हरिद्वार में कांवड़ियों का तांडव: फतेहाबाद के युवकों ने आस्था के नाम पर की तोड़फोड़, गिरफ्तार

Kanwariyas Arrested
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 हरिद्वार में कांवड़ियों की ओर से की गई तोड़फोड़ का वीडियो। 

घटना का वीडियो भी वायरल हुआ, जो हरिद्वार पुलिस तक पहुंचा। वीडियो के आधार पर त्वरित कार्रवाई कर पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

सावन का महीना आते ही देश भर में शिवभक्तों का उत्साह चरम पर होता है, और कांवड़ यात्रा इसी आस्था का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु इस दौरान पवित्र गंगाजल लेने हरिद्वार और अन्य धार्मिक स्थलों की ओर रुख करते हैं। यह यात्रा भक्ति, त्याग और शांति का संदेश देती है। हालांकि, कभी-कभी कुछ घटनाएं ऐसी घट जाती हैं, जो इस पवित्र यात्रा के मूल उद्देश्य पर सवाल खड़े कर देती हैं। ऐसी ही एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हाल ही में हरिद्वार में सामने आई, जहां फतेहाबाद से आए कुछ कांवड़ियों ने आस्था के नाम पर उपद्रव मचाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

चश्मे की दुकान पर घटी घटना

यह घटना हरिद्वार में हर की पौड़ी के अपर रोड पर शिव विश्राम गृह के पास एक चश्मे की दुकान पर घटी। फतेहाबाद से कांवड़ लेने गए 8-10 युवकों के समूह में से दो युवक, जिनकी पहचान मुकेश उर्फ काणा और मुकेश उर्फ झंडू के रूप में हुई है। वह एक चश्मे की दुकान में दाखिल हुए। शुरुआती जानकारी के अनुसार दुकान पर चश्मे देखते हुए उनकी दुकानदार से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। यह कहासुनी इतनी बढ़ गई कि दोनों युवकों ने अपना आपा खो दिया और लाठी-डंडों से दुकान में जमकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। दुकान का सामान बिखेर दिया गया और काफी नुकसान हुआ।

तोड़फोड़ का वायरल वीडियो और पुलिस कार्रवाई

इस पूरी घटना का किसी ने वीडियो बना लिया, जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह वीडियो हरिद्वार पुलिस तक भी पहुंचा। वीडियो में साफ दिख रहा था कि कैसे आस्था के नाम पर पहुंचे कांवड़िए शांति भंग कर रहे थे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे। वीडियो को आधार बनाते हुए हरिद्वार पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और उपद्रवी युवकों की तलाश शुरू कर दी। अथक प्रयासों के बाद पुलिस ने मुकेश उर्फ काणा और मुकेश उर्फ झंडू को धर दबोचा।

पुलिस ने इन युवकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, जिनमें धारा 126 (सार्वजनिक उपद्रव), 135 (आपराधिक अतिचार), और 170 (छद्म भेष धारण करना) शामिल हैं। इन धाराओं के तहत गिरफ्तार कर दोनों युवकों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह घटना दर्शाती है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कितनी सजग है और किसी भी प्रकार के उपद्रव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, भले ही वह धार्मिक यात्रा के नाम पर ही क्यों न हो।

आस्था और अनुशासन का महत्व

यह घटना उन सभी श्रद्धालुओं के लिए एक सबक है जो धार्मिक यात्राओं पर निकलते हैं। कांवड़ यात्रा त्याग और भक्ति का प्रतीक है, न कि हिंसा और तोड़फोड़ का। हर यात्री का यह कर्तव्य है कि वह अनुशासन का पालन करे, सहिष्णुता बनाए रखे और किसी भी परिस्थिति में कानून अपने हाथ में न ले। धार्मिक सद्भाव और शांति बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। ऐसी घटनाओं से न केवल पवित्र यात्रा की छवि धूमिल होती है, बल्कि समाज में भी गलत संदेश जाता है। आशा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी और सभी श्रद्धालु शांतिपूर्ण ढंग से अपनी यात्रा पूर्ण करेंगे।

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