अंबाला में ससुराल ने दामाद की रखी लाज: लोगों ने फिर निर्मल सिंह को दिया आशीर्वाद, एकतरफा रहा मुकाबला

Congress MLA Nirmal Singh receiving the certificate after the victory.
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जीत के बाद सर्टिफकेट लेते हुए कांग्रेसी विधायक निर्मल सिंह। 
हरियाणा के अंबाला में कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी निर्मल सिंह की इस बार उनकी ससुराल ने लाज रखकर उन्हें विधानसभा पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

अंबाला: जिले की ग्रामीण सीटों पर बेशक कांग्रेस की जीत आसान रही, पर शहरी सीटों पर प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर रही। खासकर अंबाला छावनी सीट पर इस बार आजाद प्रत्याशी चित्रा सरवारा ने पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को कड़ी टक्कर देकर भाजपा कार्यकर्ताओं की धड़कन बढ़ाकर रखी। इसी तरह अंबाला शहर सीट पर भी पूर्व मंत्री निर्मल सिंह व भाजपा प्रत्याशी असीम गोयल के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। मतदान से पहले निर्मल सिंह के रिकॉर्ड मार्जन से जीतने की संभावनाएं जताई जा रही थी। मगर अंतिम राउंड में वे 11 हजार से ज्यादा मतों से जीतने में कामयाब रहे।

ससुराल ने दामाद की रखी लाज

अंबाला शहर से कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी निर्मल सिंह की इस बार उनकी ससुराल ने लाज रखकर उन्हें विधानसभा पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। दरअसल शहर विधानसभा सीट के तहत आने वाला गांव कांवला पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की ससुराल है। यह गांव निर्मल सिंह की पत्नी नैब कौर का पैतृक गांव है। इस बार कांवला से निर्मल सिंह को करीब एक हजार वोट की लीड मिली। इस लीड के दम पर निर्मल सिंह अंतिम राउंड तक आगे रहे। बाद में उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया।

ग्रामीणों ने लाडले के पक्ष में किया मतदान

भाजपा प्रत्याशी एवं सरकार में राज्य मंत्री रहे असीम गोयल का नन्यौला के ग्रामीणों ने बेहद ख्याल रखा। लोकसभा चुनाव में इस गांव के लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था। इस बार ग्रामीणों ने अपने बेटे असीम गोयल का ख्याल रखा। अपने गांव से असीम ने सभी चार बूथों पर जीत दर्ज की। प्रचार के दौरान भी ग्रामीणों ने असीम को गांव से जितवाने का ऐलान किया था। ग्रामीणों ने अपनी जुबान पर कायम रहते हुए असीम गोयल के पक्ष में जमकर मतदान किया।

इनेलो-बसपा का सुपड़ा साफ

विधानसभा में छोटे क्षेत्रीय दलों का सूपड़ा साफ हो गया। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी, बसपा, इनेलो, आजाद समाज पार्टी व जजपा समेत कई दूसरे छोटे दलों ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। इनेलो-बसपा का गठनबंधन होने की वजह से इस बार उम्मीद थी कि इन पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। मगर इन सभी दलों के प्रत्याशी चारों विधानसभा सीटों पर फिसड्डी रहे। केवल नारायणगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी हरबिलास सिंह 25 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे। अन्य दलों के प्रत्याशी दो हजार वोट के आंकड़े को भी नहीं छू पाए।

छावनी सीट पर कांग्रेस की जमानत जब्त

अंबाला छावनी विधानसभा सीट पर इस बार भी आजाद उम्मीदवार चित्रा सरवारा ने कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी कर सारे समीकरण बिगाड़ दिए। कांग्रेस की ओर से टिकट कटने के बाद चित्रा सरवारा इस बार भी आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में कूद गई। पिछली बार के मुकाबले इस बार उसने भाजपा प्रत्याशी अनिल विज को बेहद कड़ी टक्कर दी। चित्रा के शानदार प्रदर्शन की वजह से कांग्रेस प्रत्याशी परविंद्र पाल परी पंद्रह हजार वोट के आंकड़े को नहीं छू पाया। इसी वजह उसकी जमानत राशि जब्त हो गई। लगातार दूसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जमानत राशि बचाने में कामयाब नहीं हो पाए।

जीत के बाद मिले सर्टिफिकेट

विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद रिटर्निंग अधिकारियों की ओर से विजेता उम्मीदवारों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। अंबाला शहर सीट से विजेता कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह, नारायणगढ़ से कांग्रेस की विधायक बनी शैली चौधरी व अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक बने अनिल विज को जीत का सर्टिफिकेट दिया गया। सर्टिफिकेट मिलते ही विजेता उम्मीदवारों के समर्थक खुशी से झूम उठे।

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