वायु प्रदूषण पर लगाम: फरीदाबाद में 1 नवंबर से 10-15 साल पुराने 5 लाख वाहन प्रतिबंधित

Old vehicle ban
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प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से पुराने वाहनों पर लगेगी रोक। 

आरटीओ अधिकारी ने बताया कि 1 नवंबर के बाद इन वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा और सड़कों पर पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। यह पहल फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए हरियाणा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) नई दिल्ली की सख्त गाइडलाइंस के तहत, फरीदाबाद में आगामी 1 नवंबर से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा। इस नियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों को न तो पेट्रोल पंपों पर ईंधन मिलेगा और न ही वे सड़कों पर चल पाएंगे। पकड़े जाने पर इन वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

फरीदाबाद के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीओ) ने इस प्रतिबंध के दायरे में आने वाले लगभग 5 लाख ऐसे वाहनों को चिह्नित किया है, जिनमें सरकारी और गैर-सरकारी, दोनों तरह की गाड़ियां शामिल हैं। यह कदम फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने और प्रदूषण के स्तर को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

5 लाख वाहन चिह्नित, सरकारी गाड़ियां भी दायरे में

आरटीओ फरीदाबाद के अधिकारी मुनीष सहगल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि बल्लभगढ़, फरीदाबाद और बड़खल एसडीएम कार्यालयों से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर इन 5 लाख वाहनों की विस्तृत सूची तैयार की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रतिबंध के दायरे में केवल निजी वाहन ही नहीं, बल्कि सरकारी वाहन भी आएंगे। सहगल के मुताबिक आरटीओ विभाग की खुद की दो गाड़ियां और फरीदाबाद तथा बल्लभगढ़ एसडीएम कार्यालयों की चार गाड़ियां भी इस प्रतिबंध के दायरे में शामिल हैं, जिनकी आयु सीमा अब पूरी हो चुकी है। यह दर्शाता है कि सरकार इस मामले में कोई ढील नहीं बरतना चाहती, चाहे वह सरकारी विभाग ही क्यों न हो।

सड़कों पर पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

मुनीष सहगल ने साफ किया कि 1 नवंबर से इन चिह्नित पुराने वाहनों को किसी भी पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। पेट्रोल पंपों को इस संबंध में सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही, यदि ये वाहन 1 नवंबर के बाद भी सड़कों पर चलते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ जुर्माना लगाने या वाहन जब्त करने जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली में CAQM की गाइडलाइंस के अनुसार 1 जुलाई से ये नियम पहले ही लागू हो चुका। फरीदाबाद के साथ गुरुग्राम और सोनीपत में भी इसे चरणबद्ध लागू किया जाएगा। आरटीओ ने बताया कि इस अभियान की निगरानी के लिए विशेष टीम का गठन किया है, जो पहले से चिह्नित वाहनों की जांच कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि नियमों का पालन हो।

वायु प्रदूषण नियंत्रण का सरकारी निर्देश

आरटीओ अधिकारी के अनुसार यह अभियान वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार और कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के सीधे निर्देशों का हिस्सा है। फरीदाबाद, जो दिल्ली-एनसीआर का एक प्रमुख हिस्सा है, में वायु प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाना इस समस्या से निपटने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे अपने पुराने वाहनों को सड़कों पर न चलाएं और नियमों का पूरी तरह से पालन करें। फरीदाबाद में चिह्नित किए गए 5 लाख वाहनों में से अधिकांश की आयु सीमा पूरी हो चुकी है और वे पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बन चुके हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी और आगे भी इसकी निगरानी के लिए टीमें सक्रिय रहेंगी। यह पहल वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है, जिससे फरीदाबाद के नागरिकों को स्वच्छ हवा मिल सके।

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