Chhoti Kashi: हरियाणा में है 'छोटी काशी', यहां शिव-पार्वती, बजरंगबली और माता दुर्गा के करें दर्शन

Chhoti Kashi Bhiwani
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भिवानी में छोटी काशी

Chhoti Kashi: हरियाणा में भिवानी को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां भगवान शिव-पार्वती, हनुमान और माता रानी का मंदिर स्थित है, जो सैकड़ों साल पुराने हैं।

Chhoti Kashi: हरि के प्रदेश हरियाणा में एक भिवानी शहर है, जिसकी स्थापना राजपूत राजा नीम सिंह ने की थी। उन्होंने अपनी पत्नी भानी के नाम पर इस शहर का नाम भानी रखा था। इसे बाद में बदलकर भिवानी कर दिया गया। भिवानी को 'छोटी काशी', 'मिनी काशी' या 'मंदिरों के नगर' के नाम से जाना जाता है। धर्म और आस्था को लेकर भिवानी की अपनी अलग पहचान है।

यहां सैकड़ों की संख्या में मंदिर हैं, जो हर देवी-देवता को समर्पित हैं। मान्यता है कि यहां पर 300 से ज्यादा मंदिर हैं, जिसके कारण इस जगह को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है। छोटी काशी में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें जोगीवाला मंदिर, हनुमान जोहड़ी मंदिर, देवसर धाम और सेठ किरोड़ीमल मंदिर हैं।

जोगीवाला मंदिर


जोगीवाला मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि ये मंदिर लगभग 300 साल पुराना है। इस मंदिर में बाबा मस्तनाथ के शिष्य बाबा मेहूनाथ ने भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की थी। यहां लगभग पूरे साल काफी भीड़ रहती है। हालांकि शिवरात्रि के दौरान यहां काफी ज्यादा भीड़ होती है।

हनुमान जोहड़ी मंदिर


हनुमान जोहड़ी मंदिर भिवानी का एक प्रसिद्ध मंदिर है, ये मंदिर भिवानी शहर के हनुमान ढाणी चौक के पास स्थित है। ये मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहां पर बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि पांडवों ने महाभारत काल के दौरान यहां विश्राम किया था और हनुमान जी का दर्शन और पूजन किया था।

देवसर धाम


भिवानी से मात्र सात किलोमीटर दूरी पर बसा गांव देवसर है, जहां पर देवसर धाम है। देवसर धाम पहाड़ी पर बना माता रानी का मंदिर है, जो देश-विदेश में मशहूर है। मान्यता है कि इस मंदिर में माता रानी से मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती हैं। कहा जाता है कि ये मंदिर 700 साल पुराना है।

सेठ किरोड़ीमल मंदिर


भिवानी में सेठ किरोड़ीमल मंदिर काफी प्रसिद्ध है। ये मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, जिसकी स्थापना सेठ किरोड़ीमल ने साल 1951 में कराई थी। इस मंदिर में श्रीकृष्ण के दर्शन और पूजन करने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं।

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