Haryana Congress: दक्षिण हरियाणा के बड़े OBC चेहरे पूर्व मंत्री राव नरेंद्र बन सकते हैं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष

rao narender singh congress president
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ राव नरेंद्र व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेशाध्यक्ष उदयभान सिंह।

हरियाणा में पूर्व मंत्री राव नरेंद्र कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बन सकते हैं। उन्हें बिहार में CWC कमेटी की बैठक में मेंबर न होने के बावजूद बुलाया गया है। हुड्डा पर भी CLP नेता की मुहर लग सकती है।

हरियाणा कांग्रेस में हलचल : हरियाणा कांग्रेस में आगामी प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता के चयन को लेकर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के लिए दक्षिण हरियाणा के बड़े नेता व पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह का नाम सामने आ रहा है। ऐसे कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। उन्हें कल बिहार में होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी CWC की बैठक में बुलाया गया है। यह खास इसलिए है क्योंकि वे इस कमेटी के मेंबर नहीं हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस बैठक में शामिल होंगे। वे भी इस कमेटी के मेंबर नहीं हैं। ऐसे में उनके नाम पर भी विपक्ष के नेता के तौर पर इस मीटिंग में कोई फैसला हो सकता है।

10 माह से दोनों पदों पर नियुक्ति का इंतजार

चर्चा है कि कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने हुड्‌डा का नाम कांग्रेस विधायक दल CLP नेता के रूप में प्रस्तावित किया है। ऐसे में पार्टी के दोनों शीर्ष पदों के नामों पर मुहर लगने की संभावना बढ़ गई है। बिहार में होने वाली बैठक में सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला भी शामिल होंगे। यह दोनों सीडब्ल्यूसी कमेटी के मेंबर हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव लगभग 10 महीने पहले संपन्न हुआ था, लेकिन अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं किया गया है। इसके अलावा, चुनाव में मिली हार के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष बदलने की अटकलें भी तेज थीं। अभी हुड्डा खेमे के चौधरी उदयभान सिंह प्रदेशाध्यक्ष हैं।

राव नरेंद्र सिंह : क्यों चर्चा में है नाम

कांग्रेस दक्षिण हरियाणा में अपनी पकड़ मजबूत करने और OBC वोट बैंक पर नजर रखने के लिए राव नरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रही है। पार्टी इस रणनीति के तहत बिहार में हुए चुनाव में यादव समेत अन्य OBC समुदायों पर भी ध्यान दे रही है। दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिले अहीर बाहुल्य क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में कुल 11 विधानसभा सीटें हैं। भाजपा ने 2014 में यहां सभी 11 सीटें जीती थीं, 2019 में 8 और हाल के 2024 विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीती थीं। कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई। दक्षिण हरियाणा में मजबूत OBC नेतृत्व होने से पार्टी को क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने में मदद मिलेगी। एक अन्य कारण यह भी है कि राव नरेंद्र सिंह किसी विशेष गुट से नहीं जुड़े हैं। इससे प्रदेश अध्यक्ष के चयन में किसी गुट द्वारा विरोध की संभावना कम रहती है। यह संदेश भी जाता है कि पार्टी अब गुटबाजी से ऊपर उठकर नेतृत्व तय कर रही है।

जानिए कौन हैं राव नरेंद्र

राव नरेंद्र सिंह ने 3 बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 1996 और 2000 में अटेली से चुनाव जीता। वहीं, 2009 में नारनौल से विधायक बने। वे 2009–2014 के दौरान हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे। पहले वे हरियाणा जनहित कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके पिता स्व. राव बंसी सिंह भी 3 बार विधायक रहे और पंचायत मंत्री भी रहे। वे हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रदेश महासचिव रह चुके हैं।

विधायक दल नेता के लिए हुड्‌डा का नाम आगे

प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ कांग्रेस विधायक दल नेता का नाम भी तय होने वाला है। अधिकांश विधायक भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के समर्थन में हैं। 18 अक्टूबर को चंडीगढ़ में हुई मीटिंग में ऑब्जर्वरों के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद अजय माकन, पंजाब नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव मौजूद थे। करीब डेढ़ घंटे चली इस मीटिंग में ऑब्जर्वरों ने विधायक दल के सभी सदस्यों से वन-टू-वन बातचीत कर उनके मत जाने। कुल 37 में से 31 विधायक हुड्‌डा को नेता बनाने के पक्ष में थे। इससे संकेत मिलता है कि हुड्‌डा के विधायक दल नेता बनने की प्रक्रिया पूरी हो सकती है।

चार बार से एससी बनता आ रहा प्रदेशाध्यक्ष

कांग्रेस के पिछले चार प्रदेशाध्यक्ष की बात करें तो सभी अनुसूचित जाति से थे। इनमें फूलचंद मौलाना, अशोक तंवर, कुमारी सैलजा और चौधरी उदयभान शामिल रहे। चौधरी उदयभान वर्तमान में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हैं। चौधरी उदयभान खुद अपनी सीट पर चुनाव हार गए थे। इसके बाद से ही उनको हटाने की चर्चाएं होने लगी थी।

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