फतेहाबाद के गांव में सांपों की दहशत: घर में सांप दिखते और पल भर में गायब हो जाते, स्नेक मैन ने उपलों में से निकाले पांच सांप

घर में सांप दिखते और पल भर में गायब हो जाते, स्नेक मैन ने उपलों में से निकाले पांच सांप
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फतेहाबाद के गांव में उपलों के ढेर से सांप को पकड़ते स्नेक मैन।

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव धोलू में सांपों ने क्षेत्र में दहशत फैलाई हुई थी। बार-बार सांप दिखाई देने से लोगों का घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया था। ऐसे में स्नेक मैन को बुलाया गया, जिसने कई घंटे की मशक्कत के बाद पांच बड़े सांप पकड़े।

फतेहाबाद के गांव में सांपों की दहशत : हरियाणा के टोहाना उपमंडल के गांव धोलू की ढाणी में एक घर से रेस्क्यू टीम ने 5 सांपों को काबू किया। इसके बाद परिवार के लोगों व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। सहारा रेस्क्यू टीम ने सभी पांचों सांप को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया है। जानकारी अनुसार गांव के उक्त घर में बीते कई दिनों से सांपों की गतिविधियां देखी जा रही थीं। ग्रामीणों के अनुसार सांप अक्सर घर के आसपास दिखाई देते थे, लेकिन तुरंत ही गायब हो जाते थे, जिससे लोगों को यह पता लगाना मुश्किल हो रहा था कि वे कहां छिप रहे हैं। परिवार लंबे समय से दहशत में जीवन यापन कर रहा था।

तीन इंडियन रेड स्नेक और दो इंडियन सैंड बोआ पकड़े

पीड़ित ग्रामीणों ने सहारा स्नेक रेस्क्यू टीम के नवजोत सिंह ढिल्लों को सांप होने की सूचना दी। जैसे ही सूचना मिली तो स्नेक मैन नवजोत सिंह ढिल्लों तुरंत मौके पर पहुंचे और पूरे क्षेत्र की सूझबूझ से तलाशी शुरू की। प्रारंभ में घर के भीतर और आसपास में जब कुछ नहीं मिला तो उन्होंने पुराने गोबर के उपलों के ढेर को जांचना शुरू किया। नवजोत ने टीम के साथ जब एक-एक करके उपले उठाना शुरू किया तो कई घंटे की मशक्कत के बाद वहां से सभी सांप दिखने शुरू हुए। ढिल्लों ने सावधानीपूर्वक तीन इंडियन रेड स्नेक (घोड़ा पछाड़ या दमन) और दो इंडियन सैंड बोआ को रेस्क्यू किया।

पकड़े गए सांप नहीं थे विषैले, लेकिन थे बड़े फुर्तिले

नवजोत ढिल्लों ने बताया कि ये सभी सांप बिना विषैले होते हैं। हालांकि इनके काटने से हल्का संक्रमण हो सकता है, लेकिन जान का खतरा नहीं होता। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए गए सांप बेहद फुर्तीले और तेज़ होते हैं, जिनकी गति लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है। अगर ये एक बार हाथ से छूट जाएं तो इन्हें दोबारा पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है।

रेस्क्यू के बाद सांपों को जंगल में छोड़ा

नवजोत सिंह ढिल्लों ने कहा कि यह केस इसलिए भी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि सांप कई दिनों से दिख रहे थे, लेकिन उनका ठिकाना पकड़ में नहीं आ रहा था। ऐसे तेज़-तर्रार सांपों को काबू में करना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में सांप दिखाई दें तो खुद प्रयास न करके स्नेक रेस्क्यू टीम को बुलाएं। रेस्क्यू के बाद सभी सांपों को सुरक्षित थैली में डालकर जंगल में छोड़ा गया, जहां वे प्राकृतिक रूप से स्वतंत्र जीवन व्यतीत कर सकें।

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