Faridabad Reservoir: फरीदाबाद के इस गांव में बनेगा जलाशय, ग्रामीणों को मिलेगा भरपूर पानी

फरीदाबाद में बनेगा जलाशय। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Faridabad Reservoir: फरीदाबाद के नंगला माजरा गांव में 15.29 एकड़ जमीन पर बड़ा जलाशय बनाने का फैसला लिया गया है। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण ने गांव में भूजल के स्तर को सुधारने की दिशा में यह फैसला लिया है। इसे लेकर प्राधिकरण ने जलाशय बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरु कर दी है। संभावना है कि अगले महीने यानी अगस्त में टेंडर खुल जाने के बाद काम शुरु हो सकता है। जलाशय बन जाने के बाद लोगों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा किसानों को सिंचाई के दौरान पानी मिल सकेगा।
भूजल स्तर नीचे गिरा
प्राधिकरण का कहना है कि फरीदाबाद में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। बताया जा रहा है कि प्राधिकरण ने केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण से सर्वे कराया था, सर्वे में पता लगा था कि 15 से 20 साल में भूजल स्तर 3 से 15 मीटर तक नीचे गिर चुका है। इन आंकड़ों को देखते हुए शासन व प्रशासन चिंतित है। लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
ऐसा भी सामने आया है कि यमुना नदी किनारे लगे 22 रेनीवेल की स्थिति भी अच्छी नहीं है। शहरवासियों की पेजयल मांग और सप्लाई में करीब 120 MLD का अंतर आ गया है। शहर में हर दिन मांग 450 MLD और सप्लाई 330 MLD हो रही है। यमुना नदी किनारे अभी 30 से 35 मीटर पर भूजल स्तर है। अवैध ट्यूबवेल की वजह से भी भूजल स्तर गिर गया है।
शहर में 12 रेनीवेल लगाए जाएंगे
बताया जा रहा है कि फरीदाबाद में रेनवाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था तो है, लेकिन यह काम नहीं करते हैं। इसके अलावा शहर में 200 से ज्यादा अवैध रूप से ट्यूबवेल लगे हुए हैं, जिनसे दिन-रात पानी निकालकर बेचा जाता है। यमुना नदी किनारे लगे हुए 22 रेनीवेल व ट्यूबवेल अपनी क्षमता के मुताबिक बेहतर पानी की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। अब शहर में 12 रेनीवेल और लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।
जलाशय के अलावा ये भी बनेंगे
इस परियोजना से नंगला माजरा चांदपुर गांव इसके आसपास के लोगों को राहत मिलेगी। गर्मियों के दिनों में जब ज्यादातर हैंडपंप और बोरवेल सूख जाते हैं,तब उस दौरान जलाशय जल संचयन में सहायता करेगा। इससे पशुपालन, कृषि और घरेलू जरूरतों के लिए पानी की उपलब्धता होगी। FMDA के मुख्य अभियंता विशाल बंसल का कहना है कि 'जलाशय के चारों तरफ पौधारोपण, बाउंड्री वॉल निर्माण और सौंदर्यीकरण का काम भी किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र एक हरित व जैव विविधता से युक्त पर्यावरणीय स्थल के रूप में विकसित होगा।'
