भिवानी में स्कूल गेट पर जड़ा ताला: अध्यापकों की कमी के चलते ग्रामीणों ने उठाया कदम, शिक्षा विभाग के खिलाफ लगाए नारे

Villagers and others standing outside after locking the school in protest against the shortage of te
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शिक्षकों की कमी के विरोध में स्कूल पर ताला लगाने के बाद बाहर खड़े ग्रामीण व अन्य।
तोशाम में जेबीटी अध्यापकों की कमी के चलते ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया। मौके पर पहुंच शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया।

तोशाम/भिवानी: राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जेबीटी अध्यापकों की कमी के चलते ग्रामीणों ने स्कूल में पहुंचकर मंगलवार सुबह स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया। जिसके चलते विद्यार्थी तथा स्टाफ सदस्य करीबन आधे घंटे तक गेट के बाहर सड़क पर खड़े रहे। आधे घन्टे बाद थाना प्रभारी ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से बात कर ताला खुलवाया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया तो वे फिर से प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।

बच्चों को बाहर निकाल जड़ा ताला

सुबह सवेरे ग्रामीण एकत्रित होकर स्कूल में पहुंच गए। उस समय स्कूल का स्टाफ पहुंचा नहीं था। ग्रामीणों ने स्कूल मंस पहुंचे सभी बच्चों को बाहर निकाल दिया और मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। ग्रामीण स्कूल के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चे भी बैठ गए। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मामले की जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को जल्द ही स्टाफ पूरा करवाए जाने का आश्वासन दिया।

प्राइमरी स्कूल में 275 विद्यार्थी

ग्रामीणों ने बताया कि प्राइमरी स्कूल में 275 विद्यार्थी हैं और केवल तीन अध्यापक हैं। छात्रों की संख्या को देखते विद्यालय में कुल दस अध्यापक होने चाहिए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस बारे में शिक्षा मंत्री, मौलिक शिक्षा निदेशालय व उच्च अधिकारियों को कई बार सूचित कर चुके हैं लेकिन अभी तक अध्यापक नहीं आए। बच्चों की नींव प्राइमरी से होती है और उसमें अध्यापक नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। सरकार शिक्षा पर बड़े बड़े दावे तो करती है, लेकिन स्कूलों में अध्यापक नहीं है।

क्या कहते है अधिकारी

इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी राजसिंह ने बताया कि तीन अध्यापकों को डेपूटेशन पर भेज दिया था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। अब 3 और अध्यापकों को डेपूटेशन पर भेजा जाएगा। उसके बाद भी अगर जरूरत होगी तो अन्य अध्यापकों को भी स्कूल में डेपूटेशन पर भेजा जाएगा।

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