Bhiwani manisha murder case: दिल्ली से FSL टीम ने आकर जुटाए सबूत, अब खुलेगा मनीषा की मौत का राज

भिवानी मनीषा मौत मामले में सीबीआई ने घटनास्थल पर जाकर सबूत जुटाए।
Bhiwani manisha murder case : भिवानी जिले के चर्चित टीचर मनीषा मौत केस मामले में सीबीआई की ओर से बड़ा अपडेट सामने आया है। शुक्रवार को दिल्ली से विशेष फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री FSL टीम गांव सिंघानी पहुंची और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने खेतों में वह जगह देखी, जहां 13 अगस्त को मनीषा का शव बरामद हुआ था। इस दौरान टीम ने मौके से अहम साक्ष्य जुटाए और लगभग ढाई घंटे तक जांच-पड़ताल की।
घटनास्थल पर जुटाए नए सबूत
मनीषा का शव 13 अगस्त को गांव सिंघानी के खेतों में मिला था। इसके बाद से यह सवाल बना हुआ है कि मौत आत्महत्या थी या हत्या। शुक्रवार को आई एफएसएल टीम ने खेतों में जाकर साक्ष्य इकट्ठे किए। पुलिस ने पहले से ही जगह को सील कर रखा था ताकि जांच में कोई रुकावट न आए। मौके से लिए गए फोटो और वीडियो सीबीआई को पहले ही सौंपे जा चुके थे। हालांकि मौकास्थल पर कई दिन बारिश आने के बाद कई सबूत मिटने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इसके बावजूद एफएसएल की सीनियर टीम इस मामले में कई खुलासे कर सकती है।
सीबीआई की गहन जांच जारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। टीम 3 सितंबर से भिवानी में डेरा डाले हुए है और लगातार अलग-अलग एंगल से केस की तहकीकात कर रही है। मनीषा के परिवारजनों, प्ले स्कूल संचालक, नर्सिंग कॉलेज के स्टाफ और लाइब्रेरी संचालकों से भी कई चरणों में पूछताछ की जा चुकी है। अब एफएसएल टीम ने भी आकर मौके पर जांच की है। इसे बेहद अहम माना जा रहा है।
परिवार और पुलिस के दावों में विरोधाभास
भिवानी पुलिस ने कई दिन की जांच के बाद मनीषा की मौत को आत्महत्या करार देते हुए सुसाइड नोट भी जारी किया था। लेकिन परिवार ने पुलिस की इस थ्योरी को नकार दिया था। परिवार का कहना है कि मनीषा आत्महत्या नहीं कर सकती थी। इस मामले में करीब एक सप्ताह तक पूरे हरियाणा में जन आंदोलन खड़ा हुआ था। हजारों की संख्या में लोग मनीषा के गांव ढाणी लक्ष्मण और सिंघानी गांव पहुंचे थे। स्थानीय लोग भी पुलिस की बात मानने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि अब तक मनीषा की मौत रहस्य बनी हुई है।
11 अगस्त को लापता, 13 को मिला शव
28 वर्षीय मनीषा 11 अगस्त को अपने गांव से प्ले स्कूल पढ़ाने के लिए निकली थीं। लेकिन वह घर वापस नहीं लौटीं। दो दिन बाद, 13 अगस्त को उसका शव गांव सिंघानी के खेतों में मिला। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। करीब एक महीना बीत जाने के बावजूद यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मनीषा ने आत्महत्या की थी या यह सुनियोजित हत्या थी। जांच एजेंसियां सबूतों और पूछताछ के आधार पर घटनाक्रम को समझने की कोशिश कर रही हैं। शुक्रवार को एफएसएल टीम की एंट्री से उम्मीद जताई जा रही है कि मौत की असली वजह जल्द सामने आ सकेगी।
टीचर मनीषा केस में कब-क्या हुआ
11 अगस्त 2025 : मनीषा नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए घर से गई। शाम तक वापस नहीं लौटी तो परिवार ने लोहारू थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
12 अगस्त 2025 : कोई सुराग नहीं मिला। परिवार तलाश करता रहा। पुलिस पर लापरवाही और गंभीरता से जांच न करने का आरोप लगा तो हंगामा खड़ा हुआ।
13 अगस्त 2025 : सिंघानी गांव के खेतों में मनीषा का शव बेहद बुरी हालत में मिला। गुस्साए परिजनों ने सड़क जाम कर 4 घंटे तक प्रदर्शन किया।
14 अगस्त 2025 : परिजन शव लेने से इनकार कर सिविल अस्पताल में धरने पर बैठ गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर कट का निशान मिला, लेकिन डॉक्टरों ने रेप की पुष्टि नहीं की।
15 अगस्त 2025 : परिजनों ने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग रखी।
16 अगस्त 2025 : मुख्यमंत्री ने भिवानी SP को हटाया और कई पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए। दिल्ली रोड जाम और बाजार बंद रहे। रोहतक PGI में दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया। वहां भी रेप की पुष्टि नहीं हुई।
17 अगस्त 2025 : परिजन धरने पर डटे रहे। मंत्री श्रुति चौधरी ने भरोसा दिलाया कि जांच की सीएमओ ऑफिस से पर्सनली मॉनिटरिंग होगी।
18 अगस्त 2025 : पुलिस को मनीषा का सुसाइड नोट मिला। मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया कि जहर से मौत हुई है। परिवार ने पुलिस पर हत्या को आत्महत्या साबित करने का आरोप लगाया।
20 अगस्त 2025 : मामले की जांच CBI को सौंपने का ऐलान हुआ। तीसरी बार AIIMS नई दिल्ली में पोस्टमार्टम किया गया। CBI जांच मानने पर परिजनों ने अंतिम संस्कार किया और धरना समाप्त किया।
21 अगस्त 2025 : गांव लाधवान में मनीषा का अंतिम संस्कार हुआ।
26 अगस्त 2025 : केस को औपचारिक रूप से CBI को ट्रांसफर कर दिया गया।
