हरियाणावी युवाओं को 'दबंगई' भारी पड़ी: उत्तराखंड में चलती कार से डमी बंदूकें लहराईं, पुलिस ने कान पकड़वाए, 9 की फोटो जारी

उत्तराखंड में चलती कार से डमी बंदूकें लहराईं, पुलिस ने कान पकड़वाए, 9 की फोटो जारी
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पकड़े जाने पर कान पकड़कर माफी मांगते युवक।

पुलिस ने आरोपियों से 3 डमी बंदूकें बरामद कीं और उन पर रैश ड्राइविंग व भय फैलाने का केस दर्ज किया। फरीदाबाद के रहने वाले इन युवाओं को बाद में जमानत मिल गई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में वे माफी मांगते और कान पकड़े दिख रहे हैं।

हरियाणा के नौ युवक-युवतियों की उत्तराखंड में हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर चलती कार से डमी बंदूकें लहराने की 'दबंगई' उन्हें भारी पड़ गई। साइड मांगने पर उन्होंने न सिर्फ हथियार लहराए, बल्कि तेज रफ्तार से रैश ड्राइविंग भी की। पीछे चल रहे एक कार सवार ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर उत्तराखंड पुलिस को भेज दिया। जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाका लगाकर लाल और सफेद रंग की दो स्विफ्ट कार में सवार इन युवक-युवतियों को धर दबोचा। पुलिस ने उनकी दोनों गाड़ियां भी जब्त कर ली हैं और कार चला रहे युवक का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश भी कर दी है।

डमी बंदूकें लहराकर बनाया डर का माहौल

पुलिस ने आरोपियों से सिंगल और डबल बैरल की कुल 3 डमी बंदूकें बरामद की हैं। इन सभी पर रैश ड्राइविंग और डमी बंदूकें दिखाकर डर का माहौल बनाने का केस दर्ज किया गया है। यह घटना तीन दिन पहले की है, लेकिन अब इसका वीडियो हरियाणा में भी तेजी से वायरल हो रहा है। उत्तराखंड पुलिस ने पकड़े गए युवक-युवतियों की तस्वीरें भी जारी की हैं, जिसमें कुछ युवक कान पकड़कर बैठे दिखाई दे रहे हैं। यह घटना एक बार फिर सड़क पर हुड़दंग और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार की समस्या को उजागर करती है।

ऐसे समझिए पूरा मामला

1.SSP देहरादून तक पहुंचा वीडियो : उत्तराखंड पुलिस के रायवाला थाने के अधिकारियों ने बताया कि SSP देहरादून को एक वीडियो मिला था। इस वीडियो में हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर डोईवाला इलाके में हरियाणा नंबर की दो गाड़ियां दिख रही थीं— एक लाल रंग की स्विफ्ट (HR87H-2467) और दूसरी सफेद रंग की स्विफ्ट (HR87Q-2467)। वीडियो में साफ दिख रहा था कि दोनों ही कारों के ड्राइवर बेहद रैश ड्राइविंग कर रहे थे।

2. साइड मांगने पर बंदूकें लहराईं : पुलिस ने आगे बताया कि जब पीछे से आ रही गाड़ियों ने साइड मांगने के लिए हॉर्न बजाया, तो सफेद रंग की स्विफ्ट में बैठे युवकों ने खिड़की का शीशा खोलकर बाहर डमी बंदूकें लहराकर डराना शुरू कर दिया। देहरादून के SSP ने तुरंत पुलिस को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। इसके बाद रायवाला की पुलिस टीम ने छिद्दरवाला, नेपाली फॉर्म और सप्तऋषि बॉर्डर पर नाकाबंदी कर दी।

3. फरीदाबाद के निकले सभी आरोपी : नाकाबंदी के दौरान, पुलिस ने गाड़ियों के नंबर के आधार पर इन कारों को रोका और उनमें सवार 7 युवक और 2 युवतियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में उनकी पहचान जय वर्मा (27), राहुल कुमार (27) निवासी जवाहर कालोनी सेक्टर 22; मोनू पटेल (30), नवीन संजय (26) कालोनी सेक्टर 23; अलकेश शर्मा (21) निवासी गौची जीवन नगर कालोनी सेक्टर 23; मनीष तिवारी (27) और अभय यादव (21) निवासी संजय कालोनी सेक्टर 23 के रूप में हुई। युवतियों में रेनू रानी (30) और खुशी रानी (20) शामिल हैं। पता चला कि ये सभी युवक-युवती फरीदाबाद के सारन थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और कॉलेज स्टूडेंट हैं, जो एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं और ग्रुप बनाकर घूमने गए थे।

4. पुलिस एक्ट के तहत FIR दर्ज, फिर मिली जमानत : पुलिस ने उनके पास से 2 लॉन्ग बैरल की डबल बैरल और 1 स्मॉल बैरल की डबल बैरल डमी बंदूक बरामद की। सभी 9 आरोपियों के खिलाफ डमी बंदूक दिखाकर भय पैदा करने और ट्रैफिक में बाधा डालने के आरोप में पुलिस एक्ट 81 के तहत केस दर्ज किया गया। दोनों कारों को जब्त कर उन्हें चलाने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस भी कब्जे में ले लिए गए। हालांकि, बाद में इन युवक-युवतियों को जमानत पर छोड़ दिया गया।

पकड़े जाने पर मांगी माफी, वायरल किया था 'रील'

उत्तराखंड पुलिस ने पकड़े गए युवक-युवतियों के फोटो और वीडियो जारी किए हैं, जिनमें वे अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांग रहे हैं और कह रहे हैं कि वे भविष्य में ऐसी गलती कभी नहीं करेंगे। पुलिस की कस्टडी में युवक कान पकड़कर बैठे हुए भी दिखाई दे रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन युवाओं ने इस वीडियो की रील बनाकर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की थी, जिसमें 'रखां दो मूहां वाली गन गोरिए नीं' गाना लगाकर इसे वायरल कर दिया था। यह दर्शाता है कि वे अपनी इस हरकत को एक 'दबंगई' के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने उनके इस रवैये पर लगाम लगा दी। यह घटना युवाओं में सोशल मीडिया पर 'वायरल' होने की होड़ में कानून तोड़ने की प्रवृत्ति पर भी सवाल खड़े करती है। पुलिस ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए समाज में गलत संदेश जाने से रोकने का प्रयास किया है।

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