फतेहाबाद के 20 हजार किसानों को मिलेगी राहत: आबियाना माफी से 7 करोड़ होगा माफ, नंबरदारों के पद खत्म कर सकती है सरकार

Canals originating from Baliala Head in Fatehabad. (File photo)
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फतेहाबाद के बलियाला हैड से निकलती नहरें। (फाइल फोटो)
फतेहाबाद में आबियाना माफी की घोषणा से करीब 20 हजार किसानों को फायदा होगा। इन किसानों का करीब 7 करोड़ का आबियाना माफ हो जाएगा।

सुरेन्द्र असीजा, फतेहाबाद: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा प्रदेश में आबियाना माफी की घोषणा से फतेहाबाद के करीब 20 हजार किसानों को फायदा होगा। इन किसानों का करीब 7 करोड़ का आबियाना माफ हो जाएगा। फिलहाल राजस्व विभाग नोटिफिकेशन के इंतजार में है। नोटिफिकेशन के बाद जिले में 490 नंबरदारों का खाली होना लाजिमी है। माना जा रहा है कि आबियाना खत्म होने के साथ ही नंबरदारों के पद भी खत्म हो जाएंगे। बता दें कि आम बोलचाल की भाषा में गांवों में आबियाना को माल कहा जाता है।

किसानों का बकाया आबियाना होगा माफ

पिछले दिनों कुरूक्षेत्र में चुनावी शंखनाद में सीएम नायब सिंह सैनी ने घोषणा की कि प्रदेश के किसानों का बकाया आबियाना माफ कर दिया जाएगा और भविष्य में भी किसानों से आबियाना नहीं वसूला जाएगा। फतेहाबाद में 5 नहरी डिवीजन पड़ते हैं। इनमें फतेहाबाद, टोहाना, नहराना, आदमपुर व हिसार शामिल है। नहरी डिवीजन में 245 गांव पड़ते हैं। इन गांवों में जिस किसान की जमीन में नहरी पानी लगता है, सरकार उससे प्रति एकड़ के हिसाब से आबियाना वसूल करती है। आबियाना वसूली का काम नंबरदार करते हैं। जिला में इस समय 490 नंबरदार है। जिले के करीब 20 हजार किसानों के पास अब 7 करोड़ 16 लाख 74 हजार 625 रुपए बकाया है। आबियाना माफी का नोटिफिकेशन जारी होते ही किसानों का आबियाना माफ हो जाएगा।

नंबरदारों के पद हो सकते हैं समाप्त

नंबरदारों को प्रदेश सरकार 3 हजार रुपए प्रति माह मानदेय अदा करती है। इसके अलावा उन्हें आबियाना का 10 फीसदी पंचोतरा मिलता है। प्रदेश सरकार द्वारा आबियाना माफी व भविष्य में न वसूलने की घोषणा से किसान तो प्रसन्न है ही, नंबरदारों पर संकट के बादल छा गए हैं। नंबरदारों के पद अब समाप्त होने की कगार पर हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार इन्हें पदमुक्त कर देगी।

2019 से नहीं हो रही नंबरदारों की नियुक्त

बता दें कि वर्ष 2019 के बाद से प्रदेश सरकार ने नंबरदारों की नियुक्ति व उनके वारिस सरबरा को बनाना बंद कर दिया है। इसके अलावा 75 साल से ऊपर के नंबरदारों को भी जिम्मेवारी से मुक्त किया जा रहा है। जानकारों का मानना है कि नंबरदारों का इसके अलावा कोई काम नहीं है। जब आबियाना ही नहीं होगा तो नंबरदारों की कोई जरूरत नहीं होगी। गांव के किसान तहसील कार्यालय में इन्हें रजिस्ट्री आदि कार्यों में शिनाख्ती के तौर पर लाते थे लेकिन तहसील कार्यालय में इसका विकल्प पूर्व पंच-सरपंच भी बन सकते हैं।

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