पंजाब के प्रदूषण से फतेहाबाद में छाया अंधेरा: पूरा दिन स्मॉग की रही चादर, सूरज निकलने के बावजूद नहीं दिखी धूप

Firefighters extinguishing the fire in stubble in the fields of Fatehabad.
X
फतेहाबाद के खेतों में पराली में लगी आग बुझाते दमकल कर्मचारी।
फतेहाबाद में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। पंजाब में पराली जलाने के कारण क्षेत्र का एक्यूआई 425 पहुंच गया, जो प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया।

फतेहाबाद: प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। पिछले कई दिनों से दिल्ली, हरियाणा समेत उत्तर भारत में प्रदूषण के कारण लोगों का स्वास्थ्य संकट में पड़ गया है। बुधवार को फतेहाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एक्यूआई 425 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। जिससे यह तय हो गया कि फतेहाबाद प्रदेश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर है। पहले नंबर पर ग्रेटर नोएडा है, जहां एक्यूआई 470 दर्ज हुआ है। तीसरे स्थान पर जींद है जिसका एक्यूआई 320 व चौथे स्थान पर फरीदाबाद व गंगानगर आते हैं जहां एक्यूआई 310 दर्ज किया गया है।

पंजाब से आ रहे धुंए से प्रदूषित फतेहाबाद

बता दें कि पिछली बार पराली जलाने के मामले 600 से ज्यादा थे लेकिन इस बार यह संख्या मात्र 70 तक ही है। जिससे स्पष्ट है कि स्मॉग का यह धुंआ फतेहाबाद का न होकर पंजाब क्षेत्र से आ रहा है। बुधवार को हालात यह थे कि फतेहाबाद में पूरा दिन पंजाब के प्रदूषण से धुंए का गुब्बारा बना रहा। इससे पूर्व भी फतेहाबाद को सबसे प्रदूषित शहर बनाने में पंजाब का सबसे बड़ा योगदान रहता है। इस बार जिले को फसल अवशेष प्रबंधन में काफी सफलता मिली है। इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि यह सारा धुंआ पंजाब राज्य से यहां आ रहा है। प्रदूषण बढ़ने की प्रमुख वजह पराली व कूड़ा कर्कट का जलना, सड़क किनारे धूल मिट्टी का उड़ना मुख्य रूप से सामने आया हैं।

जिले में अब तक 70 से अधिक फायर लोकेशन

हरसेक ने अब तक सेटेलाइट के माध्यम से फतेहाबाद की 70 से अधिक ऐसी लोकेशन कृषि विभाग को भेजी, जहां पर पराली जलाई गई थी। इसमें कृषि विभाग ने इन किसानों पर करीब 70 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका है। दरअसल हरसेक ने सैटेलाइट से 70 आगजनी की लोकेशन कृषि विभाग को भेजी थी। विभाग की टीमें जब मौके पर पहुंची तो 10 जगह आग नहीं पाई गई जबकि दो जगह गैर एग्रीकल्चर स्थानों पर आग मिली। बुधवार को यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एक्यूआई 425 को भी पार कर गया। पराली जलाने पर कृषि विभाग द्वारा एक एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इसके साथ ही नामजद किसानों की संख्या 22 हो गई है।

फैक्ट्रियों व ईंट भट्ठों से निकल रहा जहरीला धुंआ

नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि इन दिनों स्मॉग के कारण आंखों में जलन के मरीजों की ओपीडी बढ़ी है। बीमार लोगों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को धुंए-स्माग के वातावरण में निकलने से परहेज करना चाहिए। अति आवश्यक कार्य से बाहर निकलना पड़े तो मास्क पहनें। आंखों के बचाव के लिए चश्मा पहन सकते हैं। नागरिक अस्पताल में भी स्माग छाने के बाद आंखों में जलन के मामले बढ़े हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि एक्यूआई को 0-50 के बीच बेहतर, 51-100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच सामान्य, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story