फरीदाबाद में वाहन चोरों का आतंक: 5 साल में 50 करोड़ रुपये से अधिक की गाड़ियां चोरी, पार्किंग और CCTV की कमी बनी वजह

Vehicle theft
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हरियाणा क्राइम न्यूज। 

पुलिस 4,000 से अधिक चोरी के आरोपियों को पकड़ भी चुकी है लेकिन फिर भी वारदातें कम नहीं हो रही हैं। शहर में पार्किंग की कमी और प्रमुख इलाकों में सीसीटीवी कैमरों का अभाव चोरों के लिए मौका बन रहा है।

स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहा फरीदाबाद आज वाहन चोरी की समस्या से जूझ रहा है। पिछले पांच सालों में इस शहर से 10,000 से अधिक गाड़ियां चोरी होने की बात सामने आ चुकी हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर प्रति वाहन की औसत कीमत 50000 रुपये भी मानी जाए तो पिछले कुछ वर्षों में चोरों ने 50 करोड़ से अधिक के वाहन चोरी कर लिए हैं। यह आंकड़ा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि शहर के लोगों की सुरक्षा और संपत्ति पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

हर दिन औसतन 4-5 वाहन चोरी

फरीदाबाद सिटी हरियाणा की औद्योगिक नगरी के रूप में जानी जाती है। यहां गुरुग्राम के बाद सबसे अधिक वाहन हैं। शहर में छोटे-बड़े सभी वाहनों की संख्या 16 लाख से अधिक है। इनमें से सबसे ज़्यादा संख्या बाइकों की है। हर दिन औसतन 4-5 वाहन चोरी हो रहे हैं। जनवरी से अब तक ही 970 से अधिक वाहन गायब हो चुके हैं।

• पुलिस की कार्रवाई : पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने इन 5 सालों में 4,000 से अधिक चोरों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, चोरी की बढ़ती संख्या यह बताती है कि यह समस्या पुलिस की कार्रवाई से कहीं ज़्यादा गहरी है।

• कबाड़ी कारोबार से मिलीभगत : स्थानीय लोगों का मानना है कि चोर गिरोहों की कबाड़ी कारोबारियों से मिलीभगत होती है। चोरी के वाहन तुरंत दूसरे शहरों या राज्यों में पहुंचा दिए जाते हैं, जहां उन्हें काट कर उनके पुर्जे औने-पौने दामों पर बेच दिए जाते हैं। इससे पुलिस के लिए वाहनों को ट्रैक करना और भी मुश्किल हो जाता है।

चोरी के मुख्य कारण और चूक

पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने खुद एक बैठक में वाहन चोरी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी और अधिकारियों को इसे रोकने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, शहर में वारदातें थम नहीं रही हैं। इसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं।

1. पार्किंग की समस्या : फरीदाबाद में पार्किंग की उचित व्यवस्था न होना एक बड़ा कारण है। लोग मजबूरन अपने वाहन बाजारों के बाहर, सड़कों के किनारे या सुनसान गलियों में पार्क करते हैं, जहां चोरों को आसानी से मौका मिल जाता है।

2. सीसीटीवी कैमरों की कमी : शहर के कई प्रमुख स्थानों पर, खासकर गलियों और बाजारों के बाहर, सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। चोर इसी कमी का फायदा उठाते हैं और उन जगहों को अपना निशाना बनाते हैं जहां पकड़े जाने का खतरा कम होता है।

3. पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया : लोगों का आरोप है कि वाहन चोरी की शिकायत दर्ज कराने में पुलिस की प्रतिक्रिया अक्सर धीमी होती है। समय पर एफआईआर दर्ज न होने से चोरों को भागने और सबूत मिटाने का पर्याप्त समय मिल जाता है।

इन इलाकों में हो रही हैं सबसे ज्यादा चोरियां

वाहन चोरी की घटनाएं कुछ खास इलाकों में ज़्यादा हो रही हैं। जिन जगहों पर सीसीटीवी नहीं हैं और जहां पार्किंग अव्यवस्थित है, वहां चोरों के लिए काम आसान हो जाता है।

• बाजार और कॉलोनियां : NIT-1 मार्केट, डबुआ सब्जी मंडी, सेक्टर-22 मछली मार्केट, सराय ख्वाजा, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में वाहन चोरी की घटनाएं सबसे अधिक हैं। बाजार में सड़क किनारे पार्क वाहन चोरों के लिए सबसे आसान निशाना बनते हैं।

• भीड़भाड़ वाले इलाके : शहर की कई घनी आबादी वाली कॉलोनियों से भी गाड़ियां चोरी हो रही हैं।

लोगों को भी बरतनी पड़ेगी सावधानी

पुलिस प्रवक्ता ने लोगों से अपील की है कि वे भी इस समस्या को कम करने में सहयोग करें। वाहन चोरी को रोकने के लिए सिर्फ पुलिस ही नहीं, बल्कि नागरिकों को भी जागरूक होना होगा।

• सुरक्षित पार्किंग : अपने वाहनों को सड़कों पर बेतरतीब ढंग से पार्क करने से बचें। जितना हो सके, पार्किंग के लिए सुरक्षित जगहों का इस्तेमाल करें।

• वाहनों को अच्छे से लॉक करें : वाहन को पार्क करते समय, यह सुनिश्चित करें कि वह अच्छी तरह से लॉक है। ऑटोमोबाइल कंपनियों को भी चाहिए कि वे वाहनों में और भी सुरक्षित और आधुनिक लॉक सिस्टम लगाएं।

• जागरूकता बढ़ाएं : अगर आप किसी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि को देखते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। बाजारों और कॉलोनियों के प्रवेश और निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की पहल करें।

पूरे शहर के लिए बड़ी चुनौती

यह समस्या पूरे शहर के लिए एक बड़ी चुनौती है। जब तक प्रशासन और नागरिक दोनों मिलकर इस पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक फरीदाबाद से वाहन चोरी की घटनाएं कम नहीं होंगी। एक स्मार्ट और सुरक्षित शहर बनाने के लिए, हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

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