मनीषा के पिता की भावुक अपील: वीडियो संदेश जारी कर कहा- राजनीति न करें, हमें सरकार की जांच पर पूरा भरोसा

वीडियो संदेश में अपील करते मनीषा के पिता संजय।
हरियाणा विधानसभा में कल (22 अगस्त) हुए हंगामे के बीच भिवानी की मनीषा के पिता संजय ने भावुक वीडियो संदेश जारी किया है। इस वीडियो में उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से हाथ जोड़कर मार्मिक अपील की है। उनका कहना है कि इस दुःखद घड़ी में मेरी बेटी की मौत को लेकर राजनीति न की जाए, बल्कि मुझे और मेरे परिवार को सिर्फ न्याय चाहिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उनकी दो प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है, जिससे उन्हें सरकार की जांच प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है।
पिता की दो मुख्य मांगें और सरकार का भरोसा
मनीषा के पिता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सरकार से दो महत्वपूर्ण मांगें रखी थीं। पहली मांग थी कि इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराई जाए, ताकि जांच में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। दूसरी मांग उनकी बेटी का ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में पोस्टमॉर्टम कराने की थी। उनका कहना है कि इन दोनों मांगों को मुख्यमंत्री ने पूरा कर दिया है। इससे उन्हें यह विश्वास हुआ है कि सरकार भी इस मामले की तह तक जाना चाहती है और दोषियों को सजा दिलाना चाहती है।
विधानसभा में हंगामा और वेल में आकर प्रदर्शन किया
यह वीडियो उस समय सामने आया है जब हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र का पहला दिन मनीषा की मौत के मामले को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ रहा था। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कानून-व्यवस्था (Law and Order) की स्थिति पर सरकार को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस विधायकों ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के पोस्टर लेकर सदन के वेल में आकर प्रदर्शन किया। इस दौरान विधानसभा स्पीकर को कार्यवाही छह बार स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर 'काम रोको प्रस्ताव' भी दिया, जिस पर 26 अगस्त को चर्चा होने की उम्मीद है।
पिता सिर्फ न्याय की गुहार लगा रहे
संजय के वीडियो संदेश का सार यह है कि एक तरफ जहां राजनीति दल इस मामले को लेकर अपनी-अपनी रोटियां सेंकने में लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ एक पिता अपनी बेटी के लिए सिर्फ न्याय की गुहार लगा रहा है। वह कहते हैं मैं सभी राजनीतिक दलों से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि मेरी बेटी के मामले में ये राजनीतिक दल राजनीति न करें। इस बयान से स्पष्ट है कि उन्हें अपनी बेटी की मौत का दुख तो है ही, साथ ही इस दुःखद घटना पर हो रही राजनीति से भी वो आहत हैं। उनका यह रुख यह दर्शाता है कि एक आम नागरिक के लिए न्याय की लड़ाई कितनी कठिन होती है, खासकर जब उसका मामला राजनीतिक दांव-पेंच का हिस्सा बन जाता है।
सभी पक्षों को जांच पर भरोसा रखना चाहिए
मनीषा के पिता ने साफ शब्दों में कहा है कि उन्हें सरकार पर पूरा भरोसा है। यह भरोसा इस बात से और भी पुख्ता होता है कि सरकार ने उनकी प्रमुख मांगों को तत्काल स्वीकार कर लिया। उनका यह कदम उन सभी लोगों के लिए एक संदेश है जो इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। संजय की अपील है कि इस संवेदनशील मुद्दे को शांत और धैर्य के साथ निपटाया जाए, और सभी पक्षों को जांच पर भरोसा रखना चाहिए।
मनीषा की मौत का मामला हरियाणा का बड़ा मुद्दा बना
मनीषा की मौत का मामला हरियाणा के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। जहां एक ओर विपक्ष सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर मनीषा के पिता की भावुक अपील एक मानवीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। उनकी मांगें और सरकार के प्रति उनका भरोसा यह साबित करता है कि जनता को राजनीतिक बयानबाजी से ज़्यादा निष्पक्ष जांच और त्वरित न्याय की उम्मीद है।
