खाना, दवाई, वजू से लेकर रूट प्लान भी तैयार कर लिया गया है, ताकि झलसे में शामिल होने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। झलसे में करीब पांच लाख मुस्लिम समाज के लोगों के पहुचने की संभावना है तथा शुक्रवार से लोगों का पहुंचना भी शुरू हो गया है। जिस प्रकार से फिरोजपुर झिरका में इस्लामिक झलसा हुआ था, ठीक वैसा ही जलसा तिरावड़ा में होगा। बस फर्क केवल यह है कि यह सभी तैयारियां 9 से 10 दिन में की गई हैं।

तीन दिवसीय झलसा हिंदू मुस्लिक एकता की मिसाल बनेगा। झलसे में न केवल हिंदुओं को स्टॉल लगाने की अनुमति मिली है, बल्कि पुन्हाना निवासी त्रिलोक चंद ने तीन दिन तक मुस्लिमों को 75 पतीला बिरयानी बनाकर खिलाने का ऐलान किया है। पुन्हाना नपा प्रधान बलराज सिंगला साथियों के साथ झलसे में शामिल होने वाले लोगों के लिए वाहनों की व्यवस्था की है।

पहले अड़बर गांव का हुआ था चयन

पहले नूंह के अड़बर गांव में इस्लामी जलसे की तारीख निश्चित हो गई थी, लेकिन अधिक बरसात के कारण अड़बर गांव में जलसा नहीं हो सका और तिरवाड़ा गांव में महज एक दिन का इस्तिमा रखा गया था। जिसे अब तीन दिवसीय इस्लामिक जलसा बना दिया गया है। जिसमें प्रशासन भी बिजली, पानी, दमकल की गाड़ियों के अलावा अन्य प्रकार की मदद कर रहा है और इस धार्मिक आयोजन में राशि खर्च करने से लेकर तमाम इंतजाम मुस्लिम समाज के लोग करते हैं और आज तक का इतिहास रहा है कि इतने बड़े आयोजन में किसी प्रकार का आज तक वाद विवाद देखने व सुनने को नहीं मिला है।

हिंदू मुस्लिम एकता की बनेगा मिसाल

जमीयत उलेमा के चंडीगढ़ रीजन के महासचिव मौलाना याहया करीमी तिरावड़ा में पत्रकारों को बताया कि झलसा हिंदू- मुस्लिम एकता की भी बड़ी मिसाल बनेगा। हिंदू समाज के लोगों को झलसे में स्टॉल बनाने की अनुमति दी गई है। पुन्हाना के त्रिलोक चंद ने अकेले 75 पतीला बिरयानी तीनों दिन मुस्लिम समाज के लोगों को खिलाने का ऐलान किया है। ठीक इसी तरह नगर पालिका पुन्हाना के अध्यक्ष बलराज सिंगला एवं उनके साथी राजू नेवानिया ने भी जलसे में आने - जाने वाले उन लोगों के लिए वाहनों की व्यवस्था की है, जो पुनहाना शहर से तकरीबन 5 किलोमीटर दूर तिरवाड़ा गांव के लिए लोगों को लाने ले जाने की व्यवस्था करेंगे। लाइटिंग की व्यवस्था भी उनकी तरफ से की जाएगी। इसके अलावा कुछ हिंदू समाज के डॉक्टरों ने अपने स्वास्थ्य शिविर भी यहां लगाने की मंजूरी ली है। मौलाना याहया करीमी तिरवाड़ा ने कहा कि 200 - 300 वर्षों से जो अमन और भाईचारे की मिसाल मेवात रहा है। उसको कुछ शरारती तत्व खराब करने की कोशिश करना चाहते हैं, लेकिन इतना पुराना भाईचारा किसी से टूटने वाला नहीं है। जिस तरह फिरोजपुर झिरका के इस्लामी जलसा में हिंदू समाज के लोगों ने आर्थिक मदद से लेकर पानी के ट्यूबवेल इत्यादि मदद की थी। ठीक उसी तरह हिंदू समाज के लोग तिरवाड़ा गांव में होने जा रहे इस इस्लामिक जलसे की मदद करने के लिए आगे आ चुके हैं।

देश-दुनिया के लिए मांगेंगे अमन की दुआ

जमीयत उलेमा से जुड़े मौलाना याहया करीमी तिरवाड़ा ने बताया जलसे की सबसे बड़ी विशेषता यही है। इसमें मुल्क व दुनिया भर में अमन चैन के लिए दुआ मांगी जाएगी और देश की तरक्की के लिए भी दुआ मांगी जाएगी। इसके अलावा कार्यक्रम में शिरकत करने वाले भाजपा नेता एजाज खान, कासिम मेवाती, राजस्थान तथा मौलाना साबिर कासमी इत्यादि का कहना है कि बहुत अच्छा आयोजन होने जा रहा है। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कासिम मेवाती, राजस्थान ने कहा कि कुछ लोग ऐसे आयोजनों के समय पर यूनिवर्सिटी की मांग को सामने लाते हैं। यह गलत है। उन्होंने कहा कि यह इस्लामी जलसा है, इसके अलग मायने हैं। यह धार्मिक आयोजन है, ऐसे समय पर किसी दूसरी मांग को उठाना कतई ठीक नहीं है। इसके अलावा भाजपा नेता एजाज खान ने कहा कि यह धार्मिक आयोजन है और इस तरह के आयोजनों में सरकारी मदद की आवश्यकता कम पड़ती है, लेकिन जो भी मदद हो सकती है। उपायुक्त अखिल कुमार पिलानी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी लगातार संपर्क में हैं और उन्होंने दमकल विभाग से कई फायर ब्रिगेड की गाड़ियां यहां भेजी हैं, जो मदद हो सकती है। वह सरकार करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कुल मिलाकर तिरवाड़ा गांव में वॉलिंटियरों की मदद से तीन दिनों तक मुस्लिम समाज के लाखों लोग यहां जुड़ेंगे और किसी प्रकार का कोई वाद - विवाद सामने नहीं आएगा। अब तक का इतिहास ऐसा ही रहा है। इस इतिहास को बनाए रखने के लिए आयोजन कमेटी जी तोड़ कोशिश कर रही है। खास बात यह है कि मौलाना हजरत साद साहब शनिवार को सुबह करीब 10 बजे इस्लामी जलसे में पहुंच जाएंगे। आपको यह बताना जरूरी है कि मौलाना हजरत साद साहब के पर दादा मौलाना हजरत इलियास कांधला ने 1927 में तब्लीगी जमात की शुरुआत हरियाणा के नूँह जिले की धरती से की थी। पूरी दुनिया में इस्लाम का प्रचार इसी धरती से हुआ था, इसलिए इस परिवार का इस धरती से विशेष लगाव है। यहीं कारण है कि यहां बार- बार इस्लामी जलसे होते रहते हैं।

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