अंबाला में डंपिंग यार्ड में भीषण आग: फोम और सरकंडों ने बढ़ाई मुसीबत, 4 घंटे बाद काबू पाया गया

फोम और सरकंडों ने बढ़ाई मुसीबत, 4 घंटे बाद काबू पाया गया
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आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया, आसमान में दूर-दूर तक धुआं फैल गया। पुलिस और दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं। अभियान में दमकल की छह गाड़ियों को लगाया गया।

अंबाला शहर के पंजोखरा गांव के नजदीक स्थित एक डंपिंग यार्ड में रविवार शाम भीषण आग लग गई। इस आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया, जिससे आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया और आसमान में दूर-दूर तक धुआं फैल गया। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इस अभियान में दमकल की छह गाड़ियों को लगाया गया।

यार्ड में गद्दों की बची हुई फोम भी पड़ी हुई थी

यह आग अंबाला शहर के पंजोखरा गांव के पास स्थित एक डंपिंग यार्ड में लगी थी। शुरुआती जानकारी के अनुसार, आग पहले सरकंडों में लगी, जो आमतौर पर सूखे होने के कारण तेजी से जलते हैं। लेकिन सबसे चिंताजनक बात यह थी कि इस यार्ड में गद्दों की बची हुई फोम भी पड़ी हुई थी। फोम अत्यंत ज्वलनशील होती है और इसमें आग लगने से वह बहुत तेजी से फैलती है और बुझाने में भी मुश्किल होती है। इसी फोम की वजह से आग ने इतना बड़ा रूप ले लिया और उसे काबू करने में काफी समय लगा।

आसमान में छाया धुएं का गुबार, लोगों में दहशत

जैसे ही आग लगी, डंपिंग यार्ड से उठता धुएं का घना गुबार आसमान में दूर-दूर तक फैल गया। यह दृश्य इतना भयानक था कि आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई। धुएं के कारण सांस लेने में दिक्कत और विजिबिलिटी कम होने जैसी समस्याएं भी सामने आईं। हालांकि, समय रहते दमकल विभाग की मुस्तैदी और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता से कोई बड़ा जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय लोगों ने भी आग बुझाने के शुरुआती प्रयासों में सहयोग किया और दमकलकर्मियों के पहुंचने तक स्थिति को संभालने की कोशिश की।

दमकल विभाग का त्वरित एक्शन और घंटों की मशक्कत

आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग तुरंत हरकत में आ गया। अंबाला दमकल केंद्र से छह दमकल गाड़ियां तत्काल मौके के लिए रवाना की गईं। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद दमकलकर्मियों ने देखा कि आग काफी फैल चुकी थी और उसे काबू करना एक बड़ी चुनौती थी। फोम और सूखे सरकंडों के कारण आग की लपटें तेजी से उठ रही थीं।

दमकलकर्मियों ने बिना देर किए आग बुझाने का काम शुरू कर दिया। उन्होंने पानी की बौछारें डालकर आग की लपटों को नियंत्रित करने का प्रयास किया। यह अभियान घंटों तक चला, क्योंकि आग बार-बार सुलग रही थी और पूरी तरह से बुझाने के लिए बहुत अधिक पानी और लगातार प्रयासों की आवश्यकता थी।

फायर ऑपरेटर साहिल ने दी जानकारी

फायर ऑपरेटर साहिल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में कुल 6 दमकल गाड़ियों को लगाया गया था और करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रविवार देर रात 11 बजे तक आग को पूरी तरह से बुझा दिया गया। साहिल ने यह भी बताया कि फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। अब आग लगने के पीछे के कारणों की विस्तृत जांच की जाएगी, जिसमें स्थानीय पुलिस अधिकारियों की मदद ली जाएगी।

आग लगने के कारणों की जांच होगी

हालांकि, आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन आग लगने के पीछे के सटीक कारणों का पता लगाना अभी बाकी है। आमतौर पर डंपिंग यार्ड में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें फेंके गए सिगरेट के टुकड़े, कांच के टुकड़ों से सूर्य की रोशनी का परावर्तन, या सूखे कचरे में स्वतः दहन शामिल हैं। इस मामले में, सरकंडों और फोम की मौजूदगी ने आग को और भी भयानक बना दिया। पुलिस और दमकल विभाग अब मिलकर इस बात की जांच करेंगे कि आग कैसे लगी और क्या इसमें किसी लापरवाही की भूमिका थी। यह जांच भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होगी।

डंपिंग यार्ड में सुरक्षा उपायों की आवश्यकता

यह घटना एक बार फिर डंपिंग यार्ड में सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को उजागर करती है। ऐसे स्थानों पर ज्वलनशील सामग्री जैसे फोम, प्लास्टिक और सूखे वनस्पतियों को सही ढंग से प्रबंधित करना बेहद जरूरी है। आग की घटनाओं को रोकने के लिए नियमित निगरानी, कचरे का सही वर्गीकरण और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली का होना अनिवार्य है। इस तरह की घटनाएं न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि आसपास रहने वाले लोगों के लिए भी खतरा पैदा करती हैं। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लेते हुए स्थानीय प्रशासन डंपिंग यार्ड की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा।

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