डंकी रूट: अमेरिका से हरियाणा के 50 और युवा डिपोर्ट, कैथल के सबसे अधिक 14 युवक

Kaithal
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कैथल में पुलिस के साथ अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवा।
अमेरिका गए हरियाणा के 50 और युवक बेड़ियों में बांधकर भारत वापिस भेजे गए हैं। इस साल अब तक 654 युवकों को डिपोर्ट हो चुके हैं और तीन नवंबर को एक और फ्लाइट आ सकती है।

हरियाणा के 50 और युवकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। डोलान्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डंकी रूट से अमेरिका गए प्रवासियों को डिपोर्ट करने का सिलसिला जारी है। डिपोर्ट किए गए कई युवक तो वर्षों से अमेरिका में रह रहे थे। डिपोर्ट किए गए 50 युवकों में सबसे अधिक 14 कैथल के रहने वाले हैं। फिलहाल डिपोर्ट किए गए सभी युवकों को कैथल पुलिस लाइन में रखा गया है। जहां उनके दस्तावेजों की जांच होगी। जांच में यदि किसी का आपराधिक रिकार्ड मिला तो उसे वहीं से जेल भेज दिया जाएगा और बाकी को उनके परिवार को सौंपे जाएंगे। डिपोर्ट किए गए युवकों में से कोई अपनी पैतृक जमीन बेचकर तो कोई कर्ज लेकर विदेश गया था। बावजूद अभी तक डिपोर्ट किए गए किसी भी युवक ने एजेंट के खिलाफ शिकायत नहीं दी है।

अधिकतर की उम्र 25 से 40 साल के बीच

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 50 युवाओं में से अधिकतर की उम्र 25 से 40 साल के बीच है। अमेरिका से डिपोर्ट करते समय सभी को बेड़ियों में बांधकर बिठाया गया था। डिपोर्ट किए गए युवाओं को लेकर जहाज शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। जहां से सभी को कैथल लाया गया। कैथल पहुंचने के बाद रविवार को पुलिस लाइन में डिपोर्ट किए गए युवाओं के दस्तावेजों की जांच की गई। डीएसपी ललित यादव की देखरेख में सभी से पूछताछ की जा रही है। डीएसपी ललित यादव ने बताया कि दस्तावेजों की जांच में कैथल के तारागढ़ निवासी नरेश कुमार चेक बाउंस व शराब तस्करी के दो मामलों में कोर्ट से अनुपस्थित था, परंतु विदेश में होने के कारण अभी तक उसे भगौड़ा घोषित नहीं किया था। पुलिस को आरोपी की तलाश भी तथा अब उसे कोर्ट में पेश कर आगामी कार्रवाई की जाएगी।

इन्हें किया गया डिपोर्ट

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 50 युवकों में कैथल के गांव तारागढ़ के नरेश, पीडल के कर्ण, अग्रसेन कॉलोनी के मुकेश, कैथल के ऋतिक, जडौला के सुखबीर सिंह, हाबड़ी के अमित, बुच्ची के अभिषेक, बात्ता के मोहित, पबनावा के अशोक कुमार, सेरधा के आशीष, हाबड़ी के दमनप्रीत, सिसला के प्रभात व ढांड के सतनाम सिंह शामिल हैं। साहिल पानीपत के इसराना का रहने वाला है। डीएसपी ललित यादव ने बताया कि तारागढ़ के नरेश को छोड़कर डिपोर्ट किए गए बाकी युवकों को अभी तक की जांच में कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है। इससे पहले फरवरी में कैथल के लायत के अंकित, मटौर के सुशील, काकौत के प्रिंस, रामनगर के गुरनाम, गुरप्रीत सिंह, मंदीप, गुलियानी के दीपक, नितिन व प्रगट सिंह को डिपोर्ट किया गया था।

डंकी रूट से पहुंचे थे अमेरिका

डिपोर्ट किए गए सभी युवक डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे थे। एक युवक ने बताया कि वह दो साल पहले डंकी रूट से अमेरिका गया था तथा तब से वह जेल में ही था। अपनी डेढ़ एकड़ जमीन बेचकर वह पनामा के जंगलों से होते हुए कई महीने में अमेरिका पहुंचा था। मैक्सिको-अमेरिका की दीवार कूदकर जैसे ही अमेरिका पहुंचा तो उसे पकड़कर जेल में डाल दिया था। अब उसे जेल से बेड़ियों में बांधकर एयरपोर्ट लाया गया। जहां से बेडियों के साथ ही उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतार दिया। एक अन्य युवक ने बताया कि अमेरिका से 3 नवंबर को एक और विमान भारत आने की संभावना है। जिसमें कैथल व आस-पास क्षेत्रों के युवा डिपोर्ट होकर भारत पहुंच सकते हैं।

जींद के तीन युवक हुए डिपोर्ट

जींद से अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवकों में से तीन युवकों का दिल्ली एयरपोर्ट से डीएसपी संदीप कुमार ने रिसीव किया। जिन्हें पुलिस लाइन लाकर पूछताछ की गई और उनका रिकार्ड खंगालने के बाद युवकों को परिजनों के हवाले कर दिया गया। जिन्हें डिपोर्ट किया गया है उनमे जिले के गांव भैरवखेड़ा निवासी अजय, गांव निम्राबाद निवासी लभजोत सिंह, पिल्लूखेड़ा निवासी नवीन शामिल है। नवीन तथा लभजोत सिंह डोंकी के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे। जबकि अजय कनाडा वैध तरीके से गया था। बाद में वह अमेरिका पहुंच गया था। तीनों लगभग अढ़ाई साल से अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे थे। अमेरिक जाने के लिए तीनों से लाखो रुपये खर्च किए थे।

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