हरियाली अमावस्या कल: 4 बन रहे शुभ संयोग, पूर्वजो-पित्तरों को समर्पित, तर्पण व पिंडदान करना फलदायी 

Symbolic picture.
X
प्रतीकात्मक तस्वीर।
फतेहाबाद में हरियाली अमावस्या 4 अगस्त को मनाई जाएगी। हरियाली अमावस्या पर चार शुभ संयोग बनने से इस बार श्रावण अमावस्या विशेष तौर पर शुभ मानी जा रही है।

Fatehabad: हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। सावन माह में इस बार पांच सोमवार पड़ रहे हैं। पांचों ही दिन खास तरह का महत्व रखते हैं। तीसरे सोमवार से पूर्व रविवार को सावन की अमावस्या पड़ रही है, जिसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जानते हैं। इस दिन अलसुबह स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण, पिंडदान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन पेड़-पौधे लगाने का विशेष महत्व है। इस साल की हरियाली अमावस्या काफी खास है, क्योंकि रवि पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।

4 शुभ संयोग के साथ शुभ मानी जा रही अमावस्या

हरियाली अमावस्या सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर चार शुभ संयोग बनने से इस बार श्रावण अमावस्या विशेष तौर पर शुभ मानी जा रही है। हरियाली अमावस्या का इंतजार साल भर रहता है, क्योंकि यह पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस समय बारिश के कारण पूरी धरती पर खूब हरियाली होती है। इसी कारण से सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है।

पुष्य नक्षत्र के साथ बनेगा सिद्धि योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण की अमावस्या तिथि 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो रही है जो 4 अगस्त को दोपहर 4 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से हरियाली अमावस्या रविवार 4 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा जबकि प्रदोष काल शाम 6 बजे से लेकर 7 बजकर 30 मिनट तक होगा। हरियाली अमावस्या के दिन काफी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सूर्योदय से लेकर दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। रविवार का दिन होने के कारण इसे रवि पुष्य योग कहा जाएगा। इसके साथ ही सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसके अलावा सुबह 6 बजकर 2 मिनट से दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।

हरियाली अमावस्या पर इस प्रकार करें पूजा

हरियाली अमावस्या के दिन स्नान-दान के साथ भगवान शिव और विष्णु की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होगी। सावन अमावस्या के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, जल, दूध, दही, बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र, आक का फूल, भस्म, कनेर का फूल आदि चढ़ाने के साथ मौसमी फल के साथ भोग लगाएं। इसके बाद घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर शिव चालीसा, शिव मंत्र के बाद शिव आरती कर लें। इसके साथ ही इस दिन रुद्राभिषेक के साथ हनुमान की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।

पूर्वजों को समर्पित है यह दिन

अमावस्या का दिन पूर्वजों को समर्पित है। हरियाली अमावस्या के दिन पित्तरों को तर्पण देना और दान-पुण्य करना भी बहुत उपयोगी होता है। पितरों को तर्पण और पिंडदान करना शुभ माना जाता है क्योंकि अमावस्या पर्व पितरों की प्रसन्नता के लिए विशेष अवसर माना जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है, इसलिए इस दिन शमी, आम, पीपल, बरगद, नीम जैसे छायादार पेड़ों को लगाना चाहिए।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story