अंबाला सेंट्रल जेल से पॉक्सो एक्ट का आरोपी फरार: बिजली कट का फायदा उठाकर फांदी 18 फुट ऊंची दीवार, 2 वार्डन सस्पेंड

अंबाला सेंट्रल जेल।
हरियाणा की अंबाला सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शनिवार को दिनदहाड़े एक बंदी जेल की ऊंची दीवार फांदकर फरार हो गया। इस घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है, जिसके बाद तत्काल कार्रवाई कर जेल प्रशासन ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, जिनमें हेड वार्डन दिलीप और वार्डन गौरव शामिल हैं।
यह घटना तब हुई जब जेल परिसर में बिजली बार-बार कट रही थी, जिसका फायदा उठाकर रेप और पॉक्सो एक्ट जैसे गंभीर अपराधों में बंद कैदी अजय कुमार भागने में सफल रहा। यह अंबाला सेंट्रल जेल में 45 दिनों के भीतर दूसरी फरारी की घटना है, जो जेल की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंताएं पैदा करती है।
दिनदहाड़े ऐसे भागा आरोपी
फरार हुए बंदी की पहचान अजय कुमार (निवासी खजूरी बाड़ी, तेहरागच्छ थाना किशनगंज, बिहार) के रूप में हुई है। वह 17 मार्च 2024 से आईपीसी की धारा 363, 366ए, 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मनसा देवी कांप्लेक्स, पंचकूला से जुड़े एक मामले में जेल में बंद था।
• वारदात का समय: शनिवार दोपहर करीब 3 बजे जब जेल परिसर में चल रहे कारखाने को बंद करने की प्रक्रिया चल रही थी।
• फरारी का खुलासा: बंदियों की गिनती के दौरान अजय कुमार गायब पाया गया, जिसके बाद जेल में हड़कंप मच गया और तुरंत तलाशी अभियान शुरू किया गया।
• भागने का तरीका: सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला कि अजय ने पहले जेल के अंदर बने कारखाने की छोटी दीवार लांघी। इसके बाद वह करीब 18 फुट ऊंचे बिजली के खंभे पर चढ़ गया। उसने इसी खंभे के सहारे बिजली की तार को पकड़ा और मुख्य दीवार को पार करके फरार हो गया।
बिजली कट और जेल प्रशासन की लापरवाही
सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक ने बलदेव नगर थाने को दी शिकायत में बताया कि शनिवार सुबह से ही जेल परिसर में बिजली के कट बार-बार लग रहे थे।
• रणनीति का फायदा : अजय ने इसी बिजली कट की स्थिति का फायदा उठाया, क्योंकि बिजली के तारों में करंट न होने या सुरक्षा प्रणालियों के अस्थिर होने से उसे भागने का आसान मौका मिल गया।
• जांच का दायरा : पुलिस ने बलदेव नगर थाने में मामला दर्ज कर लिया है और फरार बंदी की तलाश में कई टीमें गठित की हैं। पुलिस अब इस बात की गहन जांच कर रही है कि अजय ने यह योजना कब और कैसे बनाई। साथ ही, जांच का मुख्य केंद्र यह है कि क्या जेल स्टाफ की किसी स्तर पर लापरवाही या मिलीभगत रही है। बलदेव नगर थाना प्रभारी धर्मबीर के अनुसार, अजय की योजना काफी सोची-समझी लगती है।
45 दिन में दूसरी चूक
अंबाला सेंट्रल जेल की यह सुरक्षा चूक कोई अकेली घटना नहीं है। 45 दिन पहले भी जेल से एक कैदी फरार हुआ था, जिसके बाद बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई थी।
• पहली फरारी: इससे पहले 13 अगस्त को पंचकूला निवासी सुखबीर कालिया नामक बंदी जेल से फरार हो गया था। उस पर धार्मिक स्थल पर अश्लील हरकत करने का आरोप था।
• पिछली लापरवाही: जांच में खुलासा हुआ था कि सुखबीर कालिया सिलेंडर छोड़ने आई गाड़ी के नीचे छिपकर भागा था। उस समय किसी भी सुरक्षाकर्मी या सीसीटीवी ऑपरेटर को इस बात का पता नहीं चला था।
• पिछली कार्रवाई: उस घटना के बाद जेल अधीक्षक ने मुख्य वार्डन सतीश और वार्डन आत्माराम को निलंबित कर दिया था, एक एएसआई को चार्जशीट किया गया था और एक डीएसपी का तबादला भी कर दिया गया था।
इतनी बड़ी कार्रवाई के बावजूद, जेल की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार न होना और अब एक पॉक्सो एक्ट के आरोपी का 18 फुट ऊंची दीवार फांदकर भाग जाना यह दर्शाता है कि जेल प्रशासन अभी भी अपनी पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं ले रहा है।
फरार आरोपी की तलाश में अलर्ट जारी
फरार आरोपी अजय कुमार की तलाश के लिए पुलिस ने तत्काल प्रभाव से कई टीमें गठित कर दी हैं।
• नाकेबंदी और चेकिंग: अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर और आसपास के जिलों में नाकेबंदी कर दी गई है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और हाईवे पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है ताकि आरोपी को राज्य से बाहर भागने से रोका जा सके।
• बाहरी मदद की आशंका: पुलिस अब इस कोण से भी जांच कर रही है कि कहीं अजय को जेल से भागने में बाहर से किसी ने मदद तो नहीं की।
एक संवेदनशील जेल से बार-बार कैदियों का भाग निकलना हरियाणा की कानून-व्यवस्था और जेल सुरक्षा मानकों पर एक बड़ा सवाल है, जिस पर तत्काल और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
