सड़क पर बनी अवैध मजार हटाई: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरीदाबाद नगर निगम की बड़ी कार्रवाई

फरीदाबाद के नीलम बाटा रोड पर सालों से सड़क के बीचों-बीच बनी एक अवैध मजार को नगर निगम ने बुधवार को जेसीबी मशीन की मदद से ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के तहत की गई है, जिसमें सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने धार्मिक ढांचों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
ट्रैफिक में बाधा और शिकायतों का अंबार
नगर निगम फरीदाबाद के वकील सतीश आचार्य ने बताया कि ध्वस्त की गई यह मजार करीब 25 से 30 साल पुरानी थी और इसे सड़क के बीच में अवैध रूप से बनाया गया था। स्थानीय नागरिकों द्वारा लगातार नगर निगम में शिकायतें की जा रही थीं। लोगों का कहना था कि यह मजार न केवल ट्रैफिक जाम का कारण बनती है, बल्कि यह सरकारी जमीन पर नियमों के खिलाफ बनाई गई है, जिससे आम जनता को काफी परेशानी होती थी। इस अवैध निर्माण से नीलम बाटा रोड पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती थी, जिससे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को भारी असुविधा होती थी।
निगम के कई नोटिसों की अनदेखी के बाद हुई कार्रवाई
नगर निगम ने इस मजार की देखरेख करने वाले संबंधित पक्ष को इसे हटाने के लिए कई बार नोटिस जारी किए थे। पिछले महीने और फिर एक सप्ताह पहले भी इसे हटाने का नोटिस दिया गया था। इसके बावजूद, किसी भी पक्ष ने इन नोटिसों पर ध्यान नहीं दिया और मजार को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। नगर निगम को मजबूर होकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए यह कठोर कदम उठाना पड़ा। बुधवार सुबह नगर निगम की टीम जेसीबी मशीन और भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस की मौजूदगी में बिना किसी बड़े विरोध के मजार को ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि नगर निगम अब सरकारी जमीन पर किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं करेगा।
सरकारी जमीन पर कोई अवैध धार्मिक ढांचा ठीक नहीं
एडवोकेट सतीश आचार्य ने इस कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि यदि किसी भी सरकारी जमीन पर अवैध रूप से धार्मिक स्थल बनाया गया है, तो उसे तुरंत हटाया जाए। आज की यह कार्रवाई इसी आदेश के पालन में की गई है। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि भविष्य में भी शहर के किसी भी हिस्से में यदि इस तरह के अवैध धार्मिक ढांचे पाए गए, तो नगर निगम उन पर बिना किसी देरी के सख्त कार्रवाई करेगा। यह एक चेतावनी है उन सभी लोगों के लिए जिन्होंने सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया है।
नागरिकों ने सराहा, शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की उम्मीद
स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम की इस पहल का जोरदार समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह सड़क वर्षों से ट्रैफिक जाम और अतिक्रमण की समस्या से जूझ रही थी। इस तरह के अवैध निर्माण से न केवल यातायात बाधित होता था, बल्कि यह सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करता था। नागरिकों ने उम्मीद जताई है कि नगर निगम की यह कार्रवाई शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम साबित होगी। यह दिखाता है कि प्रशासन अब शहर के विकास और आम जनता की सुविधा को प्राथमिकता दे रहा है। यह कार्रवाई भविष्य में अन्य अवैध धार्मिक ढांचों पर भी इसी तरह की कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जिससे शहरों में अवैध कब्जों पर रोक लग सकेगी।
