बाढड़ा में विस चुनाव का बहिष्कार: धरने पर बैठे ग्रामीण, डीसी, ऑब्जर्वर व एसपी से मिले आश्वासन पर भी नहीं माने

SP Pooja Vashishth reached among the polling party and villagers who were sitting idle due to the bo
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मतदान बहिष्कार के चलते खाली बैठी पोलिंग पार्टी व ग्रामीणों के बीच पहुंची एसपी पूजा वशिष्ठ। 
चरखी दादरी में गांव रामलवास के ग्रामीणों ने मांगों को लेकर धरना देते हुए मतदान का बहिष्कार किया। पूरा दिन पोलिंग पार्टियां खाली बैठी रही।

बाढ़ड़ा/चरखी दादरी: रामलवास गांव में ग्रामीण अवैध माइनिंग, रायल्टी व जल दोहन पर रोक लगाने की मांग को लेकर पिछले एक माह से धरना दे रहे हैं। ग्रामीणों ने कुछ समय पहले जिला प्रशासन को चेतावनी देकर आगाह कर दिया था कि वे समस्याओं का समाधान करवाएं अन्यथा पूरा गांव विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेगा। इसके बावजूद जिला प्रशासन व सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए धरना दिया। उपायुक्त, चुनाव ऑाब्जर्वर व पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने।

एक माह से धरने पर बैठे हैं ग्रामीण

उल्लेखनीय हैं कि रामलवास गांव के ग्रामीण पिछले एक माह से अवैध माइनिंग, रायल्टी व जल दोहन के खिलाफ धरने पर बैठे है। ग्रामीणों व महिलाओं ने मतदान का बहिष्कार करने के संबंध में काफी दिन पहले चेतावनी दी थी। शनिवार को सुबह ही मतदान केंद्र के बाहर ग्रामीण महिला एवं पुरूषों ने धरना शुरू कर दिया। किसी ग्रामीण ने मतदान केंद्र में जाकर मतदान नहीं किया। मतदान बहिष्कार की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। पहले डीएसपी व अन्य अधिकारियों को मौके पर भेजा गया, लेकिन ग्रामीण मतदान को तैयार नहीं हुए। दोपहर को उपायुक्त राहुल नरवाल, चुनाव ऑब्जर्वर व एसपी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया। ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे और पुलिस अधीक्षक वापस लौटना पड़ा।

मांगे पूरी होने तक नहीं करेंगे मतदान

सरपंच प्रतिनिधि विनोद कुमार, जिला पार्षद सुनीता यादव, सरपंच अंजु ने कहा कि अवैध माइनिंग व जल दोहन के कारण भूमिगत जलस्तर लगातार गहराता चला जा रहा है और पेयजल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भविष्य में उन पर पेयजल संकट का खतरा मंडराने लगा है। वे प्रकृति को बचाने की लड़ाई लड़ रहे है, लेकिन जिला प्रशासन अवैध माइनिंग व जल दोहन पर रोक लगाने से पीछे हट रहा हैं। वे जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से बैठक कर समाधान की मांग कर चुके है, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला, जिस कारण वे मतदान का बहिष्कार करने को मजबूर हैं।

रामलवास के 1803 वोटर्स ने नहीं किया मतदान

सरपंच प्रतिनिधि व ग्रामीणों ने बताया कि लगभग एक माह पहले ही पंचायत आयोजित कर धरना शुरू किया था। उसी दौरान चुनाव के बहिष्कार के निर्णय के साथ नेताओं की एंट्री भी गांव में बैन कर दी थी, जिसके चलते उनके गांव में किसी भी नेता ने पहुंचकर प्रचार नहीं किया। रामलवास गांव में कुल 1803 वोटर्स हैं। गांव में बूथ नंबर 162 और 163 मतदान के लिए बनाए गए।

दोनों मतदान केंद्रों पर स्टाफ रहा खाली

रामलवास गांव के दोनों मतदान केंद्रों पर ड्यूटी स्टाफ ग्रामीणों के मतदान में भाग नहीं लेने के कारण पूरे दिन खाली बैठा रहा, लेकिन कोई मतदाता मतदान के लिए मतदान केंद्र में नहीं पहुंचा। पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ ने कहा कि वे धरनारत ग्रामीणों से बातचीत करने के लिए रामलवास गांव के मतदान केंद्र पर पहुंची तथा ग्रामीणों को उनकी समस्या के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीणों ने मानने से इंकार कर दिया और पूर्ण रुप से मतदान का बहिष्कार रखा।

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