Delhi water shortage: दिल्ली के इन पॉश इलाकों में पानी का संकट मंडराया, 24 से ज्यादा RWA ने लिखा पत्र

दिल्ली में जल संकट
दिल्ली में गर्मी बढ़ते ही पेयजल किल्लत की समस्या पैदा हो जाती है। अभी भीषण गर्मी नहीं पड़ी है, लेकिन एक से डेढ़ सप्ताह के भीतर पारा 45 डिग्री तक पहुंच सकता है। ऐसे में पानी को लेकर लोगों का चिंतित होना लाजमी है। खास बात है कि 24 घंटे पेयजल सप्लाई की सुविधा का फायदा उठा रहे लोग भी चिंतित हैं। इनका कहना है कि जलापूर्ति अनुबंध समाप्त होने जा रहा है। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो उन्हें भी पानी के लिए खास परेशान होना पड़ेगा।
जून में समाप्त होने जा रही अनुबंध नीति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिणी दिल्ली के 24 से अधिक रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों का कहना है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नीति बनाई गई थी। इस नीति के तहत बहुमंजिला इमारतों को 24 घंटे पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने का सफल प्रयास किया गया। लेकिन पिछली बार जिस एजेंसी को यह ठेका दिया गया था, वो ठेका समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में मालवीय नगर, साकेत, सर्वप्रिय विहार, एकता अपार्टमेंट, गोल्फ व्यू अपार्टमेंट की दो दर्जन से अधिक आरडब्ल्यूए ने राज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर अपनी चिंता से अवगत कराया है।
लोगों का कहना है कि जब तक नई एजेंसी का चयन नहीं होता, तब तक पुरानी एजेंसी के माध्यम से पेयजल सप्लाई सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि गर्मी के इस मौसम में पानी को लेकर परेशानी का सामना न करना पड़े।
आप ने बनाई थी रणनीति, लेकिन असफल रही
स्थानीय लोगों का कहना है कि 2012 में कांग्रेस की सरकार एमएनडब्ल्यूएस परियोजना लेकर आई थी, जिसके बाद मालवीर नगर, नवजीवन विहार और गीतांजलि समेत आसपास के इलाकों में आरडब्ल्यूए को सातों दिन 24 घंटे पेयजल सप्लाई आपूर्ति हो गई थी। लेकिन वक्त के साथ यमुना में पानी की कमी, पुरानी पाइपलाइन समेत कई खामियों ने सातों दिन 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने की कोशिश को नाकाम कर दिया। फिर भी दिन में 2 से 3 बार सप्लाई आ जाती है।
लोगों का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने शहर को तीन भागों में बांटकर सातों दिन 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन उनकी योजना असफल रही। एमएनडब्ल्यूएस परियोजना के लिए जिस एजेंसी से अनुबंध था, वो अब समाप्त होने जा रहा है। संबंधित आरडब्ल्यूए ने एलजी को पत्र लिखकर मांग की है कि इस ठेके को जल्द से रिन्यू कराया जाए और जब तक एजेंसी का चयन नहीं होता, तब तक पुरानी एजेंसी के माध्यम से पेयजल सप्लाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस खबर पर दिल्ली जल बोर्ड और संबंधित अधिकारियों का कोई पक्ष सामने नहीं आया है।
