Akash Missile Defense System: सुरक्षित 'आकाश' हमारा... वैज्ञानिक जिसने देश को दिया रक्षा कवच

Akash missile Defense System
X

आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम के जनक डॉ. प्रहलाद रामाराव। 

आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगातार पाक के हवाई हमलों को नष्ट कर रहा है। इस डिफेंस सिस्टम को किसने विकसित किया, जानिये यहां...

पाकिस्तान की तरफ से भारत पर लगातार ड्रोन, मिसाइलें और लड़ाकू विमानों से हमले किए जा रहे हैं। भारत इन सभी हमलों को हवा में भी नाकाम कर रहा है। यह सब 'आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम' की वजह से मुमकिन हो पा रहा है। इस स्वदेशी डिफेंस सिस्टम की मारक क्षमता देखकर दुश्मनों का बौखलाना लाजमी है। आज हम उस वैज्ञानिक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने आकाश डिफेंस सिस्टम को विकसित करने में करीब 15 साल का समय खपा दिया। इसके अलावा, आकाश डिफेंस सिस्टम की विशेषताएं भी जान सकते हैं। सबसे पहले बात करते हैं कि आकाश डिफेंस सिस्टम को किसने विकसित किया...

डॉ. प्रहलाद रामाराव ने विकसित किया आकाश डिफेंस सिस्टम
भारत को ऐसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आवश्यकता थी, जो कि सटीकता के साथ हवाई हमलों को रोक सके। पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन कहे जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने इसके लिए डॉ. प्रहलाद रामाराव को चुना। उन्हें आकाश कार्यक्रम का युवा परियोजना निदेशक बनाया गया। इस डिफेंस सिस्टम को आक्रामक बनाने के साथ ही बजट फ्रेंडली बनाना भी था। ऐसे में इसके लिए ज्यादातर स्वदेशी पार्ट्स का इस्तेमाल किया गया। 2021 में इसका एडवांस वर्जन आकाश NG को 2021 में लॉन्च किया गया। आकाश डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह से प्रदर्शन किया, उसे बनाने वाले वैज्ञानिक डॉ. प्रहलाद रामाराव भी भावुक हैं।

वैज्ञानिक रामाराव बोले- ये पूरा आसमान हमारा
वैज्ञानिक प्रहलाद रामाराव ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि दुश्मन के हवाई लक्ष्यों को इतनी सटीकता और खूबसूरती से नष्ट करते देखना मेरे लिए जीवन का सबसे खुशी का दिन है। आकाश बच्चे की तरह है और उम्मीद से बढ़कर काम कर रहा है। उसे देख मेरी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि आकाश के लिए टैगलाइन थी कि 'सारा आकाश हमारा' है और आज यह सच साबित हुआ है।

आकाश डिफेंस सिस्टम की खासियत
आकाश डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है। यह मध्यम दूरी की सतह से हवा मिसाइल प्रणाली है। भारतीय सेना और वायुसेना ने 2014 में इस आकाश डिफेंस सिस्टम को तैनात किया था। यह कम और मध्यम ऊंचाई के हवाई खतरों को हवा में ही नष्ट कर देता है। आकाश के आधुनिक संस्करण Akash NG की रेंज 45 से 70 किलाीमीटर है। यह रडार आधारित कमांड गाइडेंस और एक्टिव रडार होमिंग पर काम करते हुए 90 से 100 प्रतिशत सटीकता के साथ हमले को नष्ट कर देता है।

यह ट्रक पर भी तैनात हो सकता है, लिहाजा कहीं भी ले जाया जा सकता है। अगर दुश्मन जैमिंग या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से इसके कार्य को प्रभावित करने का प्रयास करेगा तो नाकाम साबित होगा। इसके अलावा भी कई खूबियां हैं, जो 'पूरा आसमान हमारा' के दावों की पुष्टि करता है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story