सिंचाई विभाग सुंदर ग्रुप की नहरों पर मेहरबान: बिना सूचना के 450 क्यूसेक छोड़ा पानी, ओवरफलो हुई नहरें

View of the canal overflowing.
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नहर के ओवरफ्लो होने का दृश्य।
भिवानी में सिंचाई विभाग की तरफ से सुंदर ग्रुप की नहरों में बिना सूचना दिए ही 450 क्यूसेक पानी छोड़ दिया, जिससे नहर ओवरफ्लो हो गई।

भिवानी: कई बार मांगने पर भी इडेंट के हिसाब से नहरों को पानी नहीं मिल पाता, लेकिन इस बार सिंचाई विभाग सुंदर ग्रुप की नहरों पर मेहरबान नजर आया। पहली बार सिंचाई विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना के सुंदर ग्रुप की नहरों में मांग की अपेक्षा 450 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। जब नहरों में पानी पहुंचा और ओवरफ्लो हुई तो सिंचाई विभाग की सांसे अटक गई। हालांकि अधिकारियों की सूझ बूझ व उनके धर्य की वजह से नहर टूटने से बच गई, लेकिन अगर अधिकारी होचपोच होते तो सुंदर ग्रुप की अधिकांश नहरें बिखरते हुए देर नहीं लगती। कई जगहों पर नहरों के ओवरफ्लो होने से खेतों में पानी जमा जरूर हुआ है।

2100 क्यूसेक पानी की भेजी थी मांग

जानकारी अनुसार सिंचाई विभाग ने जिले की नहरों के लिए 2100 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की मांग भेजी थी। इसी हिसाब से विभाग के अधिकारियों ने तैयारी की थी, लेकिन विभाग ने सुंदर ग्रुप की नहरों में पौने 2600 क्यूसेक (2575) पानी छोड़ दिया, जबकि नहरों में इस वक्त इतने पानी की क्षमता नहीं थी। क्योंकि कुछ नहरों में अभी सफाई के बाद घास फूस भी पड़ा हुआ था। जिसके चलते पानी आगे बहने की बजाए रुकने लगा, जिसके चलते सुंदर ग्रुप की अधिकांश नहरें ओवरफ्लों होने लगी। शाम तक अधिकांश नहर व माइनरों में मांग से ज्यादा पानी बह रहा था। जिसकी वजह से टूटने का अंदेशा बना रहा।

पूरी रात विभाग मशीनों को लेकर करता रहा गश्त

जैसे ही नहरों के ओवरफ्लों होने की सूचना मिली तो विभाग के कार्यकारी अभियंता से लेकर बेलदार व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहरों पर पहुंचने लगे। पूरी रात जहां पर नहरों के ओवरफ्लो होने की सूचना मिलती, वहीं पर जेसीबी व पापलेंड मशीन लेकर पहुंचते। इस दौरान गुजरानी माइनर में जुई फीडर का पानी जाने की वजह से ज्यादा ओवरफ्लो हो गई, लेकिन उसके बावजूद विभाग ने नहर को टूटने से बचा लिया। इसी तरह सुंदर डिस्ट्रीब्यूटरी, निगाना फीडर आदि नहरों में मांग की अपेक्षा ज्यादा पानी बहा। देर रात पानी के नियंत्रित होने के बाद ही अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

गुजरानी पम्प हाऊस की वायर जलने से गड़बड़ाया सिस्टम

देर रात जैसे ही नहरों में पानी पहुंचा तो अचानक मिताथल फीडर के पम्प हाऊस में गड़ब़ड़ी आ गई और वायर जल गई। इस दौरान जुई फीडर की एक किनारे से ओवरफ्लो होकर पानी मिताथल फीडर की नहरों में जाने लगा। जिसके चलते गांव मिताथल में फीडर ओवरफ्लो हो गया और पानी खेतों में घुसने लगा। इस दौरान सिंचाई विभाग ने पम्प हाऊस पर चार मोटरें चला दी और वायर की एडजेस्टमेंट में जुट गए। रात को करीब नौ बजे के आसपास विभाग चार मोटर ओर चलाने में कामयाब हो गया। उसके बाद पानी सही ढंग से आगे बहने लगा। पानी के कम होने के बाद विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

अंतिम छोर पर पहुंचा पूरा पानी

भले की बिना सूचना के अतिरिक्त पानी पहुंचना अधिकारियों के लिए परेशानी का कारण बन गया हो, लेकिन अधिकारी नहरों को टूटने से बचा गए। पानी पूरा मिलने के बाद जिले की अधिकांश नहर व माइनरों के अंतिम छोर तक पूरा पानी पहुंच गया था। कुछ पर शाम तक पहुंचा। टेलों पर पानी पहुंचने की वजह से लोगों में खुशी देखने को मिली।

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