Startup Policy: चंडीगढ़ में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च होगा पोर्टल, युवाओं को मिलेंगी खास सुविधाएं

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चंडीगढ़ में स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Chandigarh Startup Policy: चंडीगढ़ में स्टार्टअप नीति को बढ़ावा देने के लिए पोर्टल तैयार किया गया है। प्रशासन द्वारा अगले महीने इसे लॉन्च किया जाएगा।

Chandigarh Startup Policy: आज के समय में ज्यादातर युवाओं का सपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का होता है। ऐसे में युवाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा एक ऐसा पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें युवाओं को स्टार्टअप से संबंधित सभी सुविधाएं मिलेंगी। इसका निर्माण अब आखिरी फेज में है। प्रशासन इस पोर्टल को अगले महीने लॉन्च कर सकता है। जो युवा अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, या इस पॉलिसी का लाभ लेना चाहते हैं, उन सभी को इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने का मौका मिलेगा।

बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से 29 अप्रैल को स्टार्टअप नीति को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी। ऐसा भी सामने आया है कि पिछले हफ्ते उद्योग सचिव निशांत यादव ने इसे लेकर अधिकारियों के साथ बैठक करके तैयारियों पर चर्चा की थी। ऐसा कहा जा रहा है कि पोर्टल शुरू हो जाने के बाद युवाओं को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। पोर्टल के तहत जो सुविधाएं तय की गई हैं, वह पात्र युवाओं को मिलने लगेंगी।

युवाओं को क्या सुविधाएं मिलेंगी?

स्टार्टअप के इच्छुक युवाओं को 10 साल में 3 साल की आयकर छूट का फायदा मिलेगा। ऐसे में स्टार्टअप के गठन की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 31 मार्च 2030 कर दिया गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए पॉलिसी मॉनिटरिंग एंड इंप्लीमेंटेंशन कमेटी भी बनाई गई है।

कमेटी का काम चयनित स्टार्ट अप और इन्क्यूबेटर को सहमति देना होगा। इसके साथ ही स्टार्टअप सेल की स्थापना की जाएगी। स्टार्टअप नीति के संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, जिसमें उद्योग सचिव, स्टार्टअप विशेषज्ञ, वित्त विशेषज्ञ, शैक्षणिक संस्थानों और इनक्यूबेटर प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है।

नई नीति को लागू करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है। युवाओं का स्टार्टअप के प्रति उत्साह बढ़ाने के लिए हर साल सरकारी स्तर पर स्टार्टअप फेस्ट का आयोजन किया जाएगा। प्रशासन ने इसके लिए 24.6 करोड़ रूपये का फंड तय किया है।

धोखाधड़ी करने पर कार्रवाई
अगर किसी स्टार्टअप के खिलाफ धोखाधड़ी या शिकायत आती है, तो उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच करके इसका फैसला किया जाएगा।10 साल बाद या वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा हो जाने पर स्टार्टअप का दर्जा खत्म कर दिया जाएगा।

इन्क्यूबेटर को मिलेगी आर्थिक मदद
सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में इन्क्यूबेटर्स को टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए 25% परियोजना लागत या ज्यादा 30 लाख (सरकारी) और 20 लाख (निजी) तक की सहायता की जाएगी। प्रत्येक इन्क्यूबेटर को संचालन के खर्च के लिए 7.5 लाख वार्षिक सहायता दी जाएगी। स्टार्टअप्स के लिए वार्षिक मेंटरशिप प्रोग्राम के लिए 5 लाख का प्रविधान भी रखा गया है।

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