दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन: 15 डॉक्टर अंडरग्राउंड, मस्जिदों की चेकिंग... फरीदाबाद में ED की बड़ी कार्रवाई की आशंका

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दिल्ली ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद की मस्जिद में जांच करती टीम। 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल सहित चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद उनके संपर्क में रहने वाले लगभग 15 डॉक्टर अंडरग्राउंड हो गए हैं और उनके फोन बंद आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी के 80% छात्र भी कैंपस छोड़कर जा चुके हैं।

दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद आतंकी गतिविधियों के तार हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ने के बाद अब शहर में बड़े पैमाने पर सुरक्षा और जांच अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियां (NIA, ED) तक सक्रिय हो गई हैं। यूनिवर्सिटी से जुड़े दो डॉक्टर और दो अन्य स्टाफ मेंबर पहले ही पकड़े जा चुके हैं, जिसके बाद डर का माहौल है।

मस्जिदों और कॉलोनियों में व्यापक जांच

आज (15 नवंबर) फरीदाबाद पुलिस ने शहर भर में एक व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। इस अभियान में मस्जिदों को विशेष रूप से शामिल किया गया है, जहां इमामों से पूछताछ की जा रही है और उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है। इसके अलावा, पुलिस मस्जिद के आसपास रहने वाले लोगों और किराएदारों के घरों की भी तलाशी ले रही है।

जम्मू-कश्मीर के लोगों पर फोकस

शहर की कॉलोनियों में भी गहन तलाशी अभियान जारी है। पुलिस विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर से संबंध रखने वाले निवासियों के घरों की जांच कर रही है और उनकी विस्तृत वेरिफिकेशन की जा रही है। पुलिस लोगों को संदिग्ध गतिविधियों के बारे में तुरंत जानकारी देने के लिए जागरूक भी कर रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

यूनिवर्सिटी से 15 डॉक्टर 'भूमिगत'

दिल्ली ब्लास्ट के तार सीधे जुड़ने के बाद, अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस, यूपी एटीएस, गुरुग्राम एसटीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस जैसी कई जांच एजेंसियों का केंद्र बन गई है।

• गिरफ्तार: अब तक डॉ. मुजम्मिल, लेडी डॉक्टर शाहीन सईद, यूनिवर्सिटी मस्जिद के मौलवी इश्तियाक, और एचआर विभाग के जमील को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पकड़ा जा चुका है।

• अंडरग्राउंड: इस बड़ी कार्रवाई के बाद, यूनिवर्सिटी से जुड़े लगभग 15 डॉक्टर भूमिगत हो गए हैं। ये सभी पकड़े गए डॉ. मुजम्मिल के संपर्क में थे और अब इनके मोबाइल फोन बंद आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी स्टाफ का कहना है कि लगातार जांच और गिरफ्तारी से डरकर कई स्टाफ सदस्य और छात्र कैंपस से दूर चले गए हैं।

आज ED और रेवेन्यू विभाग की कार्रवाई संभव

यूनिवर्सिटी में सिर्फ आतंकवाद विरोधी जांच ही नहीं, बल्कि वित्तीय और प्रशासनिक जांच भी शुरू हो गई है। शुक्रवार को राजस्व (Revenue) और डीटीपी विभाग की टीमों ने यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचकर जमीन की पैमाइश (नाप-जोख) का काम किया था। जिला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की जमीन की जांच के आदेश दिए हैं कि जमीन ट्रस्ट को कैसे मिली और किस सौदे पर तय हुई। सूत्रों के अनुसार, आतंकी फंडिंग के एंगल को खंगालने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी आज यूनिवर्सिटी पहुंचकर जांच शुरू कर सकता है।

इलाज और पढ़ाई ठप

आतंकवाद से यूनिवर्सिटी का कनेक्शन सामने आने के बाद, कैंपस में डर और अनिश्चितता का माहौल है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अस्पताल में मरीजों की संख्या नाटकीय रूप से घट गई है। जहां पहले रोजाना 1000 से 1200 मरीज आते थे, वहीं अब संख्या घटकर 200 के आसपास रह गई है। इलाज के लिए लोग अस्पताल आना बंद कर रहे हैं।

यूनिवर्सिटी के लगभग 80 प्रतिशत छात्र अपने घरों को वापस जा चुके हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों से आए छात्र और उनके परिवार जांच एजेंसियों की सख्ती और डर के चलते यूनिवर्सिटी छोड़ रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए डॉ. शाहीन, डॉ. मुजम्मिल के अलावा डॉ. उमर और डॉ. आदिल सहित चार आतंकी डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। अब ये कभी भी डॉक्टर के तौर पर प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे।

कार खरीद में भी हुआ बड़ा खुलासा

दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई I-20 कार को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है। यह कार फरीदाबाद के रॉयल कार जोन से खरीदी गई थी। डीलर द्वारा जारी रसीद के अनुसार, कार 29 अक्टूबर को आमिर राशिद नाम के शख्स को 2 लाख रुपये नकद में बेची गई थी। खरीदार ने दस्तावेज के तौर पर जम्मू-कश्मीर का ड्राइविंग लाइसेंस दिया था। इसी कार का उपयोग 10 नवंबर को दिल्ली में विस्फोट करने के लिए किया गया था।

जांच एजेंसियां अब धौज से लेकर कश्मीर और दुबई तक फैले पूरे नेटवर्क को खंगाल रही हैं। यूनिवर्सिटी में अब पुलिस और जांच अधिकारियों की एंट्री और एक्ज़िट का रिकॉर्ड रखने के लिए सिविल ड्रेस में CIA की एक टीम तैनात की गई है। गुरुग्राम में भी पुलिस ने फूड डिलीवरी और पिकअप सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने सभी डिलीवरी पार्टनर्स का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से करवाएं।

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