खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी: हरियाणा के हर जिले में खुलेंगे स्पोर्ट्स सेंटर, कुश्ती, बॉक्सिंग और हॉकी पर होगा फोकस

दंगल का फाइल फोटो।
हरियाणा सरकार ने प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को जमीनी स्तर पर तराशने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी 22 जिलों में 'स्पोर्ट्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के अंतर्गत जिला स्तर पर पीएमश्री (PM SHRI) और मॉडल संस्कृति स्कूलों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें आधुनिक खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
इन खेलों पर रहेगा मुख्य फोकस
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार खेलों का वितरण उनकी लोकप्रियता और स्थानीय प्रतिभा के आधार पर किया गया है। प्रदेश के 5 स्कूलों को विशेष रूप से कुश्ती के लिए और 5 स्कूलों को बॉक्सिंग के एक्सीलेंस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं, 4 स्कूलों में बैडमिंटन की अत्याधुनिक ट्रेनिंग दी जाएगी।
विशेष बात यह है कि पूरे प्रदेश में क्रिकेट के लिए केवल सिरसा जिले के स्कूल का चयन किया गया है। इसके अतिरिक्त, फतेहाबाद के बैजलपुर स्थित स्कूल को हॉकी के एक्सीलेंस सेंटर के रूप में नई पहचान दी गई है।
15 जिलों में इंडोर अभ्यास के लिए बनेंगे मल्टीपर्पज हॉल
अक्सर खराब मौसम या अत्यधिक गर्मी के कारण खिलाड़ियों का अभ्यास प्रभावित होता है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने 15 जिलों में मल्टीपर्पज हॉल बनाने की योजना बनाई है। इन हॉल्स में बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कुश्ती, मुक्केबाजी और कबड्डी जैसे खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार अभ्यास की व्यवस्था होगी, ताकि खिलाड़ी साल भर बिना किसी रुकावट के ट्रेनिंग ले सकें।
फुटबॉल और तैराकी के लिए विशेष सुविधाएं
राज्य सरकार ने अन्य प्रमुख खेलों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। झज्जर जिले के दुजाना में फुटबॉल के लिए विशेष 'ग्रास ग्राउंड' तैयार किया जाएगा, जिससे उभरते फुटबॉलरों को पेशेवर मैदान पर खेलने का अनुभव मिलेगा। इसी तरह तैराकी को बढ़ावा देने के लिए फरीदाबाद के समयपुर और पंचकूला के सेक्टर-20 स्थित स्कूलों में मॉडर्न स्विमिंग पूल का निर्माण किया जाएगा।
बजट की तैयारी और आगामी लक्ष्य
शिक्षा विभाग ने इस पूरी योजना का विस्तृत प्रस्ताव और चयनित स्कूलों की सूची वित्त विभाग को सौंप दी है। वित्त विभाग से हरी झंडी मिलते ही निर्माण कार्य के लिए बजट आवंटित कर दिया जाएगा। विभाग का मुख्य लक्ष्य अगले शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले इन केंद्रों का काम शुरू करना है। इस पहल से न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी अपने ही जिले में विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे भविष्य में हरियाणा से और अधिक ओलंपिक और एशियाई खेलों के पदक विजेता निकल सकेंगे।
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