डॉक्टरों की कमी होगी दूर: भिवानी-नारनौल में 300 छात्र लेंगे MBBS में दाखिला, सरकार ने केंद्र से मांगी अनुमति

MBBS seats
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भिवानी-नारनौल में MBBS में दाखिले की तैयारी। 

हरियाणा में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ाने की तैयारी चल रही है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर भिवानी और नारनौल में दो नए मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई शुरू करने की मांग की है।

MBBS admission : हरियाणा में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने केंद्र सरकार से दो नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति मांगी है। इन दोनों कॉलेजों में कुल 300 सीटें होंगी, जिससे राज्य में डॉक्टरों की कमी को दूर करने में बड़ी मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस संबंध में एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने भिवानी के पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज और नारनौल के राजकीय मेडिकल कॉलेज कोरियावास में जल्द से जल्द दाखिले शुरू करने का अनुरोध किया है।

हर जिले में मेडिकल कॉलेज का लक्ष्य

हरियाणा सरकार का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है राज्य के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करना। इस लक्ष्य का उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि राज्य के युवाओं को चिकित्सा की पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों या देशों में न जाना पड़े। सरकार मानती है कि इससे छात्रों और उनके परिवारों का समय और पैसा दोनों बचेगा।

स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने बताया कि राज्य में कुल 6 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। इनमें से भिवानी और नारनौल के कॉलेजों का निर्माण कार्य पूरी तरह से समाप्त हो चुका है और अब वे दाखिले शुरू करने के लिए तैयार हैं। इन कॉलेजों में अत्याधुनिक सुविधाएँ और योग्य फैकल्टी उपलब्ध है, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

NMC की अनुमति का इंतजार

हरियाणा सरकार ने दोनों कॉलेजों में 150-150 एमबीबीएस छात्रों को दाखिला देने के लिए जनवरी 2025 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को आवेदन पत्र भेजा था। हालांकि, अभी तक इस आवेदन पर अनुमति नहीं मिली है। स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री दोनों से व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है ताकि NMC तुरंत अनुमति पत्र (Letter of Permission - LOP) जारी करे।

अगर यह अनुमति जल्दी मिल जाती है, तो दोनों कॉलेजों में 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से ही दाखिले शुरू हो जाएंगे। इससे न केवल हरियाणा के छात्रों को लाभ होगा, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में भी सुधार आएगा। इन कॉलेजों के खुलने से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ेगी।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम

नए मेडिकल कॉलेजों का खुलना हरियाणा के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। फिलहाल राज्य में डॉक्टरों की कमी एक बड़ी चुनौती है और ये कॉलेज इस कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा ये कॉलेज स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेंगे, चाहे वे मेडिकल स्टाफ हों या अन्य कर्मचारी।

मंत्री आरती राव ने कहा कि उनका मानना है कि इन कॉलेजों से कुशल डॉक्टरों की एक नई पीढ़ी तैयार होगी, जो राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। यह कदम हरियाणा सरकार की लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह एक ऐसा निवेश है जिसका लाभ न केवल वर्तमान पीढ़ी को मिलेगा, बल्कि भविष्य में भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखा जाएगा।

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