फिल्म 120 बहादुर के खिलाफ महापंचायत: फहरान अख्तर की फिल्म का नाम बदलवाने को अड़ा अहीर समाज

फरहान अख्तर की आगामी फिल्म 120 बहादुर के नाम पर छिड़ा विवाद।
फिल्म 120 बहादुर के खिलाफ महापंचायत : भारत-चीन के बीच 1962 के रेजांगला युद्ध पर बनी फरहान अख्तर अभिनीत फिल्म 120 बहादुर रिलीज होने से पहले ही विवादों में है। अहीर समाज ने गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा पर फिल्म के विरोध में महापंचायत बुलाई। यहां अहीर रेजीमेंट धरना स्थल पर फिल्म के शीर्षक का विरोध किया गया। उन्होंने फिल्म का शीर्षक 120 वीर अहीर रखने की मांग की।
120 में से 117 अहीर सैनिक हुए थे शामिल
समाज के लोगों ने कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान रेजांगला की ऐतिहासिक लड़ाई में शौर्य दिखाने वाले 13 कुमाऊं बटालियन को सरकार द्वारा वीर अहीर की उपाधि प्रदान की गई थी। इसलिए इस फिल्म का शीर्षक 120 वीर अहीर होना चाहिए। बता दें कि 120 वीरों में से 117 यदुवंशी अहीर सैनिक थे। महापंचायत में शामिल लोगों ने मांग की है कि फिल्म के आधिकारिक प्रदर्शन से पूर्व इसे शहीदों के परिवारों और समाज के प्रतिनिधियों को दिखाया जाए।
राष्ट्रपति को भी भेजा जा चुका ज्ञापन

महापंचायत में शामिल स्थानीय यादव सभा के प्रधान रामअवतार ने बताया कि उनके नेतृत्व में ग्राम पंचायत चढ़वाना व ग्राम पंचायत सुलौधा के साथ यादव समाज के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी भेजा जा चुका है। इस मौके पर कृष्ण सिंह, सूबेदार मेजर सुरेंद्र सिंह, रामकिशन, कैप्टन युद्धवीर, कैप्टन रामोतार, कैप्टन रोशनलाल, सूबेदार सूरत सिंह, युद्धवीर, कृष्ण, रामनिवास, रतन सिंह, विजय नंबरदार, वीर सिंह, राज पहलवान, विजय सहित अन्य भी शामिल रहे। यदुवंशी समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो वे देशव्यापी आंदोलन छेड़ते हुए फिल्म का बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे।
वीर शहीदों की अनदेखी का भी आरोप
इस फिल्म का निर्देशन रजनीश राजी घई ने किया है और यह फिल्म 21 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। यादव सभा के प्रधान अभय राम एडवोकेट ने बताया कि सैन्य इतिहास में रेजांगला युद्ध भारतीय सेना के अदम्य साहस की मिसाल है। केवल 120 सैनिकों ने हजारों चीन सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। 114 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इस युद्ध में मेजर शैतान सिंह को परमवीर चक्र व नायब सूबेदार सूरजा राम यादव सहित 8 वीरों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म में यादव वीरों के बलिदान की अनदेखी की गई है। इस बारे में फिल्म के निर्माताओं को नोटिस भेजा गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
