Bihar Election 2025: बिहार में 38 SC सीटों पर वोटरों को लुभाने हरियाणा के दलित नेता डालेंगे डेरा

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बिहार में दलित वोटर्स को लुभाने के लिए हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ एससी नेताओं की लगी ड्यूटी।

हरियाणा में दलित और पिछड़े वर्ग के वोटरों के सहारे विधानसभा चुनाव जीतने वाली BJP की नजर अब बिहार चुनाव पर है। दलित वोटरों को लुभाने के लिए हरियाणा भाजपा के बड़े दलित नेता बिहार जाने की तैयारी में है। इसे लेकर पूरी रणनीति बन चुकी है।

Bihar Election 2025 : भाजपा का अब बिहार विधानसभा चुनाव पर फोकस है। हरियाणा भाजपा ने एससी मोर्चा के नेताओं को बिहार प्रवास की जिम्मेदारी दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली के दिशा निर्देशानुसार एससी मोर्चा की 12 सदस्यीय टीम 10 दिनों तक एससी बाहुल्य विधानसभाओं में प्रवास करेगी। इस बाबत एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश जरावता ने टीम के सदस्यों की लिस्ट भी जारी कर दी है।

इन नेताओं की लगी ड्यूटी

एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश जरावता के नेतृत्व में पूर्व मंत्री बनवारी लाल, पूर्व मंत्री जगदीश नायर, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, पूर्व विधायक सरिता नारायण, चेयरमैन कप्तान सिंह, प्रदेश प्रवक्ता राज कुमार कटारिया, एससी मोर्चा सचिव कमल निम्बल, एससी मोर्चा सचिव भारत भूषण, एससी मोर्चा सचिव अजय कुंडिया, एससी मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम अर्वा, एससी मोर्चा सचिव दिनेश शास्त्री बिहार प्रवास पर रहेंगे।

इन पांच राज्यों से बिहार जाएंगे नेता

एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश जरावता ने बताया कि एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य के नेतृत्व में हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान से एससी मोर्चा के नेता बिहार की एससी विधानसभाओं में प्रवास करेंगे। प्रवास के दौरान सभी पदाधिकारी व नेता मोदी सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करेंगे। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता के साथ सीधा संवाद कर भाजपा की रीति नीतियों से अवगत कराएंगे। सत्य प्रकाश जरावता ने बताया कि जिन-जिन विधानसभाओं में प्रवास का दायित्व हमें मिला है वहां धरातल पर जाकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान बिहार के लोगों को बताया जाएगा कि भाजपा सरकार ही एससी समाज की सही मायने में हितैषी सरकार है।

एससी समाज की योजनाओं का करेंगे प्रचार

जरावता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने एससी समाज के लोगों के लिए अनेकों नीतियां और योजनाएं बनाई हैं। इन योजनाओं का लाभ एससी समाज के लोगों को मिल रहा है। भाजपा सरकार एससी समाज को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार प्रवास के दौरान एससी मोर्चा के सभी नेता मोदी की उपलब्धियां गिनाएंगे और लोगों को भाजपा से जोड़ने का कार्य करेंगे।

भाजपा ने पिछली बार 10 सीटें जीती थीं

बिहार में 38 एससी और 2 सीट एसटी के लिए रिजर्व हैं। इनमें से 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 10, जदयू को 8, राजद को 9 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाकी आठ सीटें अन्य दलों को मिली थीं। बिहार में अनुसूचित जाति वर्ग की कुल जनसंख्या 19.65% और अनुसूचित जनजाति वर्ग की कुल जनसंख्या 1.68% है। यानी दलित वोटर केवल 38 सीटों पर ही असर नहीं डालते बल्कि अन्य सीटों पर भी इनका प्रभाव है। ऐसे में भाजपा इस वर्ग पर खास फोकस कर रही है।

हरियाणा की 17 एससी सीटों पर यह था गणित

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से 17 सीटें एससी के लिए रिजर्व हैं। 2019 विधानसभा की बात करें तो 17 में से 7 सीटें कांग्रेस, 5 भाजपा, 4 जेजेपी और एक निर्दलीय ने जीती थी। इस बार कांग्रेस ने 9 और भाजपा ने 8 सीटें अपने नाम की। वहीं, कई अन्य सीटों पर भी दलित वोटर्स का भाजपा की ओर झुकाव देखा गया। लोकसभा चुनाव में पांच सीटें गंवाने के बाद भाजपा विधानसभा चुनाव में शुरू से ही दलित वोटर्स को लेकर आक्रामक दिखी। कांग्रेस काल में हुए दलित कांडों को प्रमुखता से उठाया गया। वहीं, एससी ए और बी वर्ग में वर्गीकरण का मामला भी छाया रहा।

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