हरियाणा-पंजाब के युवक यूक्रेन में फंसे: रूसी सेना में नौकरी का झांसा दिया था, अब युद्ध में धकेलने की आशंका

यूक्रेन में फंसे युवक।
हरियाणा और पंजाब के कई युवक यूक्रेन-रूस युद्ध क्षेत्र में फंस गए हैं। उन्हें रूसी सेना में शामिल होने का लालच देकर वहां ले जाया गया था और अब उन्हें जबरन युद्ध के मोर्चे पर भेजा जा रहा है। फतेहाबाद के दो युवकों, अंकित जांगड़ा और विजय पूनिया, ने अपने परिवार को वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई है। उनके अनुसार उनके पास सिर्फ 2-3 दिन बचे हैं, जिसके बाद उन्हें युद्ध में धकेल दिया जाएगा। यह खबर उन युवाओं के लिए एक गंभीर चेतावनी है जो विदेशों में नौकरी के झूठे वादों का शिकार हो जाते हैं।
कंप्यूटर ऑपरेटर से सैनिक, दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए
युवकों द्वारा भेजे गए वीडियो में वे रूसी सेना की वर्दी में दिखाई दे रहे हैं, जो किसी जंगल जैसे इलाके में बैठे हैं। उनके चेहरे पर डर साफ झलक रहा है। वीडियो में एक युवक बताता है कि उन्हें मॉस्को में एक महिला ने कंप्यूटर ऑपरेटर और ड्राइवर जैसी नौकरियों का लालच दिया था। उसने उनसे रूसी भाषा में कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए, जिसका मतलब उन्हें पता नहीं था। बाद में पता चला कि वे सैनिक के रूप में भर्ती किए गए हैं।
जब युवकों ने बंदूक चलाने से इनकार किया, तो उन पर बंदूक तान दी गई और जान से मारने की धमकी दी गई। उन्हें बताया गया कि या तो वे दुश्मनों को मारें, या उन्हें मार दिया जाएगा। यह एक सीधा धोखा था, जिसमें युवाओं की जान खतरे में डाल दी गई।
अपनों से आखिरी गुहार...
वीडियो में युवकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उनके कई साथी पहले ही मारे जा चुके हैं। वे कहते हैं जो भी बंदा यहां से जाता है, उसका कुछ पता नहीं चलता। यह उनके लिए एक आखिरी उम्मीद है, जिसके जरिए वे अपने परिवार, सरकार और लोगों से मदद मांग रहे हैं।
अंकित के भाई रघुवीर ने बताया कि उनके भाई ने कॉल पर कहा था कि उनके पास एक-दो दिन ही बचे हैं और उन्हें युद्ध में भेजा जा सकता है। परिवार ने तुरंत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की, जिन्होंने विदेश मंत्रालय को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। परिवार ने राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा और पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल से भी मदद की अपील की है।
एजेंट और धोखेबाजों का जाल
यह घटना बताती है कि कैसे कुछ धोखेबाज एजेंट मासूम युवाओं को विदेश में नौकरी के झूठे सपने दिखाकर उनकी जिंदगी खतरे में डाल देते हैं। फतेहाबाद के ये दोनों युवक स्टडी और बिजनेस वीजा पर रूस गए थे, लेकिन एक महिला एजेंट के झांसे में आकर वे रूसी सेना में भर्ती हो गए। जब एक परिवार के सदस्य ने उस महिला को फोन किया, तो उसने साफ कह दिया कि दोनों युवक मर चुके हैं, जबकि कुछ ही घंटे पहले उनसे बात हुई थी। बाद में उसने नंबर ब्लॉक कर दिया।
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