दिल्ली ब्लास्ट के बाद हरियाणा में हाई अलर्ट: पलवल में धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा की सुरक्षा बढ़ाई, 5 कंपनियों का पहरा

Sanatan Padyatra
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पलवल में यात्रा के कुछ पल के लिए रुकने पर वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ खाना खाते धीरेंद्र शास्त्री। 

राष्ट्रीय राजधानी में आतंकी घटना के तुरंत बाद हरियाणा में चल रही बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 'सनातन एकता पदयात्रा' की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यात्रा में पहले से तैनात 3 कंपनियों के अलावा अब 2 अतिरिक्त कंपनियां सुरक्षा में लगाई गई हैं।

हरियाणा में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 'सनातन एकता पदयात्रा' ने आज, 11 नवंबर को, अपने चौथे दिन में प्रवेश कर लिया है। यह यात्रा अब फरीदाबाद को पार करते हुए पलवल में दाखिल हो चुकी है, जहां आज पूरे दिन पदयात्रा चलेगी और इसका रात्रि विश्राम मितरोल गांव में निर्धारित है। इस धार्मिक आयोजन को लेकर भारी उत्साह है, लेकिन हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई कार ब्लास्ट की भयावह घटना ने यात्रा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की चिंताएं कई गुना बढ़ा दी हैं।

लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ कार ब्लास्ट

दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास रविवार शाम हुए कार ब्लास्ट ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। इस आतंकी घटना के तुरंत बाद धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में तत्काल बढ़ोतरी की गई है। उनकी सुरक्षा में पहले हरियाणा पुलिस की 3 कंपनियां लगी हुई थीं, लेकिन हादसे के बाद 2 अतिरिक्त कंपनियां सुरक्षा में लगा दी गई हैं, जिससे अब कुल 5 कंपनियों के जवान उन्हें सुरक्षा घेरा प्रदान कर रहे हैं। पुलिस के इस कड़े सुरक्षा घेरे में ही धीरेंद्र शास्त्री आगे बढ़ रहे हैं।

इस बीच यात्रा विश्राम के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने दिल्ली ब्लास्ट की घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विदेशी ताकतें हमें तोड़ने की कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन हम एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि फरीदाबाद में एक देशद्रोही के घर से बम बनाने के काम आने वाला सफेद पाउडर मिला है। धीरेंद्र शास्त्री ने दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए लोगों के परिवार को सांत्वना दी और संकल्प लिया कि जब तक विचारों का परिवर्तन नहीं आएगा, तब तक वह नहीं रुकेंगे।

भीड़ के चलते पलवल में छज्जा टूटा, कई लोग घायल

पदयात्रा के दौरान भक्तों की भारी भीड़ और उत्साह ने एक अप्रिय घटना को जन्म दिया। सोमवार शाम को पलवल में एक दुकान का छज्जा (बालकनी) अचानक टूट गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब लोग धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा को करीब से देखने के लिए भारी संख्या में उस छज्जे पर चढ़ गए थे। लोगों के अधिक वजन के कारण छज्जा ढह गया। यह घटना बताती है कि पदयात्रा को देखने के लिए स्थानीय लोगों में कितना उत्साह है, लेकिन सुरक्षा नियमों का पालन करना कितना आवश्यक है।

यात्रा का प्रमुख संदेश

धीरेंद्र शास्त्री की यह पदयात्रा न केवल धार्मिक है, बल्कि सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का भी एक मंच बन गई है।

• वाल्मीकि समाज के साथ नाश्ता : पलवल में गांव असावटा के पास यात्रा रुकी। यहां सामाजिक समरसता बढ़ाने के उद्देश्य से धीरेंद्र शास्त्री ने वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ नाश्ता किया। इस दौरान वृन्दावन के कथावाचक चित्र विचित्र महाराज भी उनके साथ भोजन कर रहे थे।

• धर्मांतरण और सनातन पर विचार : यात्रा के दौरान कई लोग धर्म परिवर्तन के विरोध में पोस्टर लेकर पहुंचे और धर्मांतरण पर धीरेंद्र शास्त्री से मदद भी मांगी। धीरेंद्र शास्त्री ने इस दौरान मुसलमानों को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को गालियां देने वाला कभी हिंदू नहीं हो सकता। हिंदू वो है, जो अपने सनातन के लिए तालियां बजवा दे। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अपनी बात रखनी चाहिए, और उनका मानना है कि इस देश में रहने वाले ज्यादातर मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं, जो पहले 'हो गए थे' और अब समय बढ़िया है, वे वापस आ सकते हैं।

यात्रा में भारी उत्साह

यात्रा आज पलवल में हायर सेकेंडरी स्कूल से सुबह 8 बजे शुरू हुई। यात्रा होडल की तरफ रवाना हो रही है और असावटा चौक, अटोहा गांव और KMP व KGP एक्सप्रेसवे के पास से गुजरेगी। मंत्री गौरव गौतम भी आज सुबह यात्रा शुरू होने के साथ धीरेंद्र शास्त्री के साथ मौजूद रहे।

• पहला दिन (10 किलोमीटर) : 7 नवंबर को दिल्ली से शुरू हुई यात्रा ने अरावली के मांगर कट से फरीदाबाद में प्रवेश किया। इसका स्वागत केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया। इस दिन धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि हम जातियों का अहंकार खत्म करना चाहते हैं और सभी को एक ही धागे में पिरोना चाहते हैं। पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन और WWE रेसलर दलीप राणा (ग्रेट खली) भी इस दिन यात्रा में शामिल हुए थे।

• दूसरा दिन (15 किलोमीटर): यात्रा फरीदाबाद के दशहरा ग्राउंड से शुरू हुई। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने भगवा ध्वज फहराकर जयकारे लगाए। सुरक्षा घेरा तोड़कर धीरेंद्र शास्त्री की ओर बढ़ रहे एक युवक को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा, जिसे बाद में शास्त्री ने अपने पास बुला लिया। इस दौरान उन्होंने क्रेन पर चढ़े युवकों को माइक से हाईटेंशन तार की चेतावनी भी दी थी।

• तीसरा दिन (पलवल में प्रवेश): सीकरी से शुरू हुई यात्रा ने पलवल में एंट्री ली। इस दौरान सिख समुदाय ने धीरेंद्र शास्त्री को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। बाघोला गांव में एक व्यक्ति ने उनके पैर पकड़ लिए, जिस पर धीरेंद्र शास्त्री ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे अपने साथ चलाया।

यात्रा में भक्तों का उत्साह चरम पर है। ग्वालियर का एक युवक 50 किलो का मुग्धर लेकर चल रहा है, वहीं कई लोग 'जय श्री राम' के नारे लगा रहे हैं और कुछ भक्त तो हाईवे पर झाड़ू लगाते भी देखे गए। मितरोल गांव में रात्रि विश्राम के साथ यात्रा का आज का दिन समाप्त होगा, जबकि प्रशासन दिल्ली ब्लास्ट के बाद किसी भी तरह की अनहोनी को टालने के लिए सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए हुए है।


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