Adult Literacy Programme Ullas: 76 साल के बुजुर्ग पोते के साथ परीक्षा देने पहुंचे, सास-बहू ने भी लिखा क, ख, ग

अंबाला में परीक्षा के लिए दादा को लेकर पहुंचे पोते की पीठ थपथपाते डीईओ।
Adult Literacy Programme Ullas : हरियाणा में आज भी ऐसे हजारों नागरिक हैं, जो अनपढ़ता का दंश झेल रहे हैं। ऐसे ही लोगों को पढ़ाने यानी प्रौढ़ शिक्षा का जिम्मा उल्लास कार्यक्रम में उठाया गया है। इसके तहत ही रविवार को तीसरे चरण की परीक्षा अंबाला के 465 सामाजिक जनचेतना केंद्रों पर आयोजित की गई। इस बार 4868 लर्नर्स परीक्षा में शामिल हुए। इसमें विशेष बात यह रही कि परीक्षा केंद्रों पर शिक्षा के प्रति बुजुर्गों का उत्साह देखने लायक था। कहीं पति-पत्नी साथ बैठे परीक्षा दे रहे थे तो कहीं सास-बहू ने एक साथ सवाल हल किए।
दादी बोलीं-मुझे मेरी पोती ने पढ़ना सिखाया
निरीक्षण के दौरान कई प्रेरणादायक दृश्य सामने आए। मोहड़ा स्कूल में पोता अपने दादा को और दुराना में पोती अपनी दादी को परीक्षा दिलाने स्कूल लेकर पहुंची। यह नजारा देखकर हर कोई रोमांचित दिखाई दिया। धन्यौड़ा केंद्र पर 76 वर्षीय लर्नर ने कहा कि लोग चाहे एक रोटी कम खाएं लेकिन बच्चों को जरूर पढ़ाएं। मोहड़ा की 71 वर्षीय लर्नर ने सबसे पहले पेपर खत्म कर सबको चौका दिया। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मेरी पोती मुझे रोज पढ़ाती है तो क्यों न मैं जल्दी करूं। दुराना की कक्षा पांच की छात्रा वाणी ने अपनी दादी और दादी की सहेली को पढ़ना-लिखना सिखाने के साथ-साथ परीक्षा दिलाने स्कूल तक पहुंचाया। दुखेड़ी में सास कांता देवी और बहू सोनिया ने साथ परीक्षा दी। जलबेड़ा में पति-पत्नी एक साथ पेपर हल करते नजर आए।
बुजुर्गों के साथ डीईओ ने पौधरोपण किया
जिला शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा ने मोहड़ा, दुराना, माजरी, बलाना, नूरपुर कोंकपुर व धन्यौड़ा के परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने बलाना केंद्र पर लर्नर्स के साथ वृक्षारोपण भी किया। जिला शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह अभियान गांव-गांव शिक्षा की नई रोशनी फैला रहा है।
10826 कर चुके हैं परीक्षा पास
इससे पहले चरण की परीक्षा 22 सितंबर 2024 को हुई थी। उसमें जिले के 6721 लर्नर्स शामिल हुए थे, जबकि 6141 ने परीक्षा पास की थी। दूसरे चरण की परीक्षा 30 मार्च 2025 को हुई थी जिसमें 4872 लर्नर्स में से 4685 सफल हुए थे। अब तक जिले के 10826 लर्नर्स परीक्षा पास कर चुके हैं।
सोनीपत में 10 हजार 200 ने दी परीक्षा
सोनीपत में 380 परीक्षा केंद्रों पर 10200 निरक्षरों ने परीक्षा देकर ज्ञान की नई राह की शुरुआत की, जबकि 551 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। जिले का लक्ष्य 24744 निरक्षरों को साक्षर बनाना है, जिसमें अभी तक 20 हजार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। इस साल की पहली परीक्षा मार्च में आयोजित हुई थी, जिसमें 6,325 निरक्षकों ने भाग लिया था।
15 साल से ऊपर के निरक्षरों के लिए है योजना
केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी नव भारत साक्षरता कार्यक्रम-उल्लास का उद्देश्य 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के निरक्षरों को पढ़ना, लिखना और अंक ज्ञान सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। सफल होने पर परीक्षार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जाते हैं।
