खेतों में टूटी आफत: सिरसा में किसान अपनी तैयार फसल को खुद कर रहे बर्बाद, जानें क्यों

सिरसा में सेमग्रस्म क्षेत्र में जलभराव से नरमा की फसल पर ट्रैक्टर चलाते किसान।
खेतों में टूटी आफत : हरियाणा के सिरसा के नाथूसरी चोपटा खंड में सात गांव के किसान परेशान हैं। उनके खेतों में ऊपर आसमान और नीचे धरती से आफत टूट पड़ी है। इस आफत की वजह से कई किसान तो अपनी तैयार फसल पर ही ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हो गए हैं। किसान अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
इन गांवों में हुआ हजारों एकड़ में नुकसान
खंड के सात गांवों में खेत सेम की समस्या से प्रभावित हैं। सात गांवों की करीब दो हजार एकड़ नरमा, ग्वार, मूंगफली की फसलों में बरसाती व सेम का पानी भरने से किसानों को नरमे की फसल को जोतने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बारिश के कारण नरमे की फसल सहित दूसरी फसलों को भी बेहद नुकसान हुआ है। गांव रुपाणा गंजा में 400 एकड़, रुपाणा बिश्नोइयां में 300 एकड़, शक्कर मंदौरी में 500 एकड़, शाहपुरिया में 150 एकड़, नहाराणा में 150 एकड़, तरकांवाली में 100 एकड़, चाहरवाला में करीब 50 एकड़ के लगभग नरमा फसल बारिश के कारण पानी में डूब गई।
नरमे को उजाड़कर धान बोने को मजबूर
नरमे की फसल में पानी भरा होने से नरमा सूखने लगा है और मजबूरन किसानों को खेत जोतने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा मार गांव शक्कर, रूपाना गंजा व बिश्नोइया के किसानों को पड़ी है, जिनकी करीब 1200 एकड़ नरमे की फसल खराब हो गई है। किसान मजबूरन खेत जोतकर महंगे मूल्य पर धान की पनीरी लेकर रोपाई करने को मजबूर हैं।
सात एकड़ में चला दिया ट्रैक्टर
गांव शक्कर मंदोरी निवासी किसान अशोक कुमार कासनियां ने बताया कि उसने 7 एकड़ नरमा की फसल पर ट्रैक्टर चलाया है। बारिश का पानी भरने के कारण पूरा नरमा सूखने लग गया। मोटरें लगाकर पानी भी निकालने की कोशिश की गई, लेकिन फसल खराब हो गई। इसके अलावा गांव शक्कर मंदोरी निवासी किसान प्रदीप कुमार की चार एकड़, मनीष दो एकड़, राजेश सहारण की दो एकड़, मुकेश नम्बरदार की चार एकड़, किसान भरत सिंह की 8 एकड़, जय कुमार की दो एकड़, तेजपाल की तीन एकड़ सहित अन्य किसानों के खेतों में पानी भरने से नरमा फसल खराब हो रही है।
सेमनाले के टूटने का भी खतरा बढ़ा
किसानों ने बताया कि बारिश और खेतों में खड़ा पानी किसानों द्वारा सेमनाले में छोड़ा जा रहा है। जिससे गांव शक्कर मंदोरी, शाह्पुरिया, तरकांवाली के निकट से गुजरने वाले सेमनाले में पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण सेमनाले का किनारा टूटने का खतरा बना हुआ है। अगर यह सेमनाला टूटता है तो आसपास के गांव की हजारों एकड़ फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो जाएगी। किसानों ने विभागीय अधिकारियों से इस ओर ध्यान देते हुए सेमनाले की पटरी को मिट्टी से भरने की मांग की है। किसानों ने आरोप लगाया गया है कि विभागीय अधिकारियों ने बारिश के मौसम को देखते हुए सेमनाले की सफाई नहीं करवाई जिस कारण पानी का बहाव ज्यादा है।
प्रति एकड़ 15 से 20 हजार रुपये नुकसान
किसान मुकेश कुमार, वीरेंद्र व अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने करीब तीन महीने पहले नरमे की फसल की बिजाई की थी, अब पानी में डूब जाने के कारण उन्हें काफी घाटा उठाना पड़ा है। किसानों का लगभग प्रति एकड़ करीब 10 हजार रुपये नरमा बिजाई पर खर्च हो चुका है। अब इस फसल को नष्ट करना पड़ रहा है। इसके बाद धान की रोपाई की तो प्रति एकड़ के हिसाब से छह से आठ हजार रुपये किसानों के खर्च होंगे। किसानों ने आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।
