फतेहाबाद पहुंची विधानसभा कमेटी: चिल्ली झील के सौंदर्यीकरण पर 13 करोड़ खर्च, गोलमाल की शिकायत पर होगी जांच

फतेहाबाद पहुंची विधानसभा कमेटी : हरियाणा विधानसभा की हाई पावर कमेटी के फतेहाबाद दौरे के दौरान शहर में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला जोर शोर से उठा। पूर्व नप प्रधान ने चिल्ली झील के सौंदर्यीकरण के लिए आए 8 करोड़ रुपये के गोलमाल के आरोप लगाए। झील के विकास के लिए अब तक 13 करोड़ रुपये आ चुके हैं। कमेटी के अध्यक्ष और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने भी माना कि यहां पर 13 करोड़ रुपये लगे दिखाई तो नहीं दे रहे। ऐसे में उन्होंने जांच की सिफारिश करने को कहा।
कमेटी में 12 विधायक रहे शामिल, समस्याएं सुनीं
गुरुवार को भट्टूकलां होते हुए फतेहाबाद आई कमेटी में फतेहाबाद के विधायक सहित 12 विधायक शामिल रहे। फतेहाबाद में पूर्व विधायक दुड़ाराम के घर प्रेसवार्ता के बाद आम पब्लिक ने कृष्ण मिड्ढा के समक्ष शहर की सीवरेज व दूषित पेयजल की समस्या प्रमुखता से रखी। कृष्ण मिड्ढा ने अल्फा सिटी में नहरी पानी पहुंचाने के लिए पब्लिक हेल्थ के एसई को तुरंत आदेश दिए। थाना रोड पर सीवरयुक्त काले पेयजल सप्लाई के बारे में एसआई को आदेश दिए कि यहां जितने भी प्वाइंट हैं, उन्हें चिन्हित कर ठीक करें और एक सप्ताह में उन्हें रिपोर्ट दें। यह रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। उन्होंने शिकायतकर्ता से भी कहा कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो वह उन्हें इस बारे जानकारी दें।
चिल्ली झील की जगह पर हो चुका अवैध कब्जा
यह टीम शहर में निरिक्षण करने भी पहुंची। जहां हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष कृष्ण मिड्ढा के नेतृत्व में कमेटी ने जलभराव व पेयजल समस्या को लेकर जायजा लिया। कमेटी चिल्ली, अशोकनगर के पास पहुंची। इसमें विधायक बलवान दौलतपुरिया और पूर्व विधायक दुड़ा राम आदि साथ थे। चिल्ली झील पर कृष्ण मिड्ढा के समक्ष पूर्व नगर परिषद प्रधान दर्शन नागपाल ने सवाल उठाते हुए पूछा मिड्ढा साहब अधिकारियों से पूछो कि चिल्ली को झील बनाने के नाम पर 8 करोड़ खर्च किए गए, वो कहां गए। इस पर कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि जैसे कि बताया जा रहा है कि इसमें 8 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन चिल्ली की हालत को देखकर नहीं लगता कि यहां 8 करोड़ रुपये लगा है। इसकी जांच कराने की सिफारिश की जाएगी। अब तक चिल्ली के नाम पर सीएम घोषणा के तहत 13 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।इस मौके पर शहर के कई पार्षद व समाजसेवी लोगों ने बताया कि चिल्ली झील की जगह पर कब्जा हो चुका है।
पेयजल योजनाओं की भी समीक्षा की
डॉ. मिड्ढा ने कहा कि पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा में किसी भी प्रकार की कोताही सहन नहीं की जाएगी। जिन परियोजनाओं में देरी हो रही है, उनके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में समान रूप से स्वच्छ व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। इसके लिए विभागीय अधिकारी सक्रियता से कार्य करें। कमेटी ने विभिन्न पेयजल परियोजनाओं का मौके पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान समिति सदस्यों ने पाइपलाइन बिछाने, टंकियों के निर्माण और पानी आपूर्ति की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डॉ. मिड्ढा ने कहा कि गुणवत्ता के साथ कार्य होना चाहिए। जनता को इसका सीधा लाभ मिलना चाहिए। इस अवसर पर समिति के साथ उपायुक्त मनदीप कौर, डीएमसी संजय बिश्रोई, अधिकारीगण, पुलिस प्रशासन व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
