अंबाला के युवक की रूस में मौत: तीन माह पहले स्टडी विजा पर गया था, बुखार से मौत

Ambala
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रूस में नारायणदत्त की मौत की सूचना के बाद विलाप करते परिजन। 

मुलाना से तीन माह पहले स्टडी विजा पर रूस गए युवक की बुखार से मौत हो गई। परिवार ने केंद्र सरकार से शव भारत लाने की गुहार लगाई है। नारायणदत्त रूस में पांच दिन ICU में भर्ती रहा।

हरियाणा में अंबाला के साबांपुर गांव के 26 वर्षीय युवक की रूस में बुखार से मौत हो गई। बुखार होने के बाद नारायणदत्त पांच दिन रूस् के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती रहा। नारायणदत्त का परिवार पिछले कई वर्षों से मुलाना में रह रहा है। वह तीन माह पहले ही स्टडी विजा पर पढ़ने के लिए रूस गया था। अचानक तेज बुखार होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां वीरवार शाम करीब पांच बजे अस्पताल से उसकी मौत की सूचनाभारत पहुंची। नारायणदत्त की मौत से गांव में मातम का माहौल है।

भाई की याद में बहन बदहवास

अपने इकलौत भाई की मौत के बाद बहन शिवानी की आंखें पूरी तरह से नम हैं। वह बताती हैं कि उनका भाई अगस्त 2025 में रूस पढ़ाई के लिए गया था। वहीं के उसके साथियों से जानकारी मिली थी कि उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई है। वह बेहोश हो गया था और उसे तेज बुखार बताया गया था। वह कहती है हमें सिर्फ इतना बताया जा रहा था कि भाई आइसीयू में है। किसी को भी उसे देखने तक नहीं दिया जा रहा था। हम फोन पर उसके बारे में पूछते रहे लेकिन उसकी सही स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही थी।

वीरवार को अचानक आई मौत की सूचना

विलाप करते हुए शिवानी ने बताया कि वीरवार को अचानक उसकी मौत की सूचना आ गई। अब हमारा तो सब कुछ खत्म हो गया। उसने सरकार व प्रशासन से भाई के पार्थिव शरीर जल्द भारत लाने की गुहार लगाई है। नारायणदत्त के पिता रविंद्र शर्मा अपने दुख को शब्दों में पिरोते-पिरोते टूट जाते हैं। उन्होंने कहा कि बेटा उनका इकलौता सहारा था। हमारे घर का उजाला था। बुखार ने मेरा बेटा छीन लिया। अब उसके शव को भारत लाने के लिए लाखों रुपये के खर्च की बात कही जा रही है। हम गरीब लोग हैं। इतना पैसा कहां से लाएंगे।

भारत में हो बेटे का अंतिम संस्कार

पिता रविंद्र शर्मा ने कहा कि अब तो बस उनकी यही इच्छा है कि बेटे का अंतिम संस्कार भारत में हो। मेरी सरकार से विनती है कि हमारे बेटे के शव को भारत लाकर हमें उसका संस्कार अपने देश में करने का मौका दे दे। नारायणदत्त की मौत की खबर से मुलाना व साबांपुर गांव में मातम पसरा है। पड़ोसी, रिश्तेदार और गांव के बड़े-बुजुर्ग बड़ी संख्या में उसके घर पहुंचकर परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। हर किसी की आंखों में आंसू हैं। हर कोई यही कह रहा है कि सरकार आगे आए और परिवार की आर्थिक सहायता कर शव को जल्द भारत लाने की प्रक्रिया पूरी करे।

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