Chandigarh PGI: पीजीआई एडवांस आई सेंटर में बनेगा 6 मंजिला ब्लॉक, मरीजों को मिलेगी राहत और सुविधाएं

प्रतीकात्मक तस्वीर।
Chandigarh PGI: चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ( PGI) अपनी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए काफी फेमस है। खासतौर पर इसका एडवांस आई सेंटर ( AEC) लाखों मरीजों की आंखों की रोशनी का सहारा है। AEC में मरीजों की लगातार बढ़ रही भीड़ को ध्यान में रखते हुए इसका विस्तार करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 98 करोड़ रुपए का बजट मंजूर कर लिया है। चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी गई है। पीजीआई द्वारा तैयार किए गए एक्सटेंशन डिजाइन पर अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट के चीफ आर्किटेक्ट ऑफिस की ओर से मंजूरी मिल गई है।
रोजाना 1000 मरीज आते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नया 6 मंजिला ब्लॉक एडवांस आई सेंटर के साथ लगती जमीन पर बनाया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि इस आई सेंटर की शुरुआत साल 2006 में तत्कालीन निदेशक प्रोफेसर केके तलवार के कार्यकाल में हुई थी। उस दौरान चार मंजिला बिल्डिंग तैयार की गई थी। मौजूदा समय में यहां रोजाना करीब 1000 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं।
साल 2023 में यहां पर 3 लाख 7 हजार मरीजों का चेकअप हुआ था। यहां OPD के साथ-साथ रोजाना 100 के करीब छोटी-बड़ी सर्जरी होती है। विभाग में 30 से ज्यादा फैकल्टी सदस्य काम करते हैं। सीमित ऑपरेशन थिएटर और OPD स्पेस की वजह से इलाज में परेशानी होती है।
6 मंजिला ब्लॉक में क्या सुविधाएं की जाएंगी ?
मौजूदा समय में आई सेंटर की चौथी मंजिल पर इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर के साथ-साथ 6 दूसरे ऑपरेशन थिएटर हैं। रोजाना बढ़ रही मरीजों की संख्या की वजह से ऑपरेशन थिएटर कम पड़ रहे हैं। ऐसे में कई बार मरीजों को रूटीन सर्जरी के लिए डेढ़ महीने तक का इंतजार करना पड़ता है। नए 6 मंजिला ब्लॉक में 4 नए ऑपरेशन थिएटर, लेक्चर थिएटर, रिसर्च लेबोरेट्री, 18 स्पेशल क्लिनिक और ग्राउंड फ्लोर पर फैकल्टी ऑफिस की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ-साथ 2 मंजिलें ड्रग डी एडिक्शन सेंटर को दी जाएंगी। मौजूदा ब्लॉक और नया ब्लॉक एक-दूसरे से कनेक्ट किए जाएंगे। दोनों बिल्डिंग की दूसरी और तीसरी मंजिल को जोड़ने के लिए 2 कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिससे स्टाफ और मरीजों को आने-जाने में परेशानी न हो।
प्रशासन कर रहा डिटेल्ड मैप तैयार
पीजीआई प्रशासन अब इस प्रोजेक्ट का डिटेल्ड मैप तैयार कर रहा है, जिसे पर्यावरण मंजूरी (PGI Environmental clearance) के लिए भेजा जाएगा। पर्यावरण नियमों का पालन करते हुए यह ब्लॉक हरित भवन के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा, ताकि ऊर्जा और संसाधनों की बचत हो। मंजूरी मिलने के बाद बहुच जल्द निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना जताई गई है। यह परियोजना अगले कुछ सालों में पूरी कर ली जाएगी।
