Sadbhaav yatra Congress: बृजेंद्र सिंह ने शुरू की सद्भाव यात्रा, हुड्डा गुट दूर रहा तो सुरजेवाला ने दिया साथ

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जींद के दनौदा में सद्भाव यात्रा में मौजूद पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह। 

कांग्रेस नेता चौ. बीरेंद्र सिंह के बेटे एवं पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने अपनी पूरे हरियाणा की सद्भाव यात्रा जींद के दनौदा से शुरू की। यात्रा में हुड्डा गुट नदारद रहा तो वहीं सुरजेवाला ने साथ दिया। जानें और कौन-कौन पहुंचे।

Sadbhaav yatra Congress : हरियाणा की सियासत में जींद की धरती से नई हलचल हुई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने रविवार को जींद जिले के दनौदा गांव से सद्भाव यात्रा की शुरुआत की। इस यात्रा का उद्देश्य तो समाज में भाईचारा और सौहार्द बढ़ाना बताया गया है, लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस में कार्यकर्ताओं को जोड़कर अपनी पैठ बनाना भी है। हालांकि यात्रा में बात तो भाईचारे की हुई, लेकिन कांग्रेस का ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट पूरी तरह दूर रहा। राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे एवं विधायक आदित्य सुरजेवाला यात्रा में शामिल हुए। यह यात्रा विधानसभा चुनाव के करीब 11 महीने बाद हो रही है।

यह सांसद भी यात्रा में शामिल हुए

बिनैण खाप के ऐतिहासिक चबूतरे से निकली इस यात्रा में राजस्थान के चूरू सांसद राहुल कासवां, कैथल विधायक आदित्य सुरजेवाला, पूर्व मंत्री अतर सिंह सैनी और महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुधा भारद्वाज भी शामिल हुईं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के स्थानीय नेता इस यात्रा से दूरी बनाए हुए नजर आए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यात्रा में शामिल होने का फैसला हाईकमान के निर्देशों के आधार पर लिया जाएगा।

7 महीने में 3600 किलोमीटर

यह सद्भाव यात्रा अगले 7 महीनों तक चलेगी। बृजेंद्र सिंह ने बताया कि यात्रा के दौरान हरियाणा के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जाएगा और करीब 3600 किलोमीटर का सफर तय होगा। यात्रा के समापन पर एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी, जिसका स्थान और तारीख बाद में तय की जाएगी।

राहुल गांधी से पूछकर शुरू की यात्रा

सभा को संबोधित करते हुए चौ. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह यात्रा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से प्रेरित है। उन्होंने बताया कि बृजेंद्र सिंह ने चार महीने पहले राहुल गांधी से मुलाकात कर इस यात्रा पर चर्चा की थी। राहुल ने सुझाव दिया था कि लोगों को जोड़ने के नारे लगाओ और भाईचारे का संदेश फैलाओ।” बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस तो जोड़ने की राजनीति करती है, जबकि भाजपा समाज को बांटने का काम कर रही है। जो कांग्रेस को तोड़ने की बात करते हैं, हम उनका विरोध करते रहेंगे।

बृजेंद्र सिंह का भाजपा पर सीधा हमला

पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आज अगर कोई सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है, तो उसे देशद्रोही करार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों को विद्रोही और देशद्रोही कहा गया। भाजपा सरकार ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चल रही है।

सुरजेवाला बोले-किसानों को मुआवजा न एमएसपी

कैथल विधायक आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि यह यात्रा किसानों, मजदूरों, युवाओं और हर आमजन के लिए है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा जैसे प्रगतिशील राज्य को विकास के रास्ते से भटका दिया है। आज न किसानों को एमएसपी की गारंटी मिलती है, न युवाओं को नौकरी की सुरक्षा। उन्होंने यह भी कहा कि एमएसपी 2389 रुपये घोषित है, लेकिन मंडियों में धान 1800-1900 रुपये में खरीदी जा रही है। बाढ़ से तबाह किसानों को मुआवजा तक नहीं मिला। भाजपा हरियाणा को तोड़ रही है।

राहुल कासवां बोले-भाजपा का घमंड टूटेगा

चूरू सांसद राहुल कासवां ने कहा कि यह यात्रा भाजपा के घमंड को तोड़ देगी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन भी हरियाणा-पंजाब से शुरू हुआ था और फिर पूरे देश में फैल गया। भाजपा धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटती है, जबकि यह यात्रा जोड़ने का संदेश दे रही है।

यात्रा का रूट और कार्यक्रम

यात्रा के पहले दिन दनौदा से शुरू होकर सच्चा खेड़ा, बडनपुर, सुंदरपुरा, धर्मगढ़ होते हुए नरवाना की जाट धर्मशाला में रात्रि विश्राम किया गया। 6 अक्टूबर को यह यात्रा बेलरखां, उझाना, नेपेवाला, धनौरी और कोयल पहुंचेगी, जबकि 7 अक्टूबर को यात्रा कलायत क्षेत्र में होगी। अगले सवा महीने में 14 विधानसभा क्षेत्रों में यह यात्रा पहुंचेगी। यात्रा का दूसरा चरण नांगल चौधरी से शुरू होगा और यह लगभग सात महीने तक जारी रहेगी।

जींद से क्यों शुरू की यह यात्रा

चौ. बीरेंद्र सिंह राजनीतिक रूप से जींद जिले में ही ज्यादा सक्रिय रहे हैं। डूमरखां गांव निवासी बीरेंद्र सिंह उचाना व नरवाना से चुनाव लड़ चुके हैं। जींद के अलावा सोनीपत, हिसार, कैथल व रोहतक आदि जिलों में भी उनके कार्यकर्ता हैं। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा से 2019 का चुनाव जीत चुके हैं। इस बार वे उचाना विधानसभा से खड़े हुए थे, लेकिन 32 वोट से भाजपा के हाथों हार गए। पोस्टल वोटर्स की गिनती को लेकर यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है।

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